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बिलासपुर ,06 मार्च ! जिला बिलासपुर में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत अनाथों व निराश्रितो को होली के अवसर पर फैस्टिबल ग्रांट (त्योहारी अनुदान) वितरित कर दी गई है। यह जानकारी उपायुक्त आविद हुसैन सादिक ने आज यहां दी । उन्होने बताया कि प्रदेश सरकार ने समाजिक सरोकार की अभिनव पहल करते हुए सुख आश्रय योजना प्रारम्भ की है । उन्होन बताया कि महिला एंव बाल विकास विभाग के माध्यम से जिला के भगेड़ में स्थित अपराजिता संस्थान में 20 निराश्रित बच्चों तथा जिला कल्याण अधिकारी बिलासपुर के माध्यम से 19 निराश्रित वृद्धजनों को होली से पहले ही इस योजना के तहत फैस्टिबल ग्रांट प्रदान कर दी गई है। उन्होने बताया कि होली त्यौहार के दौरान जिला में स्थित आश्रयस्थलों, वृद्धाश्रमों व अनाथालयो में रह रहे निराश्रितों के लिए चार्ट मेकिंग और रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा ताकि उन्हे घर परिवार की कमी महसूस ना हो और परिवारिक मौहाल प्रदान किया जाए। उन्होने कहा कि सुख आश्रय योजना के तहत प्रदेश सरकार ने निराश्रितों बच्चों व वृद्धजनों को लोहड़ी, मकर सक्रांती, होली, दीवाली सहित अन्य त्योहार मनाने के लिए प्रति व्यक्ति 500 रूपये त्यौहारी अनुदान देने का निर्णय लिया ताकि वृद्ध तथा बाल आश्रमों में रह रहे निराश्रित लोग त्यौहार को सम्मानपूर्वक व धूमधाम से मना सकें। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 1 जनवरी 2023 को 101 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष का शुभारंभ किया था। योजना का उद्देश्य इस योजना का उद्देश्य जरूरतमंद बच्चों और निराश्रित महिलाओं को उच्च शिक्षा की सुविधा प्रदान करना है। राज्य सरकार ऐसे बच्चों के कौशल विकास, शिक्षा, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर होने वाले खर्च को वहन करेगी। उन्हें उनकी आवश्यकता के अनुसार आर्थिक सहायता भी दी जाएगी ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें। इन सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए किसी आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होने कहा कि इस योजना के तहत बाल देखभाल संस्थानों में रहने वाले बच्चे, सेवा सदन, शक्ति सदन में रहने वाली निराश्रित महिलाएं और वृद्धाश्रम के निवासी लाभान्वित होंगे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
बिलासपुर ,06 मार्च ! जिला बिलासपुर में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत अनाथों व निराश्रितो को होली के अवसर पर फैस्टिबल ग्रांट (त्योहारी अनुदान) वितरित कर दी गई है। यह जानकारी उपायुक्त आविद हुसैन सादिक ने आज यहां दी । उन्होने बताया कि प्रदेश सरकार ने समाजिक सरोकार की अभिनव पहल करते हुए सुख आश्रय योजना प्रारम्भ की है ।
उन्होन बताया कि महिला एंव बाल विकास विभाग के माध्यम से जिला के भगेड़ में स्थित अपराजिता संस्थान में 20 निराश्रित बच्चों तथा जिला कल्याण अधिकारी बिलासपुर के माध्यम से 19 निराश्रित वृद्धजनों को होली से पहले ही इस योजना के तहत फैस्टिबल ग्रांट प्रदान कर दी गई है। उन्होने बताया कि होली त्यौहार के दौरान जिला में स्थित आश्रयस्थलों, वृद्धाश्रमों व अनाथालयो में रह रहे निराश्रितों के लिए चार्ट मेकिंग और रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा ताकि उन्हे घर परिवार की कमी महसूस ना हो और परिवारिक मौहाल प्रदान किया जाए।
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उन्होने कहा कि सुख आश्रय योजना के तहत प्रदेश सरकार ने निराश्रितों बच्चों व वृद्धजनों को लोहड़ी, मकर सक्रांती, होली, दीवाली सहित अन्य त्योहार मनाने के लिए प्रति व्यक्ति 500 रूपये त्यौहारी अनुदान देने का निर्णय लिया ताकि वृद्ध तथा बाल आश्रमों में रह रहे निराश्रित लोग त्यौहार को सम्मानपूर्वक व धूमधाम से मना सकें।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 1 जनवरी 2023 को 101 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष का शुभारंभ किया था। योजना का उद्देश्य इस योजना का उद्देश्य जरूरतमंद बच्चों और निराश्रित महिलाओं को उच्च शिक्षा की सुविधा प्रदान करना है।
राज्य सरकार ऐसे बच्चों के कौशल विकास, शिक्षा, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर होने वाले खर्च को वहन करेगी। उन्हें उनकी आवश्यकता के अनुसार आर्थिक सहायता भी दी जाएगी ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें। इन सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए किसी आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।
उन्होने कहा कि इस योजना के तहत बाल देखभाल संस्थानों में रहने वाले बच्चे, सेवा सदन, शक्ति सदन में रहने वाली निराश्रित महिलाएं और वृद्धाश्रम के निवासी लाभान्वित होंगे।
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