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चम्बा , 13 दिसंबर [ शिवानी ] ! पेंशनर संयुक्त संघर्ष मोर्चा और भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ इकाई चम्बा की संयुक्त बैठक का आयोजन आज जिला मुख्यालय चम्बा में किया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. डीके सोनी ने की। बैठक में पेंशनरों की विभिन्न मांगों को लेकर चर्चा की गई। वक्ताओं ने सरकार के समक्ष जेसीसी की बैठक का 17 दिसंबर से पहले आयोजन करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि 28 नवंबर को हिमाचल प्रदेश के पेंशनर धर्मशाला में एकजुट होकर गरजे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें सात दिनों में जेसीसी की बैठक आयोजित करके सभी विषयों पर चर्चा करने की बात कही थी। लेकिन दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी बैठक आयोजित नहीं हो पाई है। लिहाजा, पेंशनरों में सरकार के प्रति रोष पनपने लगा है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि यदि 17 दिसंबर से पहले सरकार ने जेसीसी की बैठक न बुलाई तो आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने जश्न मनाने में करोड़ों रूपए खर्च कर दिए लेकिन पेंशनरों के हक देने में सरकार आनाकानी कर रही है। बीते लंबे समय से पेंशनर लंबित भुगतान मांग रहे हैं। एचआरटीसी के पेंशनरों को समय पर पेंशन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। चिकित्सा बिलों का भुगतान न होने से पेंशनर अपना उपचार भी नहीं करवा पा रहे हैं। इस बैठक में 17 दिसंबर को आयोजित होने वाले स्थापना दिवस समारोह को लेकर भी रणनीति तय की गई। बहरहाल, पेंशनरों ने अब एक बार फिर अपने हक के लिए आवाज बुलंद की है।
चम्बा , 13 दिसंबर [ शिवानी ] ! पेंशनर संयुक्त संघर्ष मोर्चा और भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ इकाई चम्बा की संयुक्त बैठक का आयोजन आज जिला मुख्यालय चम्बा में किया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. डीके सोनी ने की। बैठक में पेंशनरों की विभिन्न मांगों को लेकर चर्चा की गई।
वक्ताओं ने सरकार के समक्ष जेसीसी की बैठक का 17 दिसंबर से पहले आयोजन करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि 28 नवंबर को हिमाचल प्रदेश के पेंशनर धर्मशाला में एकजुट होकर गरजे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें सात दिनों में जेसीसी की बैठक आयोजित करके सभी विषयों पर चर्चा करने की बात कही थी। लेकिन दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी बैठक आयोजित नहीं हो पाई है।
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लिहाजा, पेंशनरों में सरकार के प्रति रोष पनपने लगा है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि यदि 17 दिसंबर से पहले सरकार ने जेसीसी की बैठक न बुलाई तो आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने जश्न मनाने में करोड़ों रूपए खर्च कर दिए लेकिन पेंशनरों के हक देने में सरकार आनाकानी कर रही है। बीते लंबे समय से पेंशनर लंबित भुगतान मांग रहे हैं।
एचआरटीसी के पेंशनरों को समय पर पेंशन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। चिकित्सा बिलों का भुगतान न होने से पेंशनर अपना उपचार भी नहीं करवा पा रहे हैं। इस बैठक में 17 दिसंबर को आयोजित होने वाले स्थापना दिवस समारोह को लेकर भी रणनीति तय की गई। बहरहाल, पेंशनरों ने अब एक बार फिर अपने हक के लिए आवाज बुलंद की है।
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