*हर उपमंडल पर पटवारियों के साथ उपायुक्त करेंगे बैठक, ठियोग उपमंडल से हुआ नई पहल का आगाज* *राजस्व कार्यों में तीव्रता लाने की दिशा में बैठक का आयोजन*
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शिमला , 03 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! ठियोग उपमंडल में राजस्व विभाग के अधिकारियों और फील्ड स्टाफ के साथ उपायुक्त अनुपम कश्यप ने आज बैठक की। उपायुक्त ने हर उप मंडल स्तर पर पटवारियों और राजस्व के फील्ड स्टाफ के साथ बैठक करने का फैसला लिया है। इसमें मुख्यतौर पर राजस्व विभाग के कार्यों में तीव्रता लाने और जनहितैषी कार्यों को आम जन तक पहुंचाने की दिशा में कार्य करना है। उन्होंने कहा कि भूमिहीन लोगों के आवेदन पटवारियों के पास नहीं पहुंच रहे हैं लेकिन उपायुक्त कार्यालय में आवेदन पहुंच रहे है। यह पटवारी को सोचना होगा कि उनके पास क्यों नहीं पहुंच रहे है। उपायुक्त ने बैठक में पटवारियों से पूछा की सरकारी दफ्तरों के नाम कितनी भूमि नाम है तो इसमें पटवारी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उपायुक्त ने कहा कि सरकारी विभागों के नाम भूमि है लेकिन विभाग भूमि का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। ऐसी भूमि को चिन्हित करके भूमिहीन लोगों को मुहैया करवाने की दिशा में कार्य करने के लिए कार्य करें। उपायुक्त ने विशेष आपदा राहत पैकेज-2023 के प्रभावितों के घरों के निरीक्षण की रिपोर्ट हर पटवारी से ली। इसके साथ रोज नामचा में क्रॉस चेकिंग भी की। उपायुक्त ने कहा कि पटवारी फील्ड में जब जाए तो रोज नामचा में रिकॉर्ड दर्ज होना चाहिए। उपायुक्त ने नायब तहसीलदार को पटवारियों के कार्यों की प्रगति रिपोर्ट पर कार्य करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने कहा कि विशेष आपदा राहत पैकेज में बन रहे प्रभावितों के घरों का निरीक्षण पटवारियों ने मौके पर जाकर न के बराबर किया है। दो हफ्ते के भीतर सभी पटवारी निरीक्षण करेंगे और फिर रिपोर्ट प्रेषित करेंगे। उन्होंने कहा कि राजस्व कार्यों में किसी भी सूरत में देरी स्वीकार नहीं होगी। इसमें जो दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि एक सप्ताह में धारा-118 के तहत हुए म्यूटेशन कार्यों की मौजूदा स्थिति को लेकर रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय को प्रेषित करें। इसके साथ भूमिहीन लोगों का रिकॉर्ड भी प्रेषित करना होगा।उपायुक्त ने पटवारियों को निर्देश दिए कि जब भी ततीमा काटे तो उसकी रिकॉर्ड में एंट्री होनी चाहिए। अगर रिकॉर्ड में एंट्री नहीं पाई तो पटवारी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि पटवारियों को स्कूल में मिड-डे मिल के भोजन का औचक निरीक्षण भी करना चाहिए और स्कूलों में बच्चों के शौचालय की यथास्थिति के बारे में भी रिपोर्ट देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के साथ फील्ड स्टाफ शालीन व्यवहार करें। उनके कार्य तुरंत करें ताकि उन्हें बार-बार कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़े। इसके साथ ही कम से कम समय में राजस्व विभाग के कार्यों को पूरा करने के लिए काम करें। उपायुक्त ने कहा कि आपदा के समय पटवारी की मौके की रिपोर्ट बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। हर सूचना पटवारियों के माध्यम से प्रशासन को मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भूमि रिकॉर्ड को बनाए रखना, भूमि से संबंधित प्रमाण पत्र जारी करना, भूमि के हस्तांतरण (जैसे धारा-118 के तहत) को नियंत्रित करना, और भू-राजस्व का प्रबंधन करने के कार्य में तीव्रता लाने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में एडीएम प्रोटोकॉल ज्योति राणा, एसडीएम ठियोग डॉ शशांक गुप्ता, जिला राजस्व अधिकारी सुमेध शर्मा, नायब तहसीलदार, फील्ड कानूनगो और पटवारी विशेष तौर पर मौजूद रहे।बैठक में उपायुक्त ने पटवारियों से अपने-अपने पटवार सर्कल में आने वाले लंबरदारों की जानकारी पूछी तो बैठक में अधिकांश लंबरदारों के नाम ही नहीं बता पाए। इस पर उपायुक्त ने सख्त आदेश देते हुए कहा कि जब तक अपने राजस्व विभाग में सबसे अहम कड़ी लंबरदारों के बारे में सूचना न होना चिंता का विषय है। पटवारियों को अपनी ड्यूटी के प्रति सजग होना चाहिए। बैठक में मौजूद पटवारियों में से 98 फीसदी ने आपदा विशेष राहत पैकेज के तहत ठियोग उप मंडल में बन रहे 323 मकानों को मिली वित्तीय सहायता के उपरांत मौके का निरीक्षण किया ही नहीं है। बैठक में केवल दो पटवारी ही रोज नामचा में निरीक्षण का रिकॉर्ड दिखा पाए।
