
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला ! आईजीएमसी शिमला के एमएस जनक राज ने साल 2020 के कार्यों और चुनौतियों का ब्यौरा मीडिया के सामने रखा। 2020 का वर्ष कोरोना महामारी से जूझने में ही कट गया क्योंकि यह सभी के लिए नया था इसलिए इससे लड़ाई लड़ने का किसी को भी तजुर्बा नहीं था। कैंसर अस्पताल में उपचार बाधित नही हुआ और इमरजेंसी ऑपरेशन भी गोनाकाल में मरीजों के चलते रहे। वर्ष 2019 में 7 लाख 86 हजार ओपीडी हुई जबकि 2020 में 4 लाख 19 हजार ओपीडी हुई। 2020 में 8,262 मेजर ऑपरेशन किये गए।18,555 माइनर ऑपरेशन हुए। 23 हजार 131 कैंसर की ओपीडी हुई जिसमें 15, 812 कीमो थेरेपी की गई। 4,015 एमआरआई, 76 हजार एक्सरे हुए वर्ष 2020 1010 लोगों की मृत्यु हुई है और 264 लोगों को कोरोना से मौत 5,725 आयुष्मान भारत 10 करोड़ 6लाख 9021 हिम केयर, 17 करोड़ मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता योजना के अंतर्गत 16 लोगों को उपचार किया गया जिसमें 37 लाख रुपये खर्च किया गया। मुख्यमंत्री राहत कोष के अन्तर्गत 7 लोगों का ईलाज किया गया जिसमें 7 लाख रुपए खर्च किया गया।पूरे वर्ष विभिन्न सरकारी योजनाओं द्वारा 28 करोड़ 61 लाख के लगभग मरीजों के उपचार के लिए खर्च्चा गया।इसके अतिरिक्त असहाय मरीजों को सम्मान योजना के लोगों का ईलाज किया गया। 80 वेंटिलेटर सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए गए।आईजीएमसी में 358 स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित हुए हैं जिसमें 60 डॉक्टर है और अन्य स्वास्थ्य कर्मी है।आईजीएमसी में अभी तक 1166 मरीज आये है जिनमे 264 मौत की मौत हुई, 57 लोगो का उपचार चल रहा है जबकि अन्य ठीक होकर घर भेजे गए हैं। एक भी स्वास्थ्य कर्मी की आईजीएमसी में मौत नही हुई है। नए स्ट्रेन वायरस से संक्रमित संभावित व्यक्ति के लिए अलग से आईजीएमसी में दो बिस्तर का इंतजाम किया गया है और उपचार के लिए भी अलग से डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मी की टीम सैनाथ की गयी है यह वायरस कोरोना वायरस का ही नया स्वरूप है और इस वायरस से संक्रमित होने की ज्यादा संभावना है।
शिमला ! आईजीएमसी शिमला के एमएस जनक राज ने साल 2020 के कार्यों और चुनौतियों का ब्यौरा मीडिया के सामने रखा। 2020 का वर्ष कोरोना महामारी से जूझने में ही कट गया क्योंकि यह सभी के लिए नया था इसलिए इससे लड़ाई लड़ने का किसी को भी तजुर्बा नहीं था।
कैंसर अस्पताल में उपचार बाधित नही हुआ और इमरजेंसी ऑपरेशन भी गोनाकाल में मरीजों के चलते रहे। वर्ष 2019 में 7 लाख 86 हजार ओपीडी हुई जबकि 2020 में 4 लाख 19 हजार ओपीडी हुई। 2020 में 8,262 मेजर ऑपरेशन किये गए।18,555 माइनर ऑपरेशन हुए। 23 हजार 131 कैंसर की ओपीडी हुई जिसमें 15, 812 कीमो थेरेपी की गई। 4,015 एमआरआई, 76 हजार एक्सरे हुए वर्ष 2020 1010 लोगों की मृत्यु हुई है और 264 लोगों को कोरोना से मौत 5,725 आयुष्मान भारत 10 करोड़ 6लाख 9021 हिम केयर, 17 करोड़ मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता योजना के अंतर्गत 16 लोगों को उपचार किया गया जिसमें 37 लाख रुपये खर्च किया गया। मुख्यमंत्री राहत कोष के अन्तर्गत 7 लोगों का ईलाज किया गया जिसमें 7 लाख रुपए खर्च किया गया।पूरे वर्ष विभिन्न सरकारी योजनाओं द्वारा 28 करोड़ 61 लाख के लगभग मरीजों के उपचार के लिए खर्च्चा गया।इसके अतिरिक्त असहाय मरीजों को सम्मान योजना के लोगों का ईलाज किया गया। 80 वेंटिलेटर सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए गए।आईजीएमसी में 358 स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित हुए हैं जिसमें 60 डॉक्टर है और अन्य स्वास्थ्य कर्मी है।आईजीएमसी में अभी तक 1166 मरीज आये है जिनमे 264 मौत की मौत हुई, 57 लोगो का उपचार चल रहा है जबकि अन्य ठीक होकर घर भेजे गए हैं। एक भी स्वास्थ्य कर्मी की आईजीएमसी में मौत नही हुई है। नए स्ट्रेन वायरस से संक्रमित संभावित व्यक्ति के लिए अलग से आईजीएमसी में दो बिस्तर का इंतजाम किया गया है और उपचार के लिए भी अलग से डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मी की टीम सैनाथ की गयी है यह वायरस कोरोना वायरस का ही नया स्वरूप है और इस वायरस से संक्रमित होने की ज्यादा संभावना है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -