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चम्बा ,22 मार्च ! ज़िला चम्बा के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जोत में स्थापित एक्स बैंड डॉपलर मौसम रडार ज़िला के साथ- साथ लाहौल स्पीति कांगड़ा हमीरपुर ,कुल्लू ,ऊना व जम्मू-कश्मीर के कुछ क्षेत्रों में मौसम के सटीक पूर्वानुमान उपलब्ध करवा रहा है । 100 किमी की रेडियल दूरी में प्रतिकूल मौसम की अग्रिम चेतावनी उपलब्ध करवाने के साथ यह मौसम रडार अगले 3 घंटों के दौरान वर्षा का पूर्वानुमान लगाकर इसकी गति और प्रकार का शत प्रतिशत आकलन करने में सक्षम है । भारी बर्फबारी, वर्षा, बादल फटने, आंधी, ओलावृष्टि आदि के बारे में अग्रिम चेतावनी उपलब्ध करवाने के साथ यह मौसम रडार आपदा प्रबंधन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित हो रहा है । चम्बा ज़िला प्रशासन ने विशेष प्राथमिकता रखते हुए भूमि का चयन करके वन अनुमति, सड़क निर्माण , पेयजल, विद्युत व्यवस्था ,मूलभूत आधार सरंचना इत्यादि व्यवस्थाओं को तय सीमा के भीतर पूर्ण किया। भारतीय मौसम विभाग द्वारा एक्स बैंड डॉपलर मौसम रडार को जोत में कमीशन किया गया है । 15 जनवरी 2023 को भारत मौसम विज्ञान विभाग के 148 वें स्थापना दिवस के अवसर पर इस डॉपलर मौसम रडार का मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और केंद्रीय राज्य मंत्री विज्ञान व प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान डॉ. जितेंद्र सिंह ने विधिवत शुभारंभ किया । क्या कहते हैं उपायुक्त डीसी राणा उपायुक्त डीसी राणा ने बताया कि ये डॉपलर मौसम रडार दिल्ली व हैदराबाद सहित भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के विभिन्न केंद्रों से जुड़ा है । इसको रिमोट कंट्रोल से भी नियंत्रित किया जा सकता है । ये मौसम की चरम सीमा की जानकारी देने में महत्वपूर्ण सिद्ध हो रहा है । भारी बर्फबारी, वर्षा, बादल फटने, आंधी, ओलावृष्टि के सटीक पूर्वानुमान मिलने से 100 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में आपदा प्रबंधन की दृष्टि से आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं और जानमाल के नुकसान को भी रोका जा सकता है । उन्होंने बताया कि इसके भवन निर्माण और अन्य आधारभूत सुविधाओं के लिए लगभग एक करोड़ रुपए की राशि व्यय की गई है । वैज्ञानिक विपिन शर्मा बताते हैं भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक विपिन शर्मा बताते हैं कि वेदर डॉप्लर रडार के माध्यम से हमें बादलों के छायाचित्र, मॉडल इत्यादि का पता चलता है। जिसे हमें मौसम का पूर्वानुमान लगाने में काफी मदद मिलती है। हर 3 घंटे के बाद ब्रॉडकास्ट जारी किया जाता है । यहां स्थिर विद्युत अपूर्ति उपलब्ध करवाने के लिए स्टेबलाइजर, सप्लाई पैनल, यूपीएस प्रणाली के साथ जोड़ा गया है । मौसम की किसी भी स्थिति में रडार को कार्यशील रखने के लिए ऑटोमेटिक जनरेटर की व्यवस्था भी की गई है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा ,22 मार्च ! ज़िला चम्बा के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जोत में स्थापित एक्स बैंड डॉपलर मौसम रडार ज़िला के साथ- साथ लाहौल स्पीति कांगड़ा हमीरपुर ,कुल्लू ,ऊना व जम्मू-कश्मीर के कुछ क्षेत्रों में मौसम के सटीक पूर्वानुमान उपलब्ध करवा रहा है ।
100 किमी की रेडियल दूरी में प्रतिकूल मौसम की अग्रिम चेतावनी उपलब्ध करवाने के साथ यह मौसम रडार अगले 3 घंटों के दौरान वर्षा का पूर्वानुमान लगाकर इसकी गति और प्रकार का शत प्रतिशत आकलन करने में सक्षम है । भारी बर्फबारी, वर्षा, बादल फटने, आंधी, ओलावृष्टि आदि के बारे में अग्रिम चेतावनी उपलब्ध करवाने के साथ यह मौसम रडार आपदा प्रबंधन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित हो रहा है ।
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चम्बा ज़िला प्रशासन ने विशेष प्राथमिकता रखते हुए भूमि का चयन करके वन अनुमति, सड़क निर्माण , पेयजल, विद्युत व्यवस्था ,मूलभूत आधार सरंचना इत्यादि व्यवस्थाओं को तय सीमा के भीतर पूर्ण किया। भारतीय मौसम विभाग द्वारा एक्स बैंड डॉपलर मौसम रडार को जोत में कमीशन किया गया है ।
15 जनवरी 2023 को भारत मौसम विज्ञान विभाग के 148 वें स्थापना दिवस के अवसर पर इस डॉपलर मौसम रडार का मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और केंद्रीय राज्य मंत्री विज्ञान व प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान डॉ. जितेंद्र सिंह ने विधिवत शुभारंभ किया ।
क्या कहते हैं उपायुक्त डीसी राणा
उपायुक्त डीसी राणा ने बताया कि ये डॉपलर मौसम रडार दिल्ली व हैदराबाद सहित भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के विभिन्न केंद्रों से जुड़ा है । इसको रिमोट कंट्रोल से भी नियंत्रित किया जा सकता है । ये मौसम की चरम सीमा की जानकारी देने में महत्वपूर्ण सिद्ध हो रहा है ।
भारी बर्फबारी, वर्षा, बादल फटने, आंधी, ओलावृष्टि के सटीक पूर्वानुमान मिलने से 100 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में आपदा प्रबंधन की दृष्टि से आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं और जानमाल के नुकसान को भी रोका जा सकता है । उन्होंने बताया कि इसके भवन निर्माण और अन्य आधारभूत सुविधाओं के लिए लगभग एक करोड़ रुपए की राशि व्यय की गई है ।
वैज्ञानिक विपिन शर्मा बताते हैं
भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक विपिन शर्मा बताते हैं कि वेदर डॉप्लर रडार के माध्यम से हमें बादलों के छायाचित्र, मॉडल इत्यादि का पता चलता है। जिसे हमें मौसम का पूर्वानुमान लगाने में काफी मदद मिलती है। हर 3 घंटे के बाद ब्रॉडकास्ट जारी किया जाता है । यहां स्थिर विद्युत अपूर्ति उपलब्ध करवाने के लिए स्टेबलाइजर, सप्लाई पैनल, यूपीएस प्रणाली के साथ जोड़ा गया है । मौसम की किसी भी स्थिति में रडार को कार्यशील रखने के लिए ऑटोमेटिक जनरेटर की व्यवस्था भी की गई है।
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