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हिमाचल । जन विज्ञान आन्दोलन के घटक भारत ज्ञान विज्ञान समिति और हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति ने प्रदेशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए अपील की है कि प्रदेशवासी इस बार दीपावली में पटाखे चलाने से परहेज़ करें। प्रैस को जारी एक संयुक्त बयान में समिति के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डाॅ ओम प्रकाश भूरेटा और राज्य सचिव जीयानन्द शर्मा ने कहा है कि इस बार कोरोना के कारण विशेष परिस्थितियां उभरी हैं उसमें ज़रा सा प्रदूषण भी कुछ लोगों के जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है। कोरोना संक्रमण सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करता है और प्रदूषण के कारण समस्या अधिक बढ़ सकती है। डाॅ भूरेटा ने कहा कि कोरोना के कारण हुई मौतों का आकलन किया जाए तो अधिकतर मौतें को-माॅर्बिडिटी वाले मरीज़ों की हुई हैं। इसलिए सांस/ दमे या अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए बारूद का प्रदूषण ज्यादा घातक हो सकता है और उनकी जान के लिए खतरा बन सकता है। डाॅ भूरेटा ने कहा कि लोगों का हरित दीवाली मनाने का निर्णय कोरोना से ग्रस्त मरीज़ों और अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों के हित में होगा। समिति के राज्य सचिव जीयानन्द शर्मा ने कहा कि प्रकाशोत्सव को जीवन में प्रकाश देने के उद्देश्य से मनाएं और संकट के इस दौर में दोहरा आनन्द लें। पैसों की बचत के साथ.साथ उन लोगों के जीवन में भी आनन्द लाएं जिन लोगों को धुएं/बारूद की गंध और प्रदूषण से तकलीफ होती है। समिति ने लोगों से दीपावली में भीड़भाड़ से बचने, मास्क का सही इस्तेमाल करने और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की भी अपील की है। आपका ज़रा सा संयम हजारों लोगों के जीवन को तकलीफ से राहत दे सकता है।
हिमाचल । जन विज्ञान आन्दोलन के घटक भारत ज्ञान विज्ञान समिति और हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति ने प्रदेशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए अपील की है कि प्रदेशवासी इस बार दीपावली में पटाखे चलाने से परहेज़ करें। प्रैस को जारी एक संयुक्त बयान में समिति के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डाॅ ओम प्रकाश भूरेटा और राज्य सचिव जीयानन्द शर्मा ने कहा है कि इस बार कोरोना के कारण विशेष परिस्थितियां उभरी हैं उसमें ज़रा सा प्रदूषण भी कुछ लोगों के जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है। कोरोना संक्रमण सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करता है और प्रदूषण के कारण समस्या अधिक बढ़ सकती है।
डाॅ भूरेटा ने कहा कि कोरोना के कारण हुई मौतों का आकलन किया जाए तो अधिकतर मौतें को-माॅर्बिडिटी वाले मरीज़ों की हुई हैं। इसलिए सांस/ दमे या अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए बारूद का प्रदूषण ज्यादा घातक हो सकता है और उनकी जान के लिए खतरा बन सकता है। डाॅ भूरेटा ने कहा कि लोगों का हरित दीवाली मनाने का निर्णय कोरोना से ग्रस्त मरीज़ों और अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों के हित में होगा।
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समिति के राज्य सचिव जीयानन्द शर्मा ने कहा कि प्रकाशोत्सव को जीवन में प्रकाश देने के उद्देश्य से मनाएं और संकट के इस दौर में दोहरा आनन्द लें। पैसों की बचत के साथ.साथ उन लोगों के जीवन में भी आनन्द लाएं जिन लोगों को धुएं/बारूद की गंध और प्रदूषण से तकलीफ होती है।
समिति ने लोगों से दीपावली में भीड़भाड़ से बचने, मास्क का सही इस्तेमाल करने और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की भी अपील की है।
आपका ज़रा सा संयम हजारों लोगों के जीवन को तकलीफ से राहत दे सकता है।
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