- विज्ञापन (Article Top Ad) -
बिलासपुर, 06 दिसम्बर : अतिरिक्त उपायुक्त बिलासपुर ओम कांत ठाकुर की अध्यक्षता में आज धरती माता बचाओ निगरानी समिति के गठन संबंधी महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस अवसर उन्होंने बताया कि भारत सरकार के निर्देशानुसार जिले में ग्राम, उपमण्डल तथा जिला स्तर पर धरती माता बचाओ निगरानी समितियों का गठन किया जाएगा। अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि समिति का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में उर्वरकों की बिक्री, वितरण और उपयोग पर प्रभावी निगरानी रखना है। समिति सीमावर्ती क्षेत्रों में उर्वरकों की अत्यधिक या संदिग्ध आपूर्ति पर नजर रखेगी तथा किसी भी प्रकार की अवैध तस्करी या दुरुपयोग की स्थिति में तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर उर्वरकों के संतुलित एवं विवेकपूर्ण उपयोग के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे भूमि की उर्वरता बनी रहे और फसल उत्पादन में सुधार हो। उन्होंने बताया कि ग्राम स्तरीय समिति का अध्यक्ष ग्राम पंचायत प्रधान होगा जबकि ग्राम पंचायत सचिव, कृषि सखी, ड्रोन दीदी, प्रगतिशील किसान, प्राथमिक कृषि ऋण समितियां/किसान उत्पादक संगठन और कृषि विभाग का एक अधिकारी समिति के सदस्य होंगे। उन्होंने बताया कि यह समितियां रबी एवं खरीफ सीजन से पहले ग्राम पंचायत की मासिक बैठक में उर्वरकों के संतुलित प्रयोग और मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिशों पर चर्चा करेंगी। जिला प्रशासन द्वारा ऐसे कम से कम 100 गांव/स्थानों की पहचान की जाएगी जहां रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक प्रयोग हो रहा है। इन क्षेत्रों में कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ किसानों को सही उर्वरक उपयोग एवं मिट्टी संरक्षण के प्रति जागरूक करेंगे। साथ ही उन्होंने बतया कि समिति प्रत्येक मौसम में कम से कम दो बैठकें आयोजित कर उर्वरक खपत की समीक्षा करेगी तथा कृषि विभाग से प्राप्त खुदरा बिक्री के आंकड़ों के आधार पर किसी भी असामान्य वृद्धि का विश्लेषण कर किसानों को शिक्षित करेगी। बैठक में कृषि उप-निदेशक बिलासपुर डॉ. प्रेम चंद, डी.एस.पी. मदन धीमान, जिला कृषि अधिकारी नरेश कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
बिलासपुर, 06 दिसम्बर : अतिरिक्त उपायुक्त बिलासपुर ओम कांत ठाकुर की अध्यक्षता में आज धरती माता बचाओ निगरानी समिति के गठन संबंधी महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस अवसर उन्होंने बताया कि भारत सरकार के निर्देशानुसार जिले में ग्राम, उपमण्डल तथा जिला स्तर पर धरती माता बचाओ निगरानी समितियों का गठन किया जाएगा।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि समिति का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में उर्वरकों की बिक्री, वितरण और उपयोग पर प्रभावी निगरानी रखना है। समिति सीमावर्ती क्षेत्रों में उर्वरकों की अत्यधिक या संदिग्ध आपूर्ति पर नजर रखेगी तथा किसी भी प्रकार की अवैध तस्करी या दुरुपयोग की स्थिति में तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर उर्वरकों के संतुलित एवं विवेकपूर्ण उपयोग के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे भूमि की उर्वरता बनी रहे और फसल उत्पादन में सुधार हो।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने बताया कि ग्राम स्तरीय समिति का अध्यक्ष ग्राम पंचायत प्रधान होगा जबकि ग्राम पंचायत सचिव, कृषि सखी, ड्रोन दीदी, प्रगतिशील किसान, प्राथमिक कृषि ऋण समितियां/किसान उत्पादक संगठन और कृषि विभाग का एक अधिकारी समिति के सदस्य होंगे। उन्होंने बताया कि यह समितियां रबी एवं खरीफ सीजन से पहले ग्राम पंचायत की मासिक बैठक में उर्वरकों के संतुलित प्रयोग और मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिशों पर चर्चा करेंगी।
जिला प्रशासन द्वारा ऐसे कम से कम 100 गांव/स्थानों की पहचान की जाएगी जहां रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक प्रयोग हो रहा है। इन क्षेत्रों में कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ किसानों को सही उर्वरक उपयोग एवं मिट्टी संरक्षण के प्रति जागरूक करेंगे। साथ ही उन्होंने बतया कि समिति प्रत्येक मौसम में कम से कम दो बैठकें आयोजित कर उर्वरक खपत की समीक्षा करेगी तथा कृषि विभाग से प्राप्त खुदरा बिक्री के आंकड़ों के आधार पर किसी भी असामान्य वृद्धि का विश्लेषण कर किसानों को शिक्षित करेगी।
बैठक में कृषि उप-निदेशक बिलासपुर डॉ. प्रेम चंद, डी.एस.पी. मदन धीमान, जिला कृषि अधिकारी नरेश कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -