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शिमला ,07 अक्टूबर ! वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 52वीं बैठक आज नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेश का प्रतिनिधित्व उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने किया। बैठक में महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लिए गए जिसके परिणामस्वरूप व्यवसायों के अनुपालन बोझ को कम किया जाएगा। जीएसटी परिषद ने शराब के उत्पदान में इस्तेमाल होने वाले एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ईएनए) को जीएसटी से छूट देने का फैसला किया। शराब के उत्पादन में उपयोग किए जाने वाले ईएनए पर वर्तमान में 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। उद्योग मंत्री ने चर्चा में भाग लेते हुए मांग की कि जीएसटी परिषद को औद्योगिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले ईएनए पर जीएसटी से छूट दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ईएनए पर जीएसटी से छूट देने से राजस्व पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़े बिना अनुपालन सरल हो जाएगा, क्योंकि ईएनए एक मध्यवर्ती उत्पाद है। परिषद ने हिमाचल प्रदेश के तर्कों की सराहना की। हिमाचल प्रदेश के दल ने जीएसटी राजस्व बढ़ाने के संबंध में अन्य राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं को समझने के लिए विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के साथ संवाद किया। उद्योग मंत्री ने अन्य राज्य के मंत्रियों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि हिमाचल सरकार जीएसटी के पारदर्शी और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित कर रही है तथा करदाताओं के अनुपालन को आसान बनाने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधान सचिव भरत खेड़ा, आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी डॉ. यूनुस और अतिरिक्त आयुक्त राकेश शर्मा भी इस अवसर पर थे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला ,07 अक्टूबर ! वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 52वीं बैठक आज नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेश का प्रतिनिधित्व उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने किया।
बैठक में महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लिए गए जिसके परिणामस्वरूप व्यवसायों के अनुपालन बोझ को कम किया जाएगा। जीएसटी परिषद ने शराब के उत्पदान में इस्तेमाल होने वाले एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ईएनए) को जीएसटी से छूट देने का फैसला किया। शराब के उत्पादन में उपयोग किए जाने वाले ईएनए पर वर्तमान में 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है।
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उद्योग मंत्री ने चर्चा में भाग लेते हुए मांग की कि जीएसटी परिषद को औद्योगिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले ईएनए पर जीएसटी से छूट दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ईएनए पर जीएसटी से छूट देने से राजस्व पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़े बिना अनुपालन सरल हो जाएगा, क्योंकि ईएनए एक मध्यवर्ती उत्पाद है। परिषद ने हिमाचल प्रदेश के तर्कों की सराहना की।
हिमाचल प्रदेश के दल ने जीएसटी राजस्व बढ़ाने के संबंध में अन्य राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं को समझने के लिए विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के साथ संवाद किया। उद्योग मंत्री ने अन्य राज्य के मंत्रियों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि हिमाचल सरकार जीएसटी के पारदर्शी और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित कर रही है तथा करदाताओं के अनुपालन को आसान बनाने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधान सचिव भरत खेड़ा, आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी डॉ. यूनुस और अतिरिक्त आयुक्त राकेश शर्मा भी इस अवसर पर थे।
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