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चम्बा , 08 जून [ शिवानी ] ! विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश हमेशा अपनी विशेष संस्कृति, लोक शिल्प एवं लोक कलाओं के लिए प्रसिद्ध रहा है। प्रदेश को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। राज्य की धार्मिक एवं सांस्कृतिक परम्पराएं अत्यन्त समृद्ध हैं। प्रदेश में अनेक मेले एवं त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनमें समृद्ध संस्कृति, कला और जन आस्था की जीवंत छवि देखने को मिलती है। विधानसभा अध्यक्ष आज भटियात विधानसभा क्षेत्र के हार में छिंज मेले में शिरकत करने के उपरान्त उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मेले, त्यौहार और पर्व अपनी एक विशेष पहचान रखते हैं। हिमाचल में मनाए जाने वाले अधिकतर मेलों और त्योहारों में प्राचीन संस्कृति की झलक दिखती है और साथ ही आपसी प्रेम और भाई-चारे की महक भी इन मेलों से मिलती है। हिमाचल में अलग-अलग समय में कई जगह मेले लगते रहते हैं उनमें से ही छिंज मेले यानी दंगल हिमाचल में काफी लोकप्रिय हैं। हिमाचल के छिंज मेले लोगों का भरपूर मनोरंजन करते हैं और साथ ही लोगों को तन्दरूस्त रहने का भी संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक परम्परा के साथ हमारा समृद्ध इतिहास जुड़ा है। हम सबका दायित्व बनता है कि इन परंपरागत उत्सवों का आयोजन कर आने वाली पीढ़ी को इनके महत्व की जानकारी उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने मेला कमेटी को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सदस्यों की कड़ी मेहनत और स्थानीय लोगों के सहयोग से इन मेलों का सफलतापूर्वक आयोजन सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने मेला कमेटी को 11 हज़ार रूपए देने की घोषणा की। इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष कॉंग्रेस कमेटी किशन चंद चेला, तहसीलदार सुरिन्दर कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा , 08 जून [ शिवानी ] ! विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश हमेशा अपनी विशेष संस्कृति, लोक शिल्प एवं लोक कलाओं के लिए प्रसिद्ध रहा है। प्रदेश को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है।
राज्य की धार्मिक एवं सांस्कृतिक परम्पराएं अत्यन्त समृद्ध हैं। प्रदेश में अनेक मेले एवं त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनमें समृद्ध संस्कृति, कला और जन आस्था की जीवंत छवि देखने को मिलती है।
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विधानसभा अध्यक्ष आज भटियात विधानसभा क्षेत्र के हार में छिंज मेले में शिरकत करने के उपरान्त उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मेले, त्यौहार और पर्व अपनी एक विशेष पहचान रखते हैं। हिमाचल में मनाए जाने वाले अधिकतर मेलों और त्योहारों में प्राचीन संस्कृति की झलक दिखती है और साथ ही आपसी प्रेम और भाई-चारे की महक भी इन मेलों से मिलती है। हिमाचल में अलग-अलग समय में कई जगह मेले लगते रहते हैं उनमें से ही छिंज मेले यानी दंगल हिमाचल में काफी लोकप्रिय हैं।
हिमाचल के छिंज मेले लोगों का भरपूर मनोरंजन करते हैं और साथ ही लोगों को तन्दरूस्त रहने का भी संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक परम्परा के साथ हमारा समृद्ध इतिहास जुड़ा है। हम सबका दायित्व बनता है कि इन परंपरागत उत्सवों का आयोजन कर आने वाली पीढ़ी को इनके महत्व की जानकारी उपलब्ध करवाई जाए।
उन्होंने मेला कमेटी को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सदस्यों की कड़ी मेहनत और स्थानीय लोगों के सहयोग से इन मेलों का सफलतापूर्वक आयोजन सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने मेला कमेटी को 11 हज़ार रूपए देने की घोषणा की।
इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष कॉंग्रेस कमेटी किशन चंद चेला, तहसीलदार सुरिन्दर कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
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