
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 15 अगस्त ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में मौजूदा आपदा जैसी स्थिति की समीक्षा के लिए आज यहां आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि पिछले चार दिनों में बारिश में 157 प्रतिशत की वृद्धि के कारण पूरे राज्य में भारी क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि अवरूद्ध बहाली कार्यों में और तेजी लाना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि 1220 सड़कों में से लगभग 400 को बहाल कर दिया गया है। उन्होंने विद्युत और जलापूर्ति परियोजनाओं को बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि शिमला शहरी क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के कारण 500 से अधिक पेड़ गिर गए हैं जिससे स्थानीय लोगों को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने इसके दृष्टिगत वन विभाग को त्वरित कदम उठाने के निर्देश दिए ताकि गिरे हुए पेड़ों का समयबद्ध व उचित निपटान सुनिश्चित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने शिमला में जल निकासी प्रणाली को सुदृढ़ करने और पुराने नालों के जीर्णोद्धार पर बल दिया। इसके लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके अतिरिक्त लोक निर्माण विभाग की एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति जल निकासी और क्रॉस-ड्रेनेज का निरीक्षण करेगी। मुख्यमंत्री ने अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित करने के साथ-साथ प्रदेश भर के शहरी क्षेत्रों में कूड़ा-कर्कट के उचित निपटान की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने भविष्य में निर्माण परियोजनाओं के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ व्यापक संरचनात्मक अभियांत्रिकी पहल के तहत योजना बनाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, सचिव गृह डॉ. अभिषेक जैन, निदेशक एसडीएमए डीसी राणा, एडीजीपी सतवंत अटवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
शिमला , 15 अगस्त ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में मौजूदा आपदा जैसी स्थिति की समीक्षा के लिए आज यहां आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि पिछले चार दिनों में बारिश में 157 प्रतिशत की वृद्धि के कारण पूरे राज्य में भारी क्षति हुई है।
उन्होंने कहा कि अवरूद्ध बहाली कार्यों में और तेजी लाना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि 1220 सड़कों में से लगभग 400 को बहाल कर दिया गया है। उन्होंने विद्युत और जलापूर्ति परियोजनाओं को बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने को कहा।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने कहा कि शिमला शहरी क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के कारण 500 से अधिक पेड़ गिर गए हैं जिससे स्थानीय लोगों को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने इसके दृष्टिगत वन विभाग को त्वरित कदम उठाने के निर्देश दिए ताकि गिरे हुए पेड़ों का समयबद्ध व उचित निपटान सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने शिमला में जल निकासी प्रणाली को सुदृढ़ करने और पुराने नालों के जीर्णोद्धार पर बल दिया। इसके लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके अतिरिक्त लोक निर्माण विभाग की एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति जल निकासी और क्रॉस-ड्रेनेज का निरीक्षण करेगी।
मुख्यमंत्री ने अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित करने के साथ-साथ प्रदेश भर के शहरी क्षेत्रों में कूड़ा-कर्कट के उचित निपटान की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने भविष्य में निर्माण परियोजनाओं के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ व्यापक संरचनात्मक अभियांत्रिकी पहल के तहत योजना बनाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, सचिव गृह डॉ. अभिषेक जैन, निदेशक एसडीएमए डीसी राणा, एडीजीपी सतवंत अटवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -