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सोलन । डॉ यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी की शोधकर्त्ता डॉ जागृति ठाकुर को फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FAI) गोल्डन जुबली अवार्ड फॉर आउटस्टैंडिंग डॉक्टोरल रिसर्च इन फर्टिलाइजर यूसेज के लिए चुना गया है। इस पुरस्कार में एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक स्वर्ण पदक और प्रशस्ति पत्र शामिल है। डॉ जागृति ने नौणी विवि के मृदा विज्ञान एवं जल प्रबंधन विभाग से पीएचडी पूरी की है और वर्तमान में विश्वविद्यालय में सीनियर रिसर्च फैलो के रूप में कार्यरत हैं। अपनी पीएचडी की रिसर्च की दौरान, जागृति ने राज्य में क्लोनल रूटस्टॉक्स पर लगाए गए उच्च घनत्व वाले सेब के बागीचों के लिए कुशल सिंचाई और फर्टिगेशन सारणी विकसित करने पर काम किया है। विश्व बैंक पोषित हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के उप-घटक- हिमाचल प्रदेश में फलों के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए पोषक और जल उत्पादकता में सुधार के तहत यह शोध कार्य किया गया। विश्वविद्यालय के मृदा विज्ञान और जल प्रबंधन विभाग के प्रोफेसर और विभाग अध्यक्ष डॉ जेसी शर्मा के मार्गदर्शन में जागृति ने अपनी पीएचडी पूरी की। जागृति को 7 दिसंबर को नई दिल्ली में होने वाले फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वार्षिक सेमिनार में इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा। हिमाचल प्रदेश गुणवत्ता वाले सेब उत्पादन के लिए जाना जाता है, लेकिन राज्य में अधिकतम क्षेत्र सीडलिंग रूटस्टॉक पर है और वर्षा पर निर्भर है। उच्च उत्पादकता प्राप्त करने और आय दोगुनी करने के लिए क्लोनल रूटस्टॉक पर लगाए गए उच्च घनत्व वाले सेब के बागानों की तरफ बागवानों का रुझान बढ़ रहा है। इस अवसर पर नौणी विवि के कुलपति डॉ परविंदर कौशल ने जागृति और उनके पीएचडी गाइड डॉ जेसी शर्मा को बधाई देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण है क्योंकि यह हमारे शोधकर्ताओं द्वारा किए जा रहे गुणवत्ता कार्य को पहचान देता है। उन्होनें कहा कि यह पुरस्कार अन्य छात्रों को शोध में उत्कृष्टता प्राप्त करने के साथ-साथ, किसानों की खेत की आय बढ़ाने की दिशा में योगदान करने के लिए प्रेरित करेगा। जागृति ने अपने माता-पिता, विश्वविद्यालय के संकाय, विशेष रूप से अपने रिसर्च गाइड का धन्यवाद किया।
सोलन । डॉ यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी की शोधकर्त्ता डॉ जागृति ठाकुर को फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FAI) गोल्डन जुबली अवार्ड फॉर आउटस्टैंडिंग डॉक्टोरल रिसर्च इन फर्टिलाइजर यूसेज के लिए चुना गया है। इस पुरस्कार में एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक स्वर्ण पदक और प्रशस्ति पत्र शामिल है। डॉ जागृति ने नौणी विवि के मृदा विज्ञान एवं जल प्रबंधन विभाग से पीएचडी पूरी की है और वर्तमान में विश्वविद्यालय में सीनियर रिसर्च फैलो के रूप में कार्यरत हैं।
अपनी पीएचडी की रिसर्च की दौरान, जागृति ने राज्य में क्लोनल रूटस्टॉक्स पर लगाए गए उच्च घनत्व वाले सेब के बागीचों के लिए कुशल सिंचाई और फर्टिगेशन सारणी विकसित करने पर काम किया है। विश्व बैंक पोषित हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के उप-घटक- हिमाचल प्रदेश में फलों के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए पोषक और जल उत्पादकता में सुधार के तहत यह शोध कार्य किया गया। विश्वविद्यालय के मृदा विज्ञान और जल प्रबंधन विभाग के प्रोफेसर और विभाग अध्यक्ष डॉ जेसी शर्मा के मार्गदर्शन में जागृति ने अपनी पीएचडी पूरी की। जागृति को 7 दिसंबर को नई दिल्ली में होने वाले फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वार्षिक सेमिनार में इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा। हिमाचल प्रदेश गुणवत्ता वाले सेब उत्पादन के लिए जाना जाता है, लेकिन राज्य में अधिकतम क्षेत्र सीडलिंग रूटस्टॉक पर है और वर्षा पर निर्भर है। उच्च उत्पादकता प्राप्त करने और आय दोगुनी करने के लिए क्लोनल रूटस्टॉक पर लगाए गए उच्च घनत्व वाले सेब के बागानों की तरफ बागवानों का रुझान बढ़ रहा है।
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इस अवसर पर नौणी विवि के कुलपति डॉ परविंदर कौशल ने जागृति और उनके पीएचडी गाइड डॉ जेसी शर्मा को बधाई देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण है क्योंकि यह हमारे शोधकर्ताओं द्वारा किए जा रहे गुणवत्ता कार्य को पहचान देता है। उन्होनें कहा कि यह पुरस्कार अन्य छात्रों को शोध में उत्कृष्टता प्राप्त करने के साथ-साथ, किसानों की खेत की आय बढ़ाने की दिशा में योगदान करने के लिए प्रेरित करेगा। जागृति ने अपने माता-पिता, विश्वविद्यालय के संकाय, विशेष रूप से अपने रिसर्च गाइड का धन्यवाद किया।
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