भेड़ाघाट में आयोजित 72वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के जिला स्तरीय समारोह बोेले तकनीकी शिक्षा मंत्री*
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बिलासपुर , 16 नवंबर [ विशाल सूद ] ! 72वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह-2025 के उपलक्ष्य में जिला स्तरीय समारोह का आयोजन हिमाचल प्रदेश एवं जिला विकास सहकारी संघ के संयुक्त तत्वाधान में दी छत ग्राम सेवा सहकारी सभा समिति भेड़ाघाट, जिला बिलासपुर में उत्साहपूर्वक आयोजित किया गया। इस समारोह में नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सहकारिता के सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाना, सहकारी संस्थाओं की भूमिका को मजबूत करना तथा ग्रामीण स्तर पर सहकारी आंदोलन को नई दिशा प्रदान करना रहा। इस अवसर पर बोलते हुए राजेश धर्माणी ने कहा कि वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, जो विश्व स्तर पर सहकारिता के सिद्धांतों और भावनाओं को और अधिक सशक्त करने का महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार सहकारिता को ग्रामीण विकास की रीढ़ मानते हुए इसे गांव-गांव तक पहुंचाने और आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सहकारी समितियां कृषि, मत्स्य, बागवानी, दुग्ध उत्पादन, उपभोक्ता सेवाओं, विपणन और वित्तीय सहयोग जैसे अनेक क्षेत्रों में मजबूती के साथ कार्य कर रही हैं। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है बल्कि हजारों किसानों, महिलाओं और युवाओं को आजीविका और रोजगार के नए अवसर प्राप्त हुए हैं। इस वर्ष सहकारी दिवस का विषय “ग्रामीण विकास में सहकारी सभाओं की भूमिका” निर्धारित किया गया है। सहकारिता आंदोलन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर विशेष कार्यक्रमों के साथ प्रारम्भ होता है तथा वह सहकारिता को ग्रामीण समृद्धि और सामूहिक भागीदारी का आधार मानते थे। सहकारी संस्थाएं ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों, श्रमिकों और छोटे उद्यमियों को संगठित कर आर्थिक शक्ति प्रदान करती हैं। इन सभाओं के माध्यम से ग्रामीण विकास, रोजगार सृजन, कृषि सुधार तथा सामाजिक उत्थान की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान मिलता है।उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा दूध के समर्थन मूल्य में वृद्धि किए जाने से पशुपालकों को सीधा लाभ प्राप्त हो रहा है। वहीं, हिमाचल सरकार ने धारा 118 में संशोधन करते हुए सहकारी सभाओं को भूमि खरीदने की अनुमति प्रदान करने का निर्णय कैबिनेट में स्वीकृत किया है, जिससे सहकारी क्षेत्र की कार्यक्षमता और विस्तार को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने उपस्थित सहकारी समितियों तथा विभागीय अधिकारियों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और कहा कि आगामी समय में सरकार सहकारिता के क्षेत्र को और अधिक पारदर्शी, डिजिटल तथा तकनीकी रूप से मजबूत बनाने को कई महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। इस अवसर पर सहायक रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां जिला बिलासपुर भास्कर कालिया ने मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा जिले में संचालित विभिन्न सहकारी संस्थाओं की गतिविधियों, उपलब्धियों की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा आगामी योजनाओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जिला में 225 सहकारी सभाएं तथा 4 संघ पंजीकृत हैं। जिला विकास सहकारी संघ के अध्यक्ष एच.बी. कौशल ने भी मुख्यातिथि का स्वागत किया । समारोह में विभिन्न सहकारी सभाओं द्वारा आकर्षक प्रदर्शनी भी लगाई गई।कार्यकुशलता, पारदर्शिता और उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर उत्कृष्ट सोसाइटी सभाओं को सम्मानित भी किया गया, जिससे अन्य समितियों को भी प्रेरणा प्राप्त होगी। समारोह में ए.पी.एम.सी. अध्यक्ष सतपाल वर्धन, हिमुडा निदेशक जितेंद्र चंदेल, को-ऑपरेटिव बैंक निदेशक जगदीश शर्मा, जिला फेडरेशन के अध्यक्ष रणजीत कश्यप, जिला विकास सहकारी संघ के अध्यक्ष एच.बी. कौशल, उपाध्यक्ष रक्षा कपिल, निदेशक बृजलाल शर्मा, पंचायत प्रतिनिधि, विभिन्न सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारी, प्रबंधक तथा स्थानीय क्षेत्र से बड़ी संख्या में किसान-बागवान उपस्थित रहे।.
