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संधोल ! शहर हो या गांव कोरोना का खौफ लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। पुलिस जहां सड़कों पर बैरियर लगा कोरोना के प्रभाव को रोकने का प्रयास कर रही है। तो अब ग्रामीणों ने भी गांव में नो-इंट्री का बोर्ड लगाना शुरू कर दिया है। जिला मंडी के धर्मपुर ब्लाक के दयोल गांव में शनिवार से गांव वालों ने रास्ता बंद कर बाहरी लोगों व वाहनों का गांव में प्रवेश पूर्णतः बंद कर दिया है। गांव वासियों का कहना है कि केवल आपातकालीन सेवाओं की गाड़ियों को ही गांव से जाने की अनुमति होगी साथ ही उनके गांव से बिना आवश्यक कार्य किसी व्यक्ति को बाहर भी नहीं जाने दिया जाएगा। अब आस-पास के गांव के लोग भी यही तरकीब आजमाने की तैयारी कर रहे हैं। कारण कि शुक्रवार को जिला मंडी के साथ लगते जिला हमीरपुर में 2 कोरोना पॉजिटिव मरीज आने से वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़ने कि आशंका है और ग्रामीणों को डर सता रहा है कि कहीं यह उनके लिए खतरनाक न साबित हो। बता दें कि कोरोना वायरस के प्रभाव को रोकने के लिए सरकार ने 3 मई तक लाक डाउन किया है। संक्रमण के डर से 90 प्रतिशत लोग लाक डाउन का पालन कर रहे है लेकिन 10 प्रतिशत लोग खतरे को दरकिनार कर घूम रहे हैं। वैसे प्रशासन ऐसे लोगों की संख्या पांच प्रतिशत मान रहा है। अधिकारी भी ऐसे लोगों को रोकने में नाकाम रहे हैं। यहां तक कि पुलिस की लाठी भी इन्हें घरों में कैद नहीं कर पा रही है।
संधोल ! शहर हो या गांव कोरोना का खौफ लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। पुलिस जहां सड़कों पर बैरियर लगा कोरोना के प्रभाव को रोकने का प्रयास कर रही है। तो अब ग्रामीणों ने भी गांव में नो-इंट्री का बोर्ड लगाना शुरू कर दिया है। जिला मंडी के धर्मपुर ब्लाक के दयोल गांव में शनिवार से गांव वालों ने रास्ता बंद कर बाहरी लोगों व वाहनों का गांव में प्रवेश पूर्णतः बंद कर दिया है। गांव वासियों का कहना है कि केवल आपातकालीन सेवाओं की गाड़ियों को ही गांव से जाने की अनुमति होगी साथ ही उनके गांव से बिना आवश्यक कार्य किसी व्यक्ति को बाहर भी नहीं जाने दिया जाएगा।
अब आस-पास के गांव के लोग भी यही तरकीब आजमाने की तैयारी कर रहे हैं। कारण कि शुक्रवार को जिला मंडी के साथ लगते जिला हमीरपुर में 2 कोरोना पॉजिटिव मरीज आने से वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़ने कि आशंका है और ग्रामीणों को डर सता रहा है कि कहीं यह उनके लिए खतरनाक न साबित हो।
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बता दें कि कोरोना वायरस के प्रभाव को रोकने के लिए सरकार ने 3 मई तक लाक डाउन किया है। संक्रमण के डर से 90 प्रतिशत लोग लाक डाउन का पालन कर रहे है लेकिन 10 प्रतिशत लोग खतरे को दरकिनार कर घूम रहे हैं। वैसे प्रशासन ऐसे लोगों की संख्या पांच प्रतिशत मान रहा है। अधिकारी भी ऐसे लोगों को रोकने में नाकाम रहे हैं। यहां तक कि पुलिस की लाठी भी इन्हें घरों में कैद नहीं कर पा रही है।
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