शिमला , 03 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! ठियोग उपमंडल में राजस्व विभाग के अधिकारियों और फील्ड स्टाफ के साथ उपायुक्त अनुपम कश्यप ने आज बैठक की। उपायुक्त ने हर उप मंडल स्तर पर पटवारियों और राजस्व के फील्ड स्टाफ के साथ बैठक करने का फैसला लिया है। इसमें मुख्यतौर पर राजस्व विभाग के कार्यों में तीव्रता लाने और जनहितैषी कार्यों को आम जन तक पहुंचाने की दिशा में कार्य करना है।
उन्होंने कहा कि भूमिहीन लोगों के आवेदन पटवारियों के पास नहीं पहुंच रहे हैं लेकिन उपायुक्त कार्यालय में आवेदन पहुंच रहे है। यह पटवारी को सोचना होगा कि उनके पास क्यों नहीं पहुंच रहे है। उपायुक्त ने बैठक में पटवारियों से पूछा की सरकारी दफ्तरों के नाम कितनी भूमि नाम है तो इसमें पटवारी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उपायुक्त ने कहा कि सरकारी विभागों के नाम भूमि है लेकिन विभाग भूमि का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। ऐसी भूमि को चिन्हित करके भूमिहीन लोगों को मुहैया करवाने की दिशा में कार्य करने के लिए कार्य करें।
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उपायुक्त ने विशेष आपदा राहत पैकेज-2023 के प्रभावितों के घरों के निरीक्षण की रिपोर्ट हर पटवारी से ली। इसके साथ रोज नामचा में क्रॉस चेकिंग भी की। उपायुक्त ने कहा कि पटवारी फील्ड में जब जाए तो रोज नामचा में रिकॉर्ड दर्ज होना चाहिए। उपायुक्त ने नायब तहसीलदार को पटवारियों के कार्यों की प्रगति रिपोर्ट पर कार्य करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने कहा कि विशेष आपदा राहत पैकेज में बन रहे प्रभावितों के घरों का निरीक्षण पटवारियों ने मौके पर जाकर न के बराबर किया है। दो हफ्ते के भीतर सभी पटवारी निरीक्षण करेंगे और फिर रिपोर्ट प्रेषित करेंगे। उन्होंने कहा कि राजस्व कार्यों में किसी भी सूरत में देरी स्वीकार नहीं होगी। इसमें जो दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि एक सप्ताह में धारा-118 के तहत हुए म्यूटेशन कार्यों की मौजूदा स्थिति को लेकर रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय को प्रेषित करें। इसके साथ भूमिहीन लोगों का रिकॉर्ड भी प्रेषित करना होगा।उपायुक्त ने पटवारियों को निर्देश दिए कि जब भी ततीमा काटे तो उसकी रिकॉर्ड में एंट्री होनी चाहिए। अगर रिकॉर्ड में एंट्री नहीं पाई तो पटवारी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उपायुक्त ने कहा कि पटवारियों को स्कूल में मिड-डे मिल के भोजन का औचक निरीक्षण भी करना चाहिए और स्कूलों में बच्चों के शौचालय की यथास्थिति के बारे में भी रिपोर्ट देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के साथ फील्ड स्टाफ शालीन व्यवहार करें। उनके कार्य तुरंत करें ताकि उन्हें बार-बार कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़े। इसके साथ ही कम से कम समय में राजस्व विभाग के कार्यों को पूरा करने के लिए काम करें।
उपायुक्त ने कहा कि आपदा के समय पटवारी की मौके की रिपोर्ट बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। हर सूचना पटवारियों के माध्यम से प्रशासन को मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भूमि रिकॉर्ड को बनाए रखना, भूमि से संबंधित प्रमाण पत्र जारी करना, भूमि के हस्तांतरण (जैसे धारा-118 के तहत) को नियंत्रित करना, और भू-राजस्व का प्रबंधन करने के कार्य में तीव्रता लाने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में एडीएम प्रोटोकॉल ज्योति राणा, एसडीएम ठियोग डॉ शशांक गुप्ता, जिला राजस्व अधिकारी सुमेध शर्मा, नायब तहसीलदार, फील्ड कानूनगो और पटवारी विशेष तौर पर मौजूद रहे।बैठक में उपायुक्त ने पटवारियों से अपने-अपने पटवार सर्कल में आने वाले लंबरदारों की जानकारी पूछी तो बैठक में अधिकांश लंबरदारों के नाम ही नहीं बता पाए। इस पर उपायुक्त ने सख्त आदेश देते हुए कहा कि जब तक अपने राजस्व विभाग में सबसे अहम कड़ी लंबरदारों के बारे में सूचना न होना चिंता का विषय है। पटवारियों को अपनी ड्यूटी के प्रति सजग होना चाहिए।
बैठक में मौजूद पटवारियों में से 98 फीसदी ने आपदा विशेष राहत पैकेज