- विज्ञापन (Article Top Ad) -
करसोग । करसोग उपमंडल के समाजसेवी जगतराम ने सरकार से करोना महामारी के चलते हुए हिमाचल सरकार से करसोग के दुर्गम व पिछड़े इलाकों में चिकित्सा अधिकारियों के पद भरने का आग्रह किया है करसोग के विभिन्न दुर्गम इलाके जैसे महोग, मांहूनाग तथा तत्तापानी के प्राथमिक हेल्थ सेंटरों में डॉक्टरों के रिक्त पद चले हैं । सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक जगत राम ने हमारे पोर्टल *खबर हिमाचल से * के माध्यम से कहा कि करोना महामारी मानव जाति के ऊपर एक बहुत बड़ा खतरा भाव संकट लेकर आई है । उसे देखते हुए यह जरूरी हो जाता है कि इस समय जो भी मानव या अन्य संसाधन सरकार या अन्य दूसरी जगह पर उपलब्ध हो उनका वितरण समान रूप से मानव जाति की रक्षा व सुरक्षा करने हेतु किया जाए ।आजकल करसोग विधानसभा क्षेत्र में एक डॉक्टर लगभग 4656 लोगों पर स्वास्थ्य सेवा दे रहा है, जबकि मंडी के कई अन्य क्षेत्रों में यही सेवा तकरीबन 27 61 आदमियों पर मिल रही है, करसोग में वैसे भी इनडोर मरीजों की चिकित्सा के हिसाब से नागरिक चिकित्सालय करसोग का अपनी श्रेणी में जिले में दूसरा नंबर पड़ता है। दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में तो स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कर्मियों की स्वीकृत संख्या भी ज्यादा है और वर्तमान में वहां की गई तैयारियां भी करसोग से ज्यादा है जो करसोग की भौगोलिक स्थिति व मंडी जिले में सबसे ज्यादा इन दुर्गम स्थानों में गांव में रहने वाले लोगों के साथ खासकर आजकल की इस असामान्य स्थिति में ठीक नहीं है । जगतराम का कहना है कि ऐसे समय में लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का मिलना अति आवश्यक है, इसी संदर्भ में हमारे पोर्टल खबर हिमाचल से मैं कहते हुए बताया की करसोग के अति दुर्गम क्षेत्रों में जो लोग रह रहे हैं उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं में इस वजह से वंचित रहना पड़ रहा है तथा वहां पर इस समय विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में विभिन्न विभिन्न पदों की काफी समय से रिक्तियां चली आ रही है । अकेले नागरिक चिकित्सालय करसोग में ही फरवरी से शुरू तक 30 पदों की रिक्तियां थी जिसमें मुख्यतः 5 डॉक्टरों की 10 स्टाफ नर्सों की व एक पद रेडियोग्राफर का पद भी शामिल था । इसके अलावा 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तत्तापानी महोग व मांहूनाग में तो कोई भी डॉक्टर उपलब्ध ना होने के कारण लोगों को सैकड़ों मील सफर कर करसोग या फिर मंडी या शिमला जाना पड़ रहा है जिसका स्पष्ट प्रमाण इस बात से लगाया जा सकता है कि तकरीबन हर रोज एंबुलेंस शिमला को भेजी जाती है जिस पर खर्चे के हिसाब से यदि देखा जाए तो डॉक्टरों की तैनाती करने में खर्च कम तथा एंबुलेंस भेजने में ज्यादा खर्च आने का पूरा अनुमान आसानी से ही लगाया जा सकता है । इन्होंने कहा कि करोना के बढ़ते संकट को देखते हुए नागरिक अस्पताल करसोग के इलावा इन दुर्गम व अति पिछड़े व कठिन क्षेत्रों में स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों महोग व मांहूनाग तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तत्तापानी में डॉक्टर व फार्मासिस्ट के दोनों पदों को भरने के आदेश सरकार को करने चाहिए ताकि जनमानस व दुर्गम इलाकों के लोगों को सुविधा प्रदान हो ।
