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शिमला ! कोरोना संकट के बीच प्रदेश में एचआरटीसी कर्मचारियों में राजनीति गरमा गई है। एचआरटीसी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने शंकर सिंह ठाकुर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सरकार को भी ऐसे कर्मचारी को संरक्षण न देने की चेतावनी दी है।समिति में कहा है कि शंकर सिंह सिंह ठाकुर अब किसी कर्मचारी यूनियन का पदाधिकारी नहीं है। प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद शंकर सिंह ठाकुर अपने आप को सरकार का चहेता बता रहा है और पूरी सरकार को अपने इशारों पर काम करवाने की बात करके एचआरटीसी कर्मचारियों और अधिकारियों को धमकाने का काम कर रहा है। एचआरटीसी कर्मचारी समन्वय समिति के सचिव ने बताया कि शंकर सिंह ठाकुर प्रदेश एचआरटीसी के एमडी के खिलाफ भी सोशल मीडिया के माध्यम से अनाप शनाप पोस्ट डालने का काम भी कर रहा है जबकि एचआरटीसी एमडी कर्मचारी हित में काम कर रहे हैं। शंकर सिंह ठाकुर कर्मचारी मुद्दों से भटक गए हैं और स्वयं भू नेता बनकर अपने मतलब साधने में लग गए हैं।पिछले अढ़ाई साल से शंकर सिंह ठाकुर अपनी ड्यूटी भी नही कर रहे हैं केवल राजनीति करने में मशगूल हैं इसलिए इनकी अढ़ाई साल की सैलरी भी इसने रिकवर की जाए।समिति ने कहा कि इस स्वयं भू नेता के खिलाफ अनेकों मामले दर्ज किए गए हैं जिसके कारण कई बार इनको ड्यूटी से सस्पेंड भी किया गया है। सरकार ऐसे व्यक्ति को संरक्षण न दे और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाये अन्यथा सभी कर्मचारी इसी तरह की मनमानी पर उतर आएंगे।
शिमला ! कोरोना संकट के बीच प्रदेश में एचआरटीसी कर्मचारियों में राजनीति गरमा गई है। एचआरटीसी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने शंकर सिंह ठाकुर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सरकार को भी ऐसे कर्मचारी को संरक्षण न देने की चेतावनी दी है।समिति में कहा है कि शंकर सिंह सिंह ठाकुर अब किसी कर्मचारी यूनियन का पदाधिकारी नहीं है। प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद शंकर सिंह ठाकुर अपने आप को सरकार का चहेता बता रहा है और पूरी सरकार को अपने इशारों पर काम करवाने की बात करके एचआरटीसी कर्मचारियों और अधिकारियों को धमकाने का काम कर रहा है।
एचआरटीसी कर्मचारी समन्वय समिति के सचिव ने बताया कि शंकर सिंह ठाकुर प्रदेश एचआरटीसी के एमडी के खिलाफ भी सोशल मीडिया के माध्यम से अनाप शनाप पोस्ट डालने का काम भी कर रहा है जबकि एचआरटीसी एमडी कर्मचारी हित में काम कर रहे हैं। शंकर सिंह ठाकुर कर्मचारी मुद्दों से भटक गए हैं और स्वयं भू नेता बनकर अपने मतलब साधने में लग गए हैं।पिछले अढ़ाई साल से शंकर सिंह ठाकुर अपनी ड्यूटी भी नही कर रहे हैं केवल राजनीति करने में मशगूल हैं इसलिए इनकी अढ़ाई साल की सैलरी भी इसने रिकवर की जाए।समिति ने कहा कि इस स्वयं भू नेता के खिलाफ अनेकों मामले दर्ज किए गए हैं जिसके कारण कई बार इनको ड्यूटी से सस्पेंड भी किया गया है। सरकार ऐसे व्यक्ति को संरक्षण न दे और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाये अन्यथा सभी कर्मचारी इसी तरह की मनमानी पर उतर आएंगे।
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