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शिमला , 07 अगस्त [ विशाल सूद ] ! चंडीगढ़ सोलन फोरलेन पर आए दिन हो रहे लैंडस्लाइड को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं और फोरलेन के निर्माण में अनियमितताएं बरतने के आरोप लगाए जा रहे हैं पूर्व नगर निगम के डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर ने कमिश्नर इंक्वायरी की मांग की है और इसमें सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में जांच करवाने के सरकार से मांग की है उन्होंने कहा कि फोरलेन निर्माण कार्य में अनियमितताएं बरती गई है। पहाड़ो पर कटिंग सीडी नुमा होती है लेकिन सोलन चंडीगढ़ मनाली चंडीगढ़ में फोरलेन निर्माण में कटिंग सीधी गई है जोकि गलत है नियमो का उलंघन है । सीधी कटिंग के चलते बार बार लैंडस्लाइड होते है जिससे आए दिन सड़के बन्द हो रही है। निर्माण कार्य की जांच के लिए कमिश्नर इंक्वायरी होनी चाहिए जिसमें सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज के देखरेख में जांच की जानी चाहिए और नियमों का उल्लंघन कर रही कंपनी पर भी सख्त कार्रवाई सरकार को करनी चाहिए। वही टिकेंद्र पंवर ने पानी का वितरण का जिम्मा सौंप रही कंपनी एसजेपीएनएल पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और इस कंपनी को बंद कर नगर निगम को पानी का जिम्मा सौंपने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि एसजेपीएनएल कंपनी में नियमों को ताक पर रखकर टेंडर दिए जा रहे हैं पानी सीवरेज का जो 400 करोड़ का प्रोजेक्ट था वह 900 करोड रुपए में एक कंपनी को टेंडर दिया गया और इसमें केवल दो कंपनी में ही टेंडर में शामिल हुए जबकि टेंडर के लिए तीन कंपनियों का होना जरूरी है। निकाह की एसजेपीएनएल में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है और सरकार इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन करें और शिमला शहर में पानी वितरण का जिम्मा फिर से नगर निगम को सौंपा जाना चाहिए।
शिमला , 07 अगस्त [ विशाल सूद ] ! चंडीगढ़ सोलन फोरलेन पर आए दिन हो रहे लैंडस्लाइड को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं और फोरलेन के निर्माण में अनियमितताएं बरतने के आरोप लगाए जा रहे हैं पूर्व नगर निगम के डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर ने कमिश्नर इंक्वायरी की मांग की है और इसमें सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में जांच करवाने के सरकार से मांग की है उन्होंने कहा कि फोरलेन निर्माण कार्य में अनियमितताएं बरती गई है।
पहाड़ो पर कटिंग सीडी नुमा होती है लेकिन सोलन चंडीगढ़ मनाली चंडीगढ़ में फोरलेन निर्माण में कटिंग सीधी गई है जोकि गलत है नियमो का उलंघन है । सीधी कटिंग के चलते बार बार लैंडस्लाइड होते है जिससे आए दिन सड़के बन्द हो रही है। निर्माण कार्य की जांच के लिए कमिश्नर इंक्वायरी होनी चाहिए जिसमें सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज के देखरेख में जांच की जानी चाहिए और नियमों का उल्लंघन कर रही कंपनी पर भी सख्त कार्रवाई सरकार को करनी चाहिए।
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वही टिकेंद्र पंवर ने पानी का वितरण का जिम्मा सौंप रही कंपनी एसजेपीएनएल पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और इस कंपनी को बंद कर नगर निगम को पानी का जिम्मा सौंपने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि एसजेपीएनएल कंपनी में नियमों को ताक पर रखकर टेंडर दिए जा रहे हैं पानी सीवरेज का जो 400 करोड़ का प्रोजेक्ट था वह 900 करोड रुपए में एक कंपनी को टेंडर दिया गया और इसमें केवल दो कंपनी में ही टेंडर में शामिल हुए जबकि टेंडर के लिए तीन कंपनियों का होना जरूरी है। निकाह की एसजेपीएनएल में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है और सरकार इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन करें और शिमला शहर में पानी वितरण का जिम्मा फिर से नगर निगम को सौंपा जाना चाहिए।
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