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बिलासपुर , 17 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिलासपुर जिला के एक दिवसीय दौरे के दौरान घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में करीब 79 करोड़ रुपये की लागत से होने वाले विभिन्न विकासात्मक कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया।. इस अवसर पर उन्होंने अखिल भारतीय पेंशनर दिवस के तहत आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भी शिरकत की.। मुख्यमंत्री दिल्ली से चंडीगढ़ होते हुए हेलीकॉप्टर के माध्यम से एम्स बिलासपुर के हेलीपैड पहुंचे और वहां से सड़क मार्ग द्वारा घुमारवीं पहुंचे.। दौरे की शुरुआत उन्होंने 15 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले बहुउद्देशीय खेल परिसर की आधारशिला रखकर की.। इसके बाद उन्होंने 4.82 करोड़ रुपये से निर्मित पुलिस थाना घुमारवीं का उद्घाटन किया और 6 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले पुलिस स्टेशन के आवासीय क्वार्टरों की आधारशिला भी रखी.। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने मीट मार्केट से होते हुए जाने वाली सड़क जो 6.13 करोड़ रुपये की लागत से अपग्रेड की जाने वाली 7 किलोमीटर लंबी अमरपुर-हड़सर-डाहड-जमन-घुमारवीं सड़क की आधारशिला रखी।. वहीं सीर खड्ड पुल पर उन्होंने 34.95 करोड़ रुपये की लागत से 31 किलोमीटर लंबी घुमारवीं-बरठीं-शाहतलाई सड़क के उच्चीकरण कार्य का शिलान्यास किया तथा 3.67 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित वर्षा जल संग्रहण (चेक डैम) का उद्घाटन भी किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने 6.80 करोड़ रुपये की लागत से सीर खड्ड पर बनने वाले 68 मीटर लंबे जीप योग्य पुल (बाड़ी मझेड़वां-डाहड-पनोल सड़क) की आधारशिला भी रखी.।अखिल भारतीय पेंशनर दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि घुमारवीं में बनने वाला बहुउद्देशीय खेल परिसर युवाओं को खेलों से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा.। उन्होंने कहा कि इस परिसर में बास्केटबॉल, हैंडबॉल, वॉलीबॉल, कुश्ती और रेसलिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी और अगले दो वर्षों में इसका निर्माण पूरा किया जाएगा, जिसमें धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.। मनरेगा योजना के नाम परिवर्तन को लेकर मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महात्मा गांधी के नाम से जुड़ी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नाम बदलना उद्देश्य नहीं है, बल्कि इसके पीछे की मंशा को समझना जरूरी है.। यदि मनरेगा योजना बंद होती है तो इसका सबसे अधिक नुकसान हिमाचल प्रदेश के लोगों को होगा.। इस अवसर पर प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, खेल मंत्री यादविंदर गोमा सहित जिले के पूर्व विधायक और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे.।
बिलासपुर , 17 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिलासपुर जिला के एक दिवसीय दौरे के दौरान घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में करीब 79 करोड़ रुपये की लागत से होने वाले विभिन्न विकासात्मक कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया।. इस अवसर पर उन्होंने अखिल भारतीय पेंशनर दिवस के तहत आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भी शिरकत की.।
मुख्यमंत्री दिल्ली से चंडीगढ़ होते हुए हेलीकॉप्टर के माध्यम से एम्स बिलासपुर के हेलीपैड पहुंचे और वहां से सड़क मार्ग द्वारा घुमारवीं पहुंचे.। दौरे की शुरुआत उन्होंने 15 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले बहुउद्देशीय खेल परिसर की आधारशिला रखकर की.।
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इसके बाद उन्होंने 4.82 करोड़ रुपये से निर्मित पुलिस थाना घुमारवीं का उद्घाटन किया और 6 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले पुलिस स्टेशन के आवासीय क्वार्टरों की आधारशिला भी रखी.।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने मीट मार्केट से होते हुए जाने वाली सड़क जो 6.13 करोड़ रुपये की लागत से अपग्रेड की जाने वाली 7 किलोमीटर लंबी अमरपुर-हड़सर-डाहड-जमन-घुमारवीं सड़क की आधारशिला रखी।. वहीं सीर खड्ड पुल पर उन्होंने 34.95 करोड़ रुपये की लागत से 31 किलोमीटर लंबी घुमारवीं-बरठीं-शाहतलाई सड़क के उच्चीकरण कार्य का शिलान्यास किया तथा 3.67 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित वर्षा जल संग्रहण (चेक डैम) का उद्घाटन भी किया।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने 6.80 करोड़ रुपये की लागत से सीर खड्ड पर बनने वाले 68 मीटर लंबे जीप योग्य पुल (बाड़ी मझेड़वां-डाहड-पनोल सड़क) की आधारशिला भी रखी.।अखिल भारतीय पेंशनर दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि घुमारवीं में बनने वाला बहुउद्देशीय खेल परिसर युवाओं को खेलों से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा.। उन्होंने कहा कि इस परिसर में बास्केटबॉल, हैंडबॉल, वॉलीबॉल, कुश्ती और रेसलिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी और अगले दो वर्षों में इसका निर्माण पूरा किया जाएगा, जिसमें धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.।
मनरेगा योजना के नाम परिवर्तन को लेकर मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महात्मा गांधी के नाम से जुड़ी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नाम बदलना उद्देश्य नहीं है, बल्कि इसके पीछे की मंशा को समझना जरूरी है.। यदि मनरेगा योजना बंद होती है तो इसका सबसे अधिक नुकसान हिमाचल प्रदेश के लोगों को होगा.।
इस अवसर पर प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, खेल मंत्री यादविंदर गोमा सहित जिले के पूर्व विधायक और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे.।
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