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शिमला ! किसानों के भारत बन्द से घबराकर भाजपा आरएसएस ने अपने सभी संगठनों को किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार और किसानों के बीच फूट डालने के लिए सक्रिय कर दिया है। सोशल मीडिया के ज़रिये अफवाहें और दुष्प्रचार अचानक तेज हो गया है। भाजपा, आरएसएस और इसके किसान, व्यापारी संगठनों के वर्तमान किसान बिलों के समर्थन में बयान और रुख से यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा कभी भी किसान हितैषी न थी और न ही रहेगी। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष, भाजपा समर्थित व्यापार मण्डल के अध्यक्ष और भारतीय किसान संघ के महामंत्री द्वारा दिये गए बयानों से भाजपा की खोटी नीयत का पर्दाफाश हो गया है। हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तँवर ने भाजपा राज्याध्यक्ष के उस बयान को हास्यस्पद बताया कि किसान गुमराह होकर आन्दोलनरत हैं। यानी भाजपा यह साबित करना चाहती है कि लाखों किसान नासमझ हैं और केवल भाजपा सरकार और भाजपा के कार्यकर्ता ही समझदार हैं। डॉ. तँवर ने कहा कि बन्द के ठीक एक दिन पहले संघ और भाजपा का सक्रिय होना और उलजलूल बयानबाज़ी करना उनकी हड़बड़ाहट और घबराहट को साफ दर्शा रहा है। किसानों के हौसलों के आगे सरकार और इसका साजिशतन्त्र असफल हो चुका है। डॉ. तँवर ने कहा कि सरकार और भाजपा जब किसी भी साजिश के तहत किसानों की एकता को नहीं तोड़ पाई तो अब उन्हें प्रदेशों के आधार पर बांटना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार और भाजपा कितनी भी कोशिश कर ले न तो किसान उनके झांसे में आने वाले हैं और न ही व्यापारी वर्ग उनका साथ देने वाला है। व्यापारी भी समझ चुके हैं कि मोदी सरकार खुदरा बाज़ार को खत्म करके इसके भण्डारण को अडानी और व्यापार अम्बानी के हवाले करना चाहती है। व्यापारी जानता है कि किसान बिलों का फर्क सिर्फ खेती किसानी पर ही नहीं पड़ेगा बल्कि करोड़ों छोटे और मंझले व्यापारी भी बर्बाद हो जाएंगे। इसलिए व्यापारियों ने भी बन्द का पूरा समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि देशभर से लगातार किसान धरने पर बैठे किसानों के समर्थन में भारी जत्थेबंदियों में बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। हिमाचल से भी दूसरे चरण में शिमला, सोलन, सिरमौर से किसान 7 दिसम्बर की शाम दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं और बिलासपुर, ऊना के किसान आठ दिसम्बर की सुबह रवाना होंगे।
शिमला ! किसानों के भारत बन्द से घबराकर भाजपा आरएसएस ने अपने सभी संगठनों को किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार और किसानों के बीच फूट डालने के लिए सक्रिय कर दिया है। सोशल मीडिया के ज़रिये अफवाहें और दुष्प्रचार अचानक तेज हो गया है। भाजपा, आरएसएस और इसके किसान, व्यापारी संगठनों के वर्तमान किसान बिलों के समर्थन में बयान और रुख से यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा कभी भी किसान हितैषी न थी और न ही रहेगी। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष, भाजपा समर्थित व्यापार मण्डल के अध्यक्ष और भारतीय किसान संघ के महामंत्री द्वारा दिये गए बयानों से भाजपा की खोटी नीयत का पर्दाफाश हो गया है।
हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तँवर ने भाजपा राज्याध्यक्ष के उस बयान को हास्यस्पद बताया कि किसान गुमराह होकर आन्दोलनरत हैं। यानी भाजपा यह साबित करना चाहती है कि लाखों किसान नासमझ हैं और केवल भाजपा सरकार और भाजपा के कार्यकर्ता ही समझदार हैं।
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डॉ. तँवर ने कहा कि बन्द के ठीक एक दिन पहले संघ और भाजपा का सक्रिय होना और उलजलूल बयानबाज़ी करना उनकी हड़बड़ाहट और घबराहट को साफ दर्शा रहा है। किसानों के हौसलों के आगे सरकार और इसका साजिशतन्त्र असफल हो चुका है।
डॉ. तँवर ने कहा कि सरकार और भाजपा जब किसी भी साजिश के तहत किसानों की एकता को नहीं तोड़ पाई तो अब उन्हें प्रदेशों के आधार पर बांटना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार और भाजपा कितनी भी कोशिश कर ले न तो किसान उनके झांसे में आने वाले हैं और न ही व्यापारी वर्ग उनका साथ देने वाला है।
व्यापारी भी समझ चुके हैं कि मोदी सरकार खुदरा बाज़ार को खत्म करके इसके भण्डारण को अडानी और व्यापार अम्बानी के हवाले करना चाहती है। व्यापारी जानता है कि किसान बिलों का फर्क सिर्फ खेती किसानी पर ही नहीं पड़ेगा बल्कि करोड़ों छोटे और मंझले व्यापारी भी बर्बाद हो जाएंगे। इसलिए व्यापारियों ने भी बन्द का पूरा समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि देशभर से लगातार किसान धरने पर बैठे किसानों के समर्थन में भारी जत्थेबंदियों में बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। हिमाचल से भी दूसरे चरण में शिमला, सोलन, सिरमौर से किसान 7 दिसम्बर की शाम दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं और बिलासपुर, ऊना के किसान आठ दिसम्बर की सुबह रवाना होंगे।
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