
गोविंद सागर झील में जलक्रीड़ा और बंदलाधार से पैराग्लाइडिंग बन रही आकर्षण का केंद्र
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बिलासपुर, 28 सितंबर [ शिवानी ] ! हिमाचल प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण गंतव्य है तथा पर्यटन की अपार संभावनाएं संजोए हुए है। प्रदेश में धार्मिक, साहसिक और स्वास्थ्य पर्यटन विकास के मुख्य स्तंभ हैं। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए प्रदेश सरकार ने बिलासपुर की गोविंद सागर झील में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के मार्गदर्शन में वर्ष 2024 में साहसिक जलक्रीड़ा (एडवेंचर स्पोर्ट्स) की विभिन्न गतिविधियां शुरू की हैं। इन प्रयासों से न केवल जिला बिलासपुर को पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान मिल रही है, बल्कि स्थानीय युवाओं को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं।बंदलाधार की तलहटी में भाखड़ा बांध निर्माण से सतलुज नदी पर बनी गोविंद सागर झील के किनारे बसा बिलासपुर कस्बा प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। झील का नीला पानी यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आकर्षित करता है। बडोलधार व बंदलाधार के मध्य फैली यह झील कश्मीर की डल झील जैसा मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करती है। सरकार ने यहां मौजूद पर्यटन विकास की अपार संभावनाओं को देखते हुए साहसिक जलक्रीड़ा गतिविधियों को प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदेश सरकार ने जिला प्रशासन के माध्यम से पर्यटन, खेल, व्यापार एवं रोजगार सृजन सोसायटी का गठन कर झील में अनेक जलक्रीड़ा और साहसिक पर्यटन गतिविधियां शुरू की हैं। इनमें स्पीड बोट, क्रूज राइड, वाटर स्कूटर, बनाना राइड जैसी रोमांचक सवारी शामिल हैं। पर्यटकों को कश्मीर की डल झील जैसा अनुभव देने के लिए शिकारा राइड की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। ये सभी सेवाएं बिलासपुर के मंडी भराड़ी फोरलेन पुल के समीप संचालित हो रही हैं। साहसिक जलक्रीड़ा को और बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन शीघ्र ही तीन दिवसीय वॉटर स्पोर्ट्स महोत्सव आयोजित करने जा रहा है, जिसमें ड्रैगन बोट रेस, कायकिंग तथा कैनोइंग प्रतियोगिताएं मुख्य आकर्षण होंगी। बिलासपुर की गोविंद सागर झील चंडीगढ़-कीरतपुर-मनाली फोरलेन सड़क पर स्थित होने के कारण पर्यटक आसानी से इन साहसिक जलक्रीड़ाओं का आनंद ले सकते हैं। साहसिक खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए पर्यटन विभाग के सहयोग से जिला की प्रसिद्ध बंदलाधार से पैराग्लाइडिंग गतिविधियां भी चलाई जा रही हैं। यह साइट उत्तर भारत की बेहतरीन पैराग्लाइडिंग स्थलों में से एक है, जहां पर्यटक न केवल इस खेल का रोमांच अनुभव करते हैं, बल्कि गोविंद सागर झील का बेहद मनमोहक एवं आकर्षक नजारा भी देखने को मिलता है। मार्च 2025 में यहां अंतरराष्ट्रीय पैराग्लाइडिंग फिएस्टा सफलतापूर्वक आयोजित किया जा चुका है, जिसमें छह देशों के पैराग्लाइडरों सहित 70 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसके अतिरिक्त एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियों के लिए भी गोविंद सागर झील को उत्तरी भारत का सबसे उपयुक्त स्थान माना गया है। सरकार के सतत प्रयासों से आज बिलासपुर साहसिक जलक्रीड़ा, पैराग्लाइडिंग और एयरो स्पोर्ट्स के लिए पर्यटन की दृष्टि से उत्कृष्ट गंतव्य बनकर उभरा है। साथ ही, झील में आइलैंड टूरिज्म की अवधारणा पर भी कार्य जारी है, जिससे पर्यटक अंडमान-निकोबार की तर्ज पर झील के द्वीपों पर सैर का आनंद भी ले सकेंगे। प्रदेश सरकार की इन पहलों से न केवल बिलासपुर के पर्यटन विकास को नई गति मिली है, बल्कि युवाओं के लिए परिवहन, आतिथ्य और सेवा क्षेत्रों में रोजगार एवं उद्यमिता के अवसर भी बढ़े हैं। हिमाचल सरकार ने पर्यटन को राज्य अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ बनाते हुए रोजगार और विकास के नए द्वार खोल दिए हैं।उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार का कहना है कि बिलासपुर को एडवेंचर स्पोर्ट्स का प्रमुख हब बनाने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है। यहां वाॅटर स्पोर्ट्स, एयरो स्पोर्ट्स सहित अन्य साहसिक गतिविधियों को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि यह क्षेत्र न केवल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर सके बल्कि इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे तथा क्षेत्र में व्यापारिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा। जिला प्रशासन पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा के लिए लगातार प्रयासरत है तथा आने वाले समय में और नई साहसिक गतिविधियों को भी यहां शुरू करने के प्रयास किये जाएंगे।
