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सोलन ,27 अक्टूबर ! कोराना काल में बेहतरीन सेवाएं प्रदान करने वाली आशा वर्कर को अब वेतन के भी लाले पड़ गए है। स्वास्थ्य विभाग के पास इनके वेतन के लिए बजट हीं नहीं है। यही कारण है कि जिला सोलन में 602 आशा वर्कर को सितबर का वेतन नहीं मिला है। बजट की स्थिति यही बनी रही तो अक्तूबर माह के वेतन पर भी अभी से ही संकट छा गया है। त्यौहारी महीने में इन आशा वर्कर को परिवार का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है। केन्द्र सरकार की स्वास्थ्य से संबधित योजनाओं को घर - घर तक पहुंचाने की जिमेवारी आशा वर्कर के कंधों पर है लेकिन बिना पगार के आश वर्करों की अपनी इस जिमेवारी का निर्वाहन करना पड़ रहा है। इन वर्कर को हर माह 8 हजार रुपए के करीब पगार मिलते ही जो केन्द्र व राय सरकार द्वारा मिलकर वहन की जाती है लेकिन इन महिला कर्मियों को तक यह तो नहीं पहुंच रही है लेकिन एक कार्यक्रम के बाद दूसर को पूरे करने की जिमेवारी इन्हें सौंपी जा रही है। आशा वर्क को 100 दिनों के अंदर आयुष्मान भव कार्यक्रम में निर्धारित लक्ष्य का पूरा करना है। इसके तहत आशा वर्क शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में घर - घर जाकर आयुष्मान कार्ड बना रही है । इसके अलावा आभा कार्ड बनाने की जिमेवारी इनके ऊपर ही है। इसके तहत आयुष्मान धारक का हैल्थ कार्ड बनाया जा रहा है। यही नहीं आयुष्मान कार्ड की के.वाई. सी. भी यही कार्यकर्ता घर - घर जाकर कर रही है। आयुष्मान कार्ड को आधार कार्ड से लिंक किया जा रहा है। इसके अलावा टी.बी. व कुष्ठ रोगियों का सर्वे भी आशा ही कर रही है। कई और कार्यक्रम में जो आशा द्वारा किए जा रहे है। इसके बावजूद उन्हें समय पर वेतन का भुगतान न होने से कई सवाल भी खड़े हो रहे है। कोराना काल में जब लोग घरों तक ही सीमित थे तो आशा वर्कर पीडि़तों तक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में लगी हुई थी। आशा वर्कर संघ की प्रदेश अध्यक्ष अनिता ने कहा कि आशा वर्कर से लगातार भेदभाव किया जा रहा है। सितबर माह का वेतन अभी तक नहीं मिला है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात की तो उनका कहना है कि बजट नहीं है। अब बिना वेतन के परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उनके वेतन जल्दी जारी किया जाए। उनका कहना है कि पूरे प्रदेश में इस तरह की स्थिति बनी हुई है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी सोलन अमित रंजन ने बताया कि धर्मपुर व नालागढ़ विकास खंड में ही बजट की कमी आड़े आ रही है। उन्होंने बताया कि बजट का एक - दो दिनों में वेतन जारी कर दिया जाएगा। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
सोलन ,27 अक्टूबर ! कोराना काल में बेहतरीन सेवाएं प्रदान करने वाली आशा वर्कर को अब वेतन के भी लाले पड़ गए है। स्वास्थ्य विभाग के पास इनके वेतन के लिए बजट हीं नहीं है। यही कारण है कि जिला सोलन में 602 आशा वर्कर को सितबर का वेतन नहीं मिला है। बजट की स्थिति यही बनी रही तो अक्तूबर माह के वेतन पर भी अभी से ही संकट छा गया है। त्यौहारी महीने में इन आशा वर्कर को परिवार का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है। केन्द्र सरकार की स्वास्थ्य से संबधित योजनाओं को घर - घर तक पहुंचाने की जिमेवारी आशा वर्कर के कंधों पर है लेकिन बिना पगार के आश वर्करों की अपनी इस जिमेवारी का निर्वाहन करना पड़ रहा है।
इन वर्कर को हर माह 8 हजार रुपए के करीब पगार मिलते ही जो केन्द्र व राय सरकार द्वारा मिलकर वहन की जाती है लेकिन इन महिला कर्मियों को तक यह तो नहीं पहुंच रही है लेकिन एक कार्यक्रम के बाद दूसर को पूरे करने की जिमेवारी इन्हें सौंपी जा रही है। आशा वर्क को 100 दिनों के अंदर आयुष्मान भव कार्यक्रम में निर्धारित लक्ष्य का पूरा करना है। इसके तहत आशा वर्क शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में घर - घर जाकर आयुष्मान कार्ड बना रही है । इसके अलावा आभा कार्ड बनाने की जिमेवारी इनके ऊपर ही है। इसके तहत आयुष्मान धारक का हैल्थ कार्ड बनाया जा रहा है। यही नहीं आयुष्मान कार्ड की के.वाई. सी. भी यही कार्यकर्ता घर - घर जाकर कर रही है। आयुष्मान कार्ड को आधार कार्ड से लिंक किया जा रहा है।
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इसके अलावा टी.बी. व कुष्ठ रोगियों का सर्वे भी आशा ही कर रही है। कई और कार्यक्रम में जो आशा द्वारा किए जा रहे है। इसके बावजूद उन्हें समय पर वेतन का भुगतान न होने से कई सवाल भी खड़े हो रहे है। कोराना काल में जब लोग घरों तक ही सीमित थे तो आशा वर्कर पीडि़तों तक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में लगी हुई थी। आशा वर्कर संघ की प्रदेश अध्यक्ष अनिता ने कहा कि आशा वर्कर से लगातार भेदभाव किया जा रहा है। सितबर माह का वेतन अभी तक नहीं मिला है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात की तो उनका कहना है कि बजट नहीं है। अब बिना वेतन के परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उनके वेतन जल्दी जारी किया जाए। उनका कहना है कि पूरे प्रदेश में इस तरह की स्थिति बनी हुई है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी सोलन अमित रंजन ने बताया कि धर्मपुर व नालागढ़ विकास खंड में ही बजट की कमी आड़े आ रही है। उन्होंने बताया कि बजट का एक - दो दिनों में वेतन जारी कर दिया जाएगा।
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