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शिमला , 27 सितंबर [ विशाल सूद ] ! जिला शिमला में विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर शिमला कालका रेल के माध्यम से पहुंचने पर पर्यटकों का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया गया।जिला पर्यटन विकास अधिकारी जगदीश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि शिमला में रोजाना हजारों टूरिस्ट घूमने पहुंचते है। इसलिए रेलवे स्टेशन पर टूरिस्ट का स्वागत किया गया। इसके साथ मॉल रोड़, विक्ट्री टनल, द लिफ्ट में टूरिज्म से संबंधित प्रचार सामग्री वितरित की उन्होंने कहा कि हर साल 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर पर्यटन के महत्व को बढ़ावा देना और इसके सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक मूल्य को उजागर करना है। पर्यटन से स्थानीय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है, रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं। स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देने के साथ ही पर्यटन सांस्कृतिकता का परिचय कराता है। इस साल विश्व पर्यटन दिवस 2025 की थीम "पर्यटन और सतत परिवर्तन" रखी गई है.। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को यात्रा करने और नई जगहों की खोज करने के लिए प्रेरित करना है, जिससे वैश्विक समुदाय में एकता और समझ बढ़ सके। विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों को घूमने के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने टूरिज्म इंड्रस्टी को मजबूत करने की दिशा में कई योजनाएं लागू की है। राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने और स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से आतिथ्य क्षेत्र में मुख्यमंत्री पर्यटन स्टार्टअप योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के अंतर्गत नई पर्यटन इकाइयां स्थापित करने और मौजूदा होम स्टे इकाइयों का विस्तार और स्तरोन्नत करने के लिए ऋण पर वित्तीय राहत दी जाएगी। योजना के अंतर्गत ऋण पर शहरी क्षेत्रों में तीन प्रतिशत, ग्रामीण क्षेत्रों में चार प्रतिशत और जनजातीय क्षेत्रों में पांच प्रतिशत तक ब्याज सब्सिडी मिलेगी। यह सुविधा अधिकतम तीन वर्षों की अवधि के लिए और दो करोड़ रुपये तक के ऋण पर उपलब्ध होगी। यह योजना केवल बोनाफाइड हिमाचलियों के लिए है। होम स्टे पर्यटकों के लिए महंगे होटलों के स्थान पर किफायती विकल्प है। यह पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान कर उन्हें लंबी अवधि तक ग्रामीण क्षेत्रों में रुकने के लिए आकर्षित करते हैं। यह योजना सांस्कृतिक रूप से समृद्ध ग्रामीण क्षेत्रों के पर्यटन को बढ़ावा देने, स्वरोजगार सृजित करने और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
शिमला , 27 सितंबर [ विशाल सूद ] ! जिला शिमला में विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर शिमला कालका रेल के माध्यम से पहुंचने पर पर्यटकों का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया गया।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी जगदीश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि शिमला में रोजाना हजारों टूरिस्ट घूमने पहुंचते है। इसलिए रेलवे स्टेशन पर टूरिस्ट का स्वागत किया गया। इसके साथ मॉल रोड़, विक्ट्री टनल, द लिफ्ट में टूरिज्म से संबंधित प्रचार सामग्री वितरित की
उन्होंने कहा कि हर साल 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर पर्यटन के महत्व को बढ़ावा देना और इसके सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक मूल्य को उजागर करना है। पर्यटन से स्थानीय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है, रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं। स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देने के साथ ही पर्यटन सांस्कृतिकता का परिचय कराता है। इस साल विश्व पर्यटन दिवस 2025 की थीम "पर्यटन और सतत परिवर्तन" रखी गई है.।
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इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को यात्रा करने और नई जगहों की खोज करने के लिए प्रेरित करना है, जिससे वैश्विक समुदाय में एकता और समझ बढ़ सके। विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों को घूमने के लिए प्रोत्साहित करना है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने टूरिज्म इंड्रस्टी को मजबूत करने की दिशा में कई योजनाएं लागू की है। राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने और स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से आतिथ्य क्षेत्र में मुख्यमंत्री पर्यटन स्टार्टअप योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के अंतर्गत नई पर्यटन इकाइयां स्थापित करने और मौजूदा होम स्टे इकाइयों का विस्तार और स्तरोन्नत करने के लिए ऋण पर वित्तीय राहत दी जाएगी।
योजना के अंतर्गत ऋण पर शहरी क्षेत्रों में तीन प्रतिशत, ग्रामीण क्षेत्रों में चार प्रतिशत और जनजातीय क्षेत्रों में पांच प्रतिशत तक ब्याज सब्सिडी मिलेगी। यह सुविधा अधिकतम तीन वर्षों की अवधि के लिए और दो करोड़ रुपये तक के ऋण पर उपलब्ध होगी। यह योजना केवल बोनाफाइड हिमाचलियों के लिए है।
होम स्टे पर्यटकों के लिए महंगे होटलों के स्थान पर किफायती विकल्प है। यह पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान कर उन्हें लंबी अवधि तक ग्रामीण क्षेत्रों में रुकने के लिए आकर्षित करते हैं। यह योजना सांस्कृतिक रूप से समृद्ध ग्रामीण क्षेत्रों के पर्यटन को बढ़ावा देने, स्वरोजगार सृजित करने और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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