विशेषाधिकार हनन के नोटिस पर तकरार तेज, मीडिया के सामने दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर साधा निशाना
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धर्मशाला , 05 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! धर्मशाला में शीतकालीन सत्र आठबें व अन्तिम दिन के दौरान राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और भाजपा विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार के बीच शुरू हुआ विवाद अब सदन से बाहर भी गूंजने लगा है। विधानसभा परिसर में दोनों नेताओं ने मीडिया के सामने एक-दूसरे पर बयान जारी कर मोर्चा खोल दिया। विपिन परमार ने मंत्री जगत सिंह नेगी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने नियम 75 के तहत स्पीकर को विशेषाधिकार हनन की शिकायत दी है। परमार ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के बारे में मंत्री द्वारा बोले गए शब्द गलत हैं और उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने मंत्री के रवैये की निंदा करते हुए कहा कि सदन की मर्यादा में इस तरह की भाषा अस्वीकार्य है। वहीं, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों का जवाब देना सरकार की जिम्मेदारी है, और वही उन्होंने सदन में किया। नेगी ने आरोप लगाया कि 3 दिसंबर को विपक्ष ने उनके साथ अनुचित व्यवहार किया था और उसी आधार पर उन्होंने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था। उन्होंने कहा कि आज जब वह नोटिस की स्थिति जानने स्पीकर से मिले, तो विपक्ष ने उल्टे उन्हीं पर आरोप लगा दिए। नेगी ने टिप्पणी करते हुए कहा—“यह तो उल्टा चोर कोतवाली को डांटे वाली बात हो गई।” उन्होंने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर भी निशाना साधा और कहा कि विपक्ष 118 बिल को लेकर जनता को गुमराह कर रहा है। “मैंने नियम 75 के तहत विशेषाधिकार हनन की शिकायत स्पीकर को दी है। मंत्री द्वारा नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ जो शब्द बोले गए, वे गलत हैं। सदन की गरिमा में ऐसी भाषा बर्दाश्त नहीं की जा सकती, और कार्रवाई जरूरी है।” “विपक्ष जो सवाल उठाता है, उसका जवाब देना हमारी जिम्मेदारी है। लेकिन 3 दिसंबर को मेरे साथ जिस तरह का व्यवहार हुआ, वह विशेषाधिकार हनन की श्रेणी में आता है। मैंने स्पीकर से शिकायत की है, और अब उल्टा विपक्ष ही आरोप लगाने लगा है। यह जनता को गुमराह करने की कोशिश है।”
धर्मशाला , 05 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! धर्मशाला में शीतकालीन सत्र आठबें व अन्तिम दिन के दौरान राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और भाजपा विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार के बीच शुरू हुआ विवाद अब सदन से बाहर भी गूंजने लगा है। विधानसभा परिसर में दोनों नेताओं ने मीडिया के सामने एक-दूसरे पर बयान जारी कर मोर्चा खोल दिया।
विपिन परमार ने मंत्री जगत सिंह नेगी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने नियम 75 के तहत स्पीकर को विशेषाधिकार हनन की शिकायत दी है। परमार ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के बारे में मंत्री द्वारा बोले गए शब्द गलत हैं और उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने मंत्री के रवैये की निंदा करते हुए कहा कि सदन की मर्यादा में इस तरह की भाषा अस्वीकार्य है।
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वहीं, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों का जवाब देना सरकार की जिम्मेदारी है, और वही उन्होंने सदन में किया। नेगी ने आरोप लगाया कि 3 दिसंबर को विपक्ष ने उनके साथ अनुचित व्यवहार किया था और उसी आधार पर उन्होंने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था। उन्होंने कहा कि आज जब वह नोटिस की स्थिति जानने स्पीकर से मिले, तो विपक्ष ने उल्टे उन्हीं पर आरोप लगा दिए।
नेगी ने टिप्पणी करते हुए कहा—“यह तो उल्टा चोर कोतवाली को डांटे वाली बात हो गई।” उन्होंने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर भी निशाना साधा और कहा कि विपक्ष 118 बिल को लेकर जनता को गुमराह कर रहा है।
“मैंने नियम 75 के तहत विशेषाधिकार हनन की शिकायत स्पीकर को दी है। मंत्री द्वारा नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ जो शब्द बोले गए, वे गलत हैं। सदन की गरिमा में ऐसी भाषा बर्दाश्त नहीं की जा सकती, और कार्रवाई जरूरी है।”
“विपक्ष जो सवाल उठाता है, उसका जवाब देना हमारी जिम्मेदारी है। लेकिन 3 दिसंबर को मेरे साथ जिस तरह का व्यवहार हुआ, वह विशेषाधिकार हनन की श्रेणी में आता है। मैंने स्पीकर से शिकायत की है, और अब उल्टा विपक्ष ही आरोप लगाने लगा है। यह जनता को गुमराह करने की कोशिश है।”
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