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मंडी ! मंडी जिला में कोरोना के खौफ से थमा विकास का पहिया फिर घूमने लगा है। विकास कार्य धीरे धीरे रफ्तार पकड़ने लगे हैं। जिला में करीब 4000 हजार सरकारी व निजी कार्य शुरू हो गए हैं जिनमें 26 हजार से अधिक स्थानीय एवं प्रवासी मजदूर काम में लगे हैं । इस बारे जानकारी देते हुए अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी श्रवण मांटा ने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार 20 अप्रैल के बाद से मंडी जिला में विभिन्न विकास कार्य आरंभ करने को लेकर अनुमति दी गई है। साथ ही कोरोना से बचाव को लेकर इसमें सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य सुरक्षा उपायों का पूरा पालन करने के कड़े निर्देश भी दिए हैं। जिला में नेशनल हाइवे, लोकनिर्माण, बिजली बोर्ड, आईपीएच, उद्योग समेत सभी विभागों के विकास कार्य शुरू हो गए हैं। सरकारी विभागों के अब तक शुरू किए गए 1190 विकास कार्यों से 15910 स्थानीय एवं प्रवासी मजदूरों को काम मिला है। श्रवण मांटा ने कहा कि इसके अलावा जिला की सभी पंचायतों में मनरेगा के काम भी आरंभ हो गए हैं। जिला में ग्रामीण व शहरी इलाकों में निजी भवनों के निर्माण के अधूरे छूटे काम को शुरू करने की अनुमति भी दी गई है। ऐसे करीब 2800 निजी निर्माण कार्यों से लगभग 11 हजार मजदूरों को काम मिला है। उन्होंने कहा कि ये सब विकास कार्य शुरू होने से मजदूरों की दिहाड़ी लगने की समस्याएं दूर हुई हैं और अब परिस्थितियां धीरे धीरे सामान्य हो रही हैं। उन्होंने कहा कि आगे और परियोजनाओं को भी जरूरत के अनुसार शुरू करने की अनुमति दी जा रही है।
मंडी ! मंडी जिला में कोरोना के खौफ से थमा विकास का पहिया फिर घूमने लगा है। विकास कार्य धीरे धीरे रफ्तार पकड़ने लगे हैं। जिला में करीब 4000 हजार सरकारी व निजी कार्य शुरू हो गए हैं जिनमें 26 हजार से अधिक स्थानीय एवं प्रवासी मजदूर काम में लगे हैं ।
इस बारे जानकारी देते हुए अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी श्रवण मांटा ने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार 20 अप्रैल के बाद से मंडी जिला में विभिन्न विकास कार्य आरंभ करने को लेकर अनुमति दी गई है। साथ ही कोरोना से बचाव को लेकर इसमें सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य सुरक्षा उपायों का पूरा पालन करने के कड़े निर्देश भी दिए हैं।
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जिला में नेशनल हाइवे, लोकनिर्माण, बिजली बोर्ड, आईपीएच, उद्योग समेत सभी विभागों के विकास कार्य शुरू हो गए हैं। सरकारी विभागों के अब तक शुरू किए गए 1190 विकास कार्यों से 15910 स्थानीय एवं प्रवासी मजदूरों को काम मिला है।
श्रवण मांटा ने कहा कि इसके अलावा जिला की सभी पंचायतों में मनरेगा के काम भी आरंभ हो गए हैं। जिला में ग्रामीण व शहरी इलाकों में निजी भवनों के निर्माण के अधूरे छूटे काम को शुरू करने की अनुमति भी दी गई है। ऐसे करीब 2800 निजी निर्माण कार्यों से लगभग 11 हजार मजदूरों को काम मिला है।
उन्होंने कहा कि ये सब विकास कार्य शुरू होने से मजदूरों की दिहाड़ी लगने की समस्याएं दूर हुई हैं और अब परिस्थितियां धीरे धीरे सामान्य हो रही हैं। उन्होंने कहा कि आगे और परियोजनाओं को भी जरूरत के अनुसार शुरू करने की अनुमति दी जा रही है।
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