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शिमला, 26 सितम्बर [ विशाल सूद ] – उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जल शक्ति विभाग की समीक्षा बैठक के बाद कहा कि राज्य को आपदाओं से पिछले तीन वर्षों में 4150 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि केंद्र से केवल 800 करोड़ रुपये की मदद मिली है। उन्होंने कहा कि राहत व पुनर्निर्माण के लिए बड़े फंड की आवश्यकता है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि विभाग ने रख-रखाव के लिए 424 करोड़ रुपये वित्त विभाग से मांगे हैं। जल जीवन मिशन के तहत 1227 करोड़ रुपये केंद्र से मिलने बाकी हैं, जबकि अब तक 350 करोड़ रुपये का कार्य पूरा कर ठेकेदारों को भुगतान किया जाना है। उन्होंने कहा कि बीते तीन साल में 46,917 योजनाएं क्षतिग्रस्त हुईं, जबकि इस बार की आपदा में 19,438 योजनाएं प्रभावित हुई हैं। विभाग इन सभी का प्रस्ताव केंद्र और प्रदेश सरकार को भेजेगा। बैठक में करुणामूलक आधार पर 505 प्रस्ताव मंजूर किए गए तथा अब तक 76 लोगों की नियुक्ति की जा चुकी है। जल रक्षक नीति के तहत 1346 को पंप अटेंडेंट बनाया गया है। नई जल रक्षक भर्ती अब नहीं होगी, बल्कि 8 साल सेवा के बाद वे पंप अटेंडेंट बनेंगे। उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि विभाग में अब ठेकेदारों के माध्यम से भर्ती नहीं होगी। यदि ठेकेदारों से भर्ती की जाए तो खर्च 98 करोड़ रुपये आता है, जबकि विभाग सीधे भर्ती करेगा तो खर्च केवल 26 करोड़ रुपये होगा। विभाग में 4136 लोगों की भर्ती सीधे की जाएगी और 111 वर्क इंस्पेक्टर भी नियुक्त किए जाएंगे। कैबिनेट को भेजे जाने वाले एजेंडे में 1726 पंप ऑपरेटर, पैराफिटर और मल्टीपर्पज वर्करों का मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव भी शामिल किया गया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रही है, जबकि सच्चाई यह है कि पीएम की घोषणा के अनुरूप केंद्र से प्रदेश को 1500 करोड़ रुपये एकमुश्त राहत राशि मिलनी चाहिए।
शिमला, 26 सितम्बर [ विशाल सूद ] – उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जल शक्ति विभाग की समीक्षा बैठक के बाद कहा कि राज्य को आपदाओं से पिछले तीन वर्षों में 4150 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि केंद्र से केवल 800 करोड़ रुपये की मदद मिली है। उन्होंने कहा कि राहत व पुनर्निर्माण के लिए बड़े फंड की आवश्यकता है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि विभाग ने रख-रखाव के लिए 424 करोड़ रुपये वित्त विभाग से मांगे हैं। जल जीवन मिशन के तहत 1227 करोड़ रुपये केंद्र से मिलने बाकी हैं, जबकि अब तक 350 करोड़ रुपये का कार्य पूरा कर ठेकेदारों को भुगतान किया जाना है।
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उन्होंने कहा कि बीते तीन साल में 46,917 योजनाएं क्षतिग्रस्त हुईं, जबकि इस बार की आपदा में 19,438 योजनाएं प्रभावित हुई हैं। विभाग इन सभी का प्रस्ताव केंद्र और प्रदेश सरकार को भेजेगा।
बैठक में करुणामूलक आधार पर 505 प्रस्ताव मंजूर किए गए तथा अब तक 76 लोगों की नियुक्ति की जा चुकी है। जल रक्षक नीति के तहत 1346 को पंप अटेंडेंट बनाया गया है। नई जल रक्षक भर्ती अब नहीं होगी, बल्कि 8 साल सेवा के बाद वे पंप अटेंडेंट बनेंगे।
उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि विभाग में अब ठेकेदारों के माध्यम से भर्ती नहीं होगी। यदि ठेकेदारों से भर्ती की जाए तो खर्च 98 करोड़ रुपये आता है, जबकि विभाग सीधे भर्ती करेगा तो खर्च केवल 26 करोड़ रुपये होगा। विभाग में 4136 लोगों की भर्ती सीधे की जाएगी और 111 वर्क इंस्पेक्टर भी नियुक्त किए जाएंगे।
कैबिनेट को भेजे जाने वाले एजेंडे में 1726 पंप ऑपरेटर, पैराफिटर और मल्टीपर्पज वर्करों का मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव भी शामिल किया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रही है, जबकि सच्चाई यह है कि पीएम की घोषणा के अनुरूप केंद्र से प्रदेश को 1500 करोड़ रुपये एकमुश्त राहत राशि मिलनी चाहिए।
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