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बद्दी ! लघु उद्योग भारती केे प्रदेशाध्यक्ष राजीव कंसल ने कहा कि कोरोना वायरस ने जहां पूरी दुनिया को झकझोर करके रख दिया है, वहीं भारत भी इससे अछूता नहींं रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए साहसिक निर्णय को प्रदेश सरकार तथा प्रशासन ने गंभीरता से लागू करवाए। जिससे कहीं न कहीं कोरोना जैसी गंभीर बीमारी को लगाम लगाने में किसी हद तक सफल रहा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाऊन के दौरान प्रदेश तथा केंद्र सरकार में फार्मा उद्योगों को सर्शत चलाने की अनुमति प्रदान की है। जिसमें जरूरी दवाईयों का उत्पादन प्रमुख है। सभी फार्मा कंपनियों जिनके पास उपरोक्त दवाईयों को बनाने का लाइसेंस है। कंसल ने कहा कि सभी इसका उत्पादन करकेे संकट की इस घड़ी में देश-प्रदेश के साथ है। लेकिन उपरोक्त दवाईयों के उत्पादन के लिए उपयुक्त मात्रा में कच्चा माल नहीं है। जिसके कारण लघु उद्योगों को इनका उत्पादन करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है। उन्होंने कहा कि अगर कहीं कच्चा माल मिल भी रहा है तो उसके दाम इतने ज्यादा हैं कि विक्री कीमत से ’यादा उसकी लागत है। उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांंग करते हैं कि लघु उद्योगों की इस समस्या को गंभीरता को समझते हुए उपरोक्त कच्चे माल को उद्योग विभाग द्वारा निगरानी रखवाई जाए। ताकि सभी उद्योगों को सुचारू रूप से उचित मूल्य पर कच्चा माल मिल सकेे, और जरूरी दवाईयों का उत्पादन करके देश में छाए इस संकट में अपने योगदान को निभा सकें।
बद्दी ! लघु उद्योग भारती केे प्रदेशाध्यक्ष राजीव कंसल ने कहा कि कोरोना वायरस ने जहां पूरी दुनिया को झकझोर करके रख दिया है, वहीं भारत भी इससे अछूता नहींं रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए साहसिक निर्णय को प्रदेश सरकार तथा प्रशासन ने गंभीरता से लागू करवाए। जिससे कहीं न कहीं कोरोना जैसी गंभीर बीमारी को लगाम लगाने में किसी हद तक सफल रहा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाऊन के दौरान प्रदेश तथा केंद्र सरकार में फार्मा उद्योगों को सर्शत चलाने की अनुमति प्रदान की है। जिसमें जरूरी दवाईयों का उत्पादन प्रमुख है। सभी फार्मा कंपनियों जिनके पास उपरोक्त दवाईयों को बनाने का लाइसेंस है।
कंसल ने कहा कि सभी इसका उत्पादन करकेे संकट की इस घड़ी में देश-प्रदेश के साथ है। लेकिन उपरोक्त दवाईयों के उत्पादन के लिए उपयुक्त मात्रा में कच्चा माल नहीं है। जिसके कारण लघु उद्योगों को इनका उत्पादन करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है। उन्होंने कहा कि अगर कहीं कच्चा माल मिल भी रहा है तो उसके दाम इतने ज्यादा हैं कि विक्री कीमत से ’यादा उसकी लागत है। उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांंग करते हैं कि लघु उद्योगों की इस समस्या को गंभीरता को समझते हुए उपरोक्त कच्चे माल को उद्योग विभाग द्वारा निगरानी रखवाई जाए। ताकि सभी उद्योगों को सुचारू रूप से उचित मूल्य पर कच्चा माल मिल सकेे, और जरूरी दवाईयों का उत्पादन करके देश में छाए इस संकट में अपने योगदान को निभा सकें।
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