करसोग । करसोग उपमंडल के समाजसेवी जगतराम ने सरकार से करोना महामारी के चलते हुए हिमाचल सरकार से करसोग के दुर्गम व पिछड़े इलाकों में चिकित्सा अधिकारियों के पद भरने का आग्रह किया है करसोग के विभिन्न दुर्गम इलाके जैसे महोग, मांहूनाग तथा तत्तापानी के प्राथमिक हेल्थ सेंटरों में डॉक्टरों के रिक्त पद चले हैं । सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक जगत राम ने हमारे पोर्टल *खबर हिमाचल से * के माध्यम से कहा कि करोना महामारी मानव जाति के ऊपर एक बहुत बड़ा खतरा भाव संकट लेकर आई है ।
उसे देखते हुए यह जरूरी हो जाता है कि इस समय जो भी मानव या अन्य संसाधन सरकार या अन्य दूसरी जगह पर उपलब्ध हो उनका वितरण समान रूप से मानव जाति की रक्षा व सुरक्षा करने हेतु किया जाए ।आजकल करसोग विधानसभा क्षेत्र में एक डॉक्टर लगभग 4656 लोगों पर स्वास्थ्य सेवा दे रहा है, जबकि मंडी के कई अन्य क्षेत्रों में यही सेवा तकरीबन 27 61 आदमियों पर मिल रही है, करसोग में वैसे भी इनडोर मरीजों की चिकित्सा के हिसाब से नागरिक चिकित्सालय करसोग का अपनी श्रेणी में जिले में दूसरा नंबर पड़ता है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में तो स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कर्मियों की स्वीकृत संख्या भी ज्यादा है और वर्तमान में वहां की गई तैयारियां भी करसोग से ज्यादा है जो करसोग की भौगोलिक स्थिति व मंडी जिले में सबसे ज्यादा इन दुर्गम स्थानों में गांव में रहने वाले लोगों के साथ खासकर आजकल की इस असामान्य स्थिति में ठीक नहीं है । जगतराम का कहना है कि ऐसे समय में लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का मिलना अति आवश्यक है, इसी संदर्भ में हमारे पोर्टल खबर हिमाचल से मैं कहते हुए बताया की करसोग के अति दुर्गम क्षेत्रों में जो लोग रह रहे हैं उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं में इस वजह से वंचित रहना पड़ रहा है तथा वहां पर इस समय विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में विभिन्न विभिन्न पदों की काफी समय से रिक्तियां चली आ रही है ।
अकेले नागरिक चिकित्सालय करसोग में ही फरवरी से शुरू तक 30 पदों की रिक्तियां थी जिसमें मुख्यतः 5 डॉक्टरों की 10 स्टाफ नर्सों की व एक पद रेडियोग्राफर का पद भी शामिल था । इसके अलावा 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तत्तापानी महोग व मांहूनाग में तो कोई भी डॉक्टर उपलब्ध ना होने के कारण लोगों को सैकड़ों मील सफर कर करसोग या फिर मंडी या शिमला जाना पड़ रहा है जिसका स्पष्ट प्रमाण इस बात से लगाया जा सकता है कि तकरीबन हर रोज एंबुलेंस शिमला को भेजी जाती है जिस पर खर्चे के हिसाब से यदि देखा जाए तो डॉक्टरों की तैनाती करने में खर्च कम तथा एंबुलेंस भेजने में ज्यादा खर्च आने का पूरा अनुमान आसानी से ही लगाया जा सकता है ।
इन्होंने कहा कि करोना के बढ़ते संकट को देखते हुए नागरिक अस्पताल करसोग के इलावा इन दुर्गम व अति पिछड़े व कठिन क्षेत्रों में स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों महोग व मांहूनाग तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तत्तापानी में डॉक्टर व फार्मासिस्ट के दोनों पदों को भरने के आदेश सरकार को करने चाहिए ताकि जनमानस व दुर्गम इलाकों के लोगों को सुविधा प्रदान हो ।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -