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शिमला ,26 नवंबर ! भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि जिस प्रकार से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा की नगर निगम के महापौर और उपमहापौर के चुनावो में विधायकों को दिया गया वोट का अधिकार कानून में पूर्व से ही निहित है, यह अनुचित प्रतीत होता है। अनुचित इसलिए क्योंकि चंद दिन पहले मुख्यमंत्री सुक्खू की सरकार के सचिवों द्वारा सभी विभिन्न जिलाधीशों के आग्रह पर एक स्पष्टीकरण दिया गया था, जिसमें इस चुनाव प्रक्रिया के अंतर्गत विधायकों को वोट डालने का अधिकार नहीं है। जिस एक्ट और कानून का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री अपना वाक्य जनता के समक्ष रख रहे हैं, इन्हीं की सरकार के सचिवों ने इसी कानून का हवाला देते हुए वोट न होने का स्पष्टीकरण दिया था। तत्पश्चात चंद दिनों के बाद स्पष्टीकरण को बदलते हुए नए सिरे से एक और स्पष्टीकरण दिया गया जिसमे विधायको को वोट का अधिकार मिल गया, अब यह बात वही सरकार, वही अधिकारी, मुख्यमंत्री ,कानून, एक्ट और प्रावधान दे रहे हैं जो सिस्टम में पहले से थे। एक ही वाक्य को दो बार अलग प्रकार से कैसे प्रस्तुत किया जाता सकता है, यह हैरानी की बात है। हमारा मानना यह है कि वर्तमान कांग्रेस की सरकार असमंजस की स्थिति में है और केवल मात्र अपने राजनीतिक लाभ के लिए अनेकों पत्राचार कर रही है और इससे हिमाचल प्रदेश में एक कानूनहीनता का नकारात्मक वातावरण खड़ा करने का प्रयास कर रही है।
शिमला ,26 नवंबर ! भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि जिस प्रकार से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा की नगर निगम के महापौर और उपमहापौर के चुनावो में विधायकों को दिया गया वोट का अधिकार कानून में पूर्व से ही निहित है, यह अनुचित प्रतीत होता है।
अनुचित इसलिए क्योंकि चंद दिन पहले मुख्यमंत्री सुक्खू की सरकार के सचिवों द्वारा सभी विभिन्न जिलाधीशों के आग्रह पर एक स्पष्टीकरण दिया गया था, जिसमें इस चुनाव प्रक्रिया के अंतर्गत विधायकों को वोट डालने का अधिकार नहीं है। जिस एक्ट और कानून का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री अपना वाक्य जनता के समक्ष रख रहे हैं, इन्हीं की सरकार के सचिवों ने इसी कानून का हवाला देते हुए वोट न होने का स्पष्टीकरण दिया था। तत्पश्चात चंद दिनों के बाद स्पष्टीकरण को बदलते हुए नए सिरे से एक और स्पष्टीकरण दिया गया जिसमे विधायको को वोट का अधिकार मिल गया, अब यह बात वही सरकार, वही अधिकारी, मुख्यमंत्री ,कानून, एक्ट और प्रावधान दे रहे हैं जो सिस्टम में पहले से थे।
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एक ही वाक्य को दो बार अलग प्रकार से कैसे प्रस्तुत किया जाता सकता है, यह हैरानी की बात है। हमारा मानना यह है कि वर्तमान कांग्रेस की सरकार असमंजस की स्थिति में है और केवल मात्र अपने राजनीतिक लाभ के लिए अनेकों पत्राचार कर रही है और इससे हिमाचल प्रदेश में एक कानूनहीनता का नकारात्मक वातावरण खड़ा करने का प्रयास कर रही है।
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