बिलासपुर, 28 सितंबर [ शिवानी ] ! हिमाचल प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण गंतव्य है तथा पर्यटन की अपार संभावनाएं संजोए हुए है। प्रदेश में धार्मिक, साहसिक और स्वास्थ्य पर्यटन विकास के मुख्य स्तंभ हैं। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए प्रदेश सरकार ने बिलासपुर की गोविंद सागर झील में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के मार्गदर्शन में वर्ष 2024 में साहसिक जलक्रीड़ा (एडवेंचर स्पोर्ट्स) की विभिन्न गतिविधियां शुरू की हैं।
इन प्रयासों से न केवल जिला बिलासपुर को पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान मिल रही है, बल्कि स्थानीय युवाओं को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं।
बंदलाधार की तलहटी में भाखड़ा बांध निर्माण से सतलुज नदी पर बनी गोविंद सागर झील के किनारे बसा बिलासपुर कस्बा प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। झील का नीला पानी यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आकर्षित करता है।
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बडोलधार व बंदलाधार के मध्य फैली यह झील कश्मीर की डल झील जैसा मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करती है। सरकार ने यहां मौजूद पर्यटन विकास की अपार संभावनाओं को देखते हुए साहसिक जलक्रीड़ा गतिविधियों को प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
प्रदेश सरकार ने जिला प्रशासन के माध्यम से पर्यटन, खेल, व्यापार एवं रोजगार सृजन सोसायटी का गठन कर झील में अनेक जलक्रीड़ा और साहसिक पर्यटन गतिविधियां शुरू की हैं। इनमें स्पीड बोट, क्रूज राइड, वाटर स्कूटर, बनाना राइड जैसी रोमांचक सवारी शामिल हैं। पर्यटकों को कश्मीर की डल झील जैसा अनुभव देने के लिए शिकारा राइड की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
ये सभी सेवाएं बिलासपुर के मंडी भराड़ी फोरलेन पुल के समीप संचालित हो रही हैं। साहसिक जलक्रीड़ा को और बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन शीघ्र ही तीन दिवसीय वॉटर स्पोर्ट्स महोत्सव आयोजित करने जा रहा है, जिसमें ड्रैगन बोट रेस, कायकिंग तथा कैनोइंग प्रतियोगिताएं मुख्य आकर्षण होंगी। बिलासपुर की गोविंद सागर झील चंडीगढ़-कीरतपुर-मनाली फोरलेन सड़क पर स्थित होने के कारण पर्यटक आसानी से इन साहसिक जलक्रीड़ाओं का आनंद ले सकते हैं।
साहसिक खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए पर्यटन विभाग के सहयोग से जिला की प्रसिद्ध बंदलाधार से पैराग्लाइडिंग गतिविधियां भी चलाई जा रही हैं। यह साइट उत्तर भारत की बेहतरीन पैराग्लाइडिंग स्थलों में से एक है, जहां पर्यटक न केवल इस खेल का रोमांच अनुभव करते हैं, बल्कि गोविंद सागर झील का बेहद मनमोहक एवं आकर्षक नजारा भी देखने को मिलता है।
मार्च 2025 में यहां अंतरराष्ट्रीय पैराग्लाइडिंग फिएस्टा सफलतापूर्वक आयोजित किया जा चुका है, जिसमें छह देशों के पैराग्लाइडरों सहित 70 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसके अतिरिक्त एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियों के लिए भी गोविंद सागर झील को उत्तरी भारत का सबसे उपयुक्त स्थान माना गया है।
सरकार के सतत प्रयासों से आज बिलासपुर साहसिक जलक्रीड़ा, पैराग्लाइडिंग और एयरो स्पोर्ट्स के लिए पर्यटन की दृष्टि से उत्कृष्ट गंतव्य बनकर उभरा है। साथ ही, झील में आइलैंड टूरिज्म की अवधारणा पर भी कार्य जारी है, जिससे पर्यटक अंडमान-निकोबार की तर्ज पर झील के द्वीपों पर सैर का आनंद भी ले सकेंगे।
प्रदेश सरकार की इन पहलों से न केवल बिलासपुर के पर्यटन विकास को नई गति मिली है, बल्कि युवाओं के लिए परिवहन, आतिथ्य और सेवा क्षेत्रों में रोजगार एवं उद्यमिता के अवसर भी बढ़े हैं। हिमाचल सरकार ने पर्यटन को राज्य अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ बनाते हुए रोजगार और विकास के नए द्वार खोल दिए हैं।
उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार का कहना है कि बिलासपुर को एडवेंचर स्पोर्ट्स का प्रमुख हब बनाने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है। यहां वाॅटर स्पोर्ट्स, एयरो स्पोर्ट्स सहित अन्य साहसिक गतिविधियों को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि यह क्षेत्र न केवल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर सके बल्कि इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे तथा क्षेत्र में व्यापारिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा। जिला प्रशासन पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा के लिए लगातार प्रयासरत है तथा आने वाले समय में और नई साहसिक गतिविधियों को भी यहां शुरू करने के प्रयास किये जाएंगे।
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