बिलासपुर , 16 नवंबर [ विशाल सूद ] ! 72वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह-2025 के उपलक्ष्य में जिला स्तरीय समारोह का आयोजन हिमाचल प्रदेश एवं जिला विकास सहकारी संघ के संयुक्त तत्वाधान में दी छत ग्राम सेवा सहकारी सभा समिति भेड़ाघाट, जिला बिलासपुर में उत्साहपूर्वक आयोजित किया गया।
इस समारोह में नगर एवं ग्राम नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सहकारिता के सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाना, सहकारी संस्थाओं की भूमिका को मजबूत करना तथा ग्रामीण स्तर पर सहकारी आंदोलन को नई दिशा प्रदान करना रहा।
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इस अवसर पर बोलते हुए राजेश धर्माणी ने कहा कि वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, जो विश्व स्तर पर सहकारिता के सिद्धांतों और भावनाओं को और अधिक सशक्त करने का महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार सहकारिता को ग्रामीण विकास की रीढ़ मानते हुए इसे गांव-गांव तक पहुंचाने और आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सहकारी समितियां कृषि, मत्स्य, बागवानी, दुग्ध उत्पादन, उपभोक्ता सेवाओं, विपणन और वित्तीय सहयोग जैसे अनेक क्षेत्रों में मजबूती के साथ कार्य कर रही हैं। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है बल्कि हजारों किसानों, महिलाओं और युवाओं को आजीविका और रोजगार के नए अवसर प्राप्त हुए हैं।
इस वर्ष सहकारी दिवस का विषय “ग्रामीण विकास में सहकारी सभाओं की भूमिका” निर्धारित किया गया है। सहकारिता आंदोलन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर विशेष कार्यक्रमों के साथ प्रारम्भ होता है तथा वह सहकारिता को ग्रामीण समृद्धि और सामूहिक भागीदारी का आधार मानते थे।
सहकारी संस्थाएं ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों, श्रमिकों और छोटे उद्यमियों को संगठित कर आर्थिक शक्ति प्रदान करती हैं। इन सभाओं के माध्यम से ग्रामीण विकास, रोजगार सृजन, कृषि सुधार तथा सामाजिक उत्थान की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान मिलता है।उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा दूध के समर्थन मूल्य में वृद्धि किए जाने से पशुपालकों को सीधा लाभ प्राप्त हो रहा है।
वहीं, हिमाचल सरकार ने धारा 118 में संशोधन करते हुए सहकारी सभाओं को भूमि खरीदने की अनुमति प्रदान करने का निर्णय कैबिनेट में स्वीकृत किया है, जिससे सहकारी क्षेत्र की कार्यक्षमता और विस्तार को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने उपस्थित सहकारी समितियों तथा विभागीय अधिकारियों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और कहा कि आगामी समय में सरकार सहकारिता के क्षेत्र को और अधिक पारदर्शी, डिजिटल तथा तकनीकी रूप से मजबूत बनाने को कई महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है।
इस अवसर पर सहायक रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां जिला बिलासपुर भास्कर कालिया ने मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा जिले में संचालित विभिन्न सहकारी संस्थाओं की गतिविधियों, उपलब्धियों की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा आगामी योजनाओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जिला में 225 सहकारी सभाएं तथा 4 संघ पंजीकृत हैं। जिला विकास सहकारी संघ के अध्यक्ष एच.बी. कौशल ने भी मुख्यातिथि का स्वागत किया ।
समारोह में विभिन्न सहकारी सभाओं द्वारा आकर्षक प्रदर्शनी भी लगाई गई।
कार्यकुशलता, पारदर्शिता और उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर उत्कृष्ट सोसाइटी सभाओं को सम्मानित भी किया गया, जिससे अन्य समितियों को भी प्रेरणा प्राप्त होगी। समारोह में ए.पी.एम.सी. अध्यक्ष सतपाल वर्धन, हिमुडा निदेशक जितेंद्र चंदेल, को-ऑपरेटिव बैंक निदेशक जगदीश शर्मा, जिला फेडरेशन के अध्यक्ष रणजीत कश्यप, जिला विकास सहकारी संघ के अध्यक्ष एच.बी. कौशल, उपाध्यक्ष रक्षा कपिल, निदेशक बृजलाल शर्मा, पंचायत प्रतिनिधि, विभिन्न सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारी, प्रबंधक तथा स्थानीय क्षेत्र से बड़ी संख्या में किसान-बागवान उपस्थित रहे।
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