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चम्बा , 12 दिसंबर [ शिवानी ] ! पंडित जवाहर लाल नेहरू मैडीकल कालेज एवं अस्पताल चम्बा में अग्निशमन विभाग ने अग्नि सुरक्षा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल का आयोजन कालेज चम्बा के प्राचार्य डा. पंकज गुप्ता की देखरेख में किया गया। इस मौके पर अग्निशमन विभाग लेखराज लीडिंग फायर मैन और सुरेश कुमार फायर मैन चम्बा की टीम द्वारा अस्पताल परिसर के न्यू ब्लाॅक परिसर के प्रांगण में स्वास्थ्य विभाग के डाक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, प्रशिक्षु डाक्टरों, नर्सिग प्रशिक्षुओं, सुरक्षा कर्मी व अन्य कर्मचारियों को अस्पताल में या किसी वार्ड में आगजनी की घटना के समय किस तरह से अपनी जान के साथ साथ मरीजों और उनके संगे के साथ-साथ मरीजों और उनके संगे-संबंधियों की जान को बचाया जा सकता है और एक बड़ी घटना होने किस तरह बचा जा सकता है के बारे में जागरुक किया गया। इस मौके पर पंडित जवाहर लाल नेहरू मैडीकल कालेज एवं अस्पताल चम्बा प्राचार्य डा. पंकज गुप्ता ने कहा कि अग्नि सुरक्षा मॉक ड्रिल का मुख्य कारण बचाव है। उन्होंने कहा कि आए दिन देखने को मिलता है कि अस्पताल या किसी अन्य वार्ड में आगजनी की घटना हुई है और उसकी वजह से कितने ही लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, इसी एहतियात को लेकर अग्नि सुरक्षा मॉक ड्रिल करवाई गई हैं, और मैडीकल काॅलेज अस्पताल चम्बा में कार्यरत सुरक्षाकर्मियों को भी इस अग्नि सुरक्षा मॉक ड्रिल के उपकरणों को किस तरह उपयोग किया जाता है के बारे में जानकारी दिलवाई गई ताकि यदि भविष्य में कोई अप्रिय घटना होती है तो सुरक्षाकर्मी पहले से इन अग्नि सुरक्षा यंत्रों की जानकारी हो और बचाब कर सकेेें। इस मौके अग्निशमन विभाग लेखराज लीडिंग फायर मैन और सुरेश कुमार फायर मैन ने कहा कि आग चार प्रकार की होती जिसको ए,बी,सी और डी श्रेणी में रखा गया है। जैसे कि ए श्रेणी की आग साधारण पदार्थो की आग इसमें कोयला, लकड़ी, कपड़ा, जूट इत्यादि की आग होती है जिसको वाटर टाइप, एक्सटीव्यूटर से काबू कर सकते है। बी श्रेणी की आग पैट्रोल, डीजल, चारकोल और एल्कोहल इत्यादि की आग होती है जिसको फोर्म टाइप से काबू कर सकते है। सी श्रेणी की आग ब्यूटेन, प्रोपेन, कोल गैस और एलपीजी की आग होती है जिसको सीओटू, ड्राई कैमीकल पाउडर से काबू किया जा सकता है। डी धातुओं की आग जैसे कोपर,लोहा जिंक एल्मयुनियम और मैगनिशियम इत्यादि जिसको सीओटू से आग पर काबू पाया जा सकता है। इस मौके पर सयुक्त निदेशक केशव राम, त्वचारोग विशेषज्ञ डाॅ दिलबाग सिंह, मेडिसन विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ उमर जलाली, नर्सिग सुपरीटेंडेंट, मैट्रन, प्रशिक्षु डाक्टर, नर्सिग स्टाफ नर्स, नर्सिग प्रशिक्षु, सुरक्षाकर्मी व अन्य स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे।
चम्बा , 12 दिसंबर [ शिवानी ] ! पंडित जवाहर लाल नेहरू मैडीकल कालेज एवं अस्पताल चम्बा में अग्निशमन विभाग ने अग्नि सुरक्षा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल का आयोजन कालेज चम्बा के प्राचार्य डा. पंकज गुप्ता की देखरेख में किया गया।
इस मौके पर अग्निशमन विभाग लेखराज लीडिंग फायर मैन और सुरेश कुमार फायर मैन चम्बा की टीम द्वारा अस्पताल परिसर के न्यू ब्लाॅक परिसर के प्रांगण में स्वास्थ्य विभाग के डाक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, प्रशिक्षु डाक्टरों, नर्सिग प्रशिक्षुओं, सुरक्षा कर्मी व अन्य कर्मचारियों को अस्पताल में या किसी वार्ड में आगजनी की घटना के समय किस तरह से अपनी जान के साथ साथ मरीजों और उनके संगे के साथ-साथ मरीजों और उनके संगे-संबंधियों की जान को बचाया जा सकता है और एक बड़ी घटना होने किस तरह बचा जा सकता है के बारे में जागरुक किया गया।
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इस मौके पर पंडित जवाहर लाल नेहरू मैडीकल कालेज एवं अस्पताल चम्बा प्राचार्य डा. पंकज गुप्ता ने कहा कि अग्नि सुरक्षा मॉक ड्रिल का मुख्य कारण बचाव है। उन्होंने कहा कि आए दिन देखने को मिलता है कि अस्पताल या किसी अन्य वार्ड में आगजनी की घटना हुई है और उसकी वजह से कितने ही लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, इसी एहतियात को लेकर अग्नि सुरक्षा मॉक ड्रिल करवाई गई हैं, और मैडीकल काॅलेज अस्पताल चम्बा में कार्यरत सुरक्षाकर्मियों को भी इस अग्नि सुरक्षा मॉक ड्रिल के उपकरणों को किस तरह उपयोग किया जाता है के बारे में जानकारी दिलवाई गई ताकि यदि भविष्य में कोई अप्रिय घटना होती है तो सुरक्षाकर्मी पहले से इन अग्नि सुरक्षा यंत्रों की जानकारी हो और बचाब कर सकेेें।
इस मौके अग्निशमन विभाग लेखराज लीडिंग फायर मैन और सुरेश कुमार फायर मैन ने कहा कि आग चार प्रकार की होती जिसको ए,बी,सी और डी श्रेणी में रखा गया है। जैसे कि ए श्रेणी की आग साधारण पदार्थो की आग इसमें कोयला, लकड़ी, कपड़ा, जूट इत्यादि की आग होती है जिसको वाटर टाइप, एक्सटीव्यूटर से काबू कर सकते है।
बी श्रेणी की आग पैट्रोल, डीजल, चारकोल और एल्कोहल इत्यादि की आग होती है जिसको फोर्म टाइप से काबू कर सकते है। सी श्रेणी की आग ब्यूटेन, प्रोपेन, कोल गैस और एलपीजी की आग होती है जिसको सीओटू, ड्राई कैमीकल पाउडर से काबू किया जा सकता है। डी धातुओं की आग जैसे कोपर,लोहा जिंक एल्मयुनियम और मैगनिशियम इत्यादि जिसको सीओटू से आग पर काबू पाया जा सकता है।
इस मौके पर सयुक्त निदेशक केशव राम, त्वचारोग विशेषज्ञ डाॅ दिलबाग सिंह, मेडिसन विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ उमर जलाली, नर्सिग सुपरीटेंडेंट, मैट्रन, प्रशिक्षु डाक्टर, नर्सिग स्टाफ नर्स, नर्सिग प्रशिक्षु, सुरक्षाकर्मी व अन्य स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे।
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