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शिमला ,09 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटन वाहनों पर परिवहन विभाग द्वारा सितंबर माह से टैक्स लगाया गया है। जिससे बाहरी राज्यो के ऑपरेटर प्रदेश में गाड़ियां नही भेज रहे हैं और अब बुकिंग की केंसिल हो रही है जिससे पर्यटन कारोबार को नुक्सान हो रहा है और कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गई है और होटल एसोसिएशन ने सरकार से टैक्स बढ़ाने के फैसले को वापिस लेने की मांग की है। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंदर सेठ ने बताया कि सरकार के द्वारा छह हजार प्रतिदिन का टैक्स लगाने से पर्यटकों की संख्या में काफी फर्क पड़ा है। बाहरी राज्यों से ग्रुप्स में पर्यटक हिमाचल आते हैं लेकिन टैक्स लगाने से गुजरात व महाराष्ट्र के ट्रैवल एजेंट ने हिमाचल का बायकाट कर दिया है। आने वाले फेस्टिवल सीजन में भी इसका बहुत ज्यादा फर्क पड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बारे पत्र भी लिखा गया है,उम्मीद है कि सरकार इसे जल्द कम करेगी। वन्ही शिमला टुअर एंड ट्रेवल एसोसिएशन ने भी प्रदेश सरकार से पर्यटक वाहनों पर लगाया गया टैक्स वापस लेने की मांग की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन पॉल ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा बाहरी राज्यों से आने वाली टूरिस्ट बसों तथा टैम्पों ट्रैवलर पर लगाए गए नए टैक्स के कारण हिमाचल के पर्यटन को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। गुजरात, बंगाल तथा महाराष्ट्र से बहुत अधिक संख्या में पर्यटक ग्रुप में बसों तथा टैम्पों ट्रैवलर के द्वारा हिमाचल आते हैं। लेकिन सरकार ने सितंबर से जो नया टैक्स लगाया है उससे टूअर ऑपरेटरों के लिए हिमाचल में ग्रुप लेकर आना घाटे का सौदा बन गया है। ऐसे में अब बाहरी राज्यों के ऑपरेटर और टूर एंड ट्रेवल द्वारा हिमाचल में गाड़ियां नहीं भेजी जा रही है हिमाचल सरकार द्वारा टेंपो ट्रैवलर पर प्रतिदिन के हिसाब से टैक्स लगाया गया है काफी ज्यादा है। टूरिस्ट किराए पर बाहरी राज्यों से दो-तीन दिन के लिए गाड़ियां बुक करवा कर आते हैं ऐसे में यहां पर उन्हें प्रतिदिन ₹5000 देना पड़ेगा तो कोई भी पर्यटक हिमाचल नहीं आएगा। ऐसे में सरकार को इस फैसले पर दोबारा से विचार करना चाहिए और जो टैक्स बढ़ाया गया है उसे वापस लेना चाहिए। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला ,09 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटन वाहनों पर परिवहन विभाग द्वारा सितंबर माह से टैक्स लगाया गया है। जिससे बाहरी राज्यो के ऑपरेटर प्रदेश में गाड़ियां नही भेज रहे हैं और अब बुकिंग की केंसिल हो रही है जिससे पर्यटन कारोबार को नुक्सान हो रहा है और कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गई है और होटल एसोसिएशन ने सरकार से टैक्स बढ़ाने के फैसले को वापिस लेने की मांग की है।
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंदर सेठ ने बताया कि सरकार के द्वारा छह हजार प्रतिदिन का टैक्स लगाने से पर्यटकों की संख्या में काफी फर्क पड़ा है। बाहरी राज्यों से ग्रुप्स में पर्यटक हिमाचल आते हैं लेकिन टैक्स लगाने से गुजरात व महाराष्ट्र के ट्रैवल एजेंट ने हिमाचल का बायकाट कर दिया है। आने वाले फेस्टिवल सीजन में भी इसका बहुत ज्यादा फर्क पड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बारे पत्र भी लिखा गया है,उम्मीद है कि सरकार इसे जल्द कम करेगी।
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वन्ही शिमला टुअर एंड ट्रेवल एसोसिएशन ने भी प्रदेश सरकार से पर्यटक वाहनों पर लगाया गया टैक्स वापस लेने की मांग की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन पॉल ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा बाहरी राज्यों से आने वाली टूरिस्ट बसों तथा टैम्पों ट्रैवलर पर लगाए गए नए टैक्स के कारण हिमाचल के पर्यटन को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। गुजरात, बंगाल तथा महाराष्ट्र से बहुत अधिक संख्या में पर्यटक ग्रुप में बसों तथा टैम्पों ट्रैवलर के द्वारा हिमाचल आते हैं। लेकिन सरकार ने सितंबर से जो नया टैक्स लगाया है उससे टूअर ऑपरेटरों के लिए हिमाचल में ग्रुप लेकर आना घाटे का सौदा बन गया है। ऐसे में अब बाहरी राज्यों के ऑपरेटर और टूर एंड ट्रेवल द्वारा हिमाचल में गाड़ियां नहीं भेजी जा रही है हिमाचल सरकार द्वारा टेंपो ट्रैवलर पर प्रतिदिन के हिसाब से टैक्स लगाया गया है काफी ज्यादा है।
टूरिस्ट किराए पर बाहरी राज्यों से दो-तीन दिन के लिए गाड़ियां बुक करवा कर आते हैं ऐसे में यहां पर उन्हें प्रतिदिन ₹5000 देना पड़ेगा तो कोई भी पर्यटक हिमाचल नहीं आएगा। ऐसे में सरकार को इस फैसले पर दोबारा से विचार करना चाहिए और जो टैक्स बढ़ाया गया है उसे वापस लेना चाहिए।
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