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जंजैहली ! बरसात के मौसम में सरकारी व मलकीयती भूमि पर घास व वनस्पतियों को नष्ट करने के लिए लोगों द्वारा ग्लाईसिल की स्प्रे की जाती है तथा उस भूमि पर मटर की फसल उगाई जाती है। पिछले साल भी उपमण्डल थुनाग के अन्तर्गत आने वालों ईलाकों में ग्लाईसिल की स्प्रे करने वालों के बहुत से मामले आए थे जिनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा चुकी है । इस स्प्रे को करने से जहां एक ओर प्राकृतिक सम्पदा को नुकसान हो रहा है वहीं बरसात के मौसम में इसके निकट के जल स्त्रोतों में मिल जाने से पशु पक्षियों, जीव जन्तुओं व लोगों में गम्भीर बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है। उपमण्डलाधिकारी नागरिक थुनाग, सुरेन्द्र मोहन ने अवगत करवाया है कि उन्हें गुप्त सूत्रों से सूचना मिली है कि इस वर्ष भी लोगों द्वारा घास व खरपतवार को नष्ट करने के लिए ग्लाईसिल की स्प्रे करने बारे सूचना प्राप्त हुई है। उन्होंने उपमण्डल के समस्त लोगों से आग्रह किया है कि जंगलों व घासणियों में ग्लाईसिल का प्रयोग न करें तथा अपने खेतों में भी इसका प्रयोग करने से बचें। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी ग्लाईसिल स्प्रे करने वाले बहुत से लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा चुकी है इसलिए ऐसा कदम उठाने से बचें। उन्होंने उपमण्डल के समस्त प्रधानों, पंचायत सचिवों व ग्रामीण राजस्व अधिकारियों को लोगों को जागरुक करने का आग्रह किया है तथा ग्लाईसिल की स्प्रे करने वालों की सूचना तुरन्त देने को कहा है तथा इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही हेतु वनमण्डलाधिकारी गोहर, तहसीलदार थुनाग, नायब तहसीलदार छतरी, खण्ड विकास अधिकारी सराज, अधिशाषी अभियन्ता जल शक्ति विभाग थुनाग, थाना प्रभारी जंजैहली को भी अवगत करवाया जा रहा है जिससे ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ समय रहते ठोस कदम उठाया जा सके। उपमण्डलाधिकारी ने इस कड़ी में उपमण्डल के समस्त नागरिकों से पिछले वर्ष की भान्ति भरपूर सहयोग देने का अनुरोध किया है।
जंजैहली ! बरसात के मौसम में सरकारी व मलकीयती भूमि पर घास व वनस्पतियों को नष्ट करने के लिए लोगों द्वारा ग्लाईसिल की स्प्रे की जाती है तथा उस भूमि पर मटर की फसल उगाई जाती है। पिछले साल भी उपमण्डल थुनाग के अन्तर्गत आने वालों ईलाकों में ग्लाईसिल की स्प्रे करने वालों के बहुत से मामले आए थे जिनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा चुकी है । इस स्प्रे को करने से जहां एक ओर प्राकृतिक सम्पदा को नुकसान हो रहा है वहीं बरसात के मौसम में इसके निकट के जल स्त्रोतों में मिल जाने से पशु पक्षियों, जीव जन्तुओं व लोगों में गम्भीर बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
उपमण्डलाधिकारी नागरिक थुनाग, सुरेन्द्र मोहन ने अवगत करवाया है कि उन्हें गुप्त सूत्रों से सूचना मिली है कि इस वर्ष भी लोगों द्वारा घास व खरपतवार को नष्ट करने के लिए ग्लाईसिल की स्प्रे करने बारे सूचना प्राप्त हुई है। उन्होंने उपमण्डल के समस्त लोगों से आग्रह किया है कि जंगलों व घासणियों में ग्लाईसिल का प्रयोग न करें तथा अपने खेतों में भी इसका प्रयोग करने से बचें।
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उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी ग्लाईसिल स्प्रे करने वाले बहुत से लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा चुकी है इसलिए ऐसा कदम उठाने से बचें। उन्होंने उपमण्डल के समस्त प्रधानों, पंचायत सचिवों व ग्रामीण राजस्व अधिकारियों को लोगों को जागरुक करने का आग्रह किया है तथा ग्लाईसिल की स्प्रे करने वालों की सूचना तुरन्त देने को कहा है तथा इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही हेतु वनमण्डलाधिकारी गोहर, तहसीलदार थुनाग, नायब तहसीलदार छतरी, खण्ड विकास अधिकारी सराज, अधिशाषी अभियन्ता जल शक्ति विभाग थुनाग, थाना प्रभारी जंजैहली को भी अवगत करवाया जा रहा है जिससे ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ समय रहते ठोस कदम उठाया जा सके।
उपमण्डलाधिकारी ने इस कड़ी में उपमण्डल के समस्त नागरिकों से पिछले वर्ष की भान्ति भरपूर सहयोग देने का अनुरोध किया है।
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