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सोलन ,[ बद्दी ] 11 जनवरी [ पंकज गोल्डी ] ! स्वामी विवेकानंद के जीवन चरित्र को केवल अध्ययन करने की ही नहीं अपितु धारण करने की आवश्यकता है। यह बात हिमालया जनकल्याण समिति के मार्गदर्शक कुलवीर जमवाल ने सरस्वती विद्या मंदिर गुल्लरवाला में छात्रों को संबोधित करते हुए कही। वह विवेकानंद जयंती की पूर्व संध्या पर छात्रों से संवाद कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होने गत दिनों वन विहार कार्यक्रम में प्रथम रहे लक्ष्मी बाई सदन, दूसरे स्थान पर आए अहिल्याबाई सदन व तीसरा स्थान मीराबाई सदन को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। विवेकानंद जयंती पर बोलते हुए कुलवीर जम्वाल ने बताया कि विवेकानंद जी का कथन था कि दूसरों की मदद के भरोसे मत रहो। हमें अपनी मदद खुद करनी है। तमाम तरह की शक्तियां हमारे अंदर छिपी हुई हैं। अगर हम अपने हाथ आंखों पर रख लें तो हमें सब तरफ अंधेरा ही नजर आएगा। अगर हाथ हटा लें तो हमें रोशनी दिखाई देने लगेगी। हालांकि यह रोशनी पहले भी थी, बस हमारे देखने की देर थी। अपने आदर्श पर डटे रहो। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
सोलन ,[ बद्दी ] 11 जनवरी [ पंकज गोल्डी ] ! स्वामी विवेकानंद के जीवन चरित्र को केवल अध्ययन करने की ही नहीं अपितु धारण करने की आवश्यकता है। यह बात हिमालया जनकल्याण समिति के मार्गदर्शक कुलवीर जमवाल ने सरस्वती विद्या मंदिर गुल्लरवाला में छात्रों को संबोधित करते हुए कही। वह विवेकानंद जयंती की पूर्व संध्या पर छात्रों से संवाद कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होने गत दिनों वन विहार कार्यक्रम में प्रथम रहे लक्ष्मी बाई सदन, दूसरे स्थान पर आए अहिल्याबाई सदन व तीसरा स्थान मीराबाई सदन को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
विवेकानंद जयंती पर बोलते हुए कुलवीर जम्वाल ने बताया कि विवेकानंद जी का कथन था कि दूसरों की मदद के भरोसे मत रहो। हमें अपनी मदद खुद करनी है। तमाम तरह की शक्तियां हमारे अंदर छिपी हुई हैं। अगर हम अपने हाथ आंखों पर रख लें तो हमें सब तरफ अंधेरा ही नजर आएगा। अगर हाथ हटा लें तो हमें रोशनी दिखाई देने लगेगी। हालांकि यह रोशनी पहले भी थी, बस हमारे देखने की देर थी। अपने आदर्श पर डटे रहो।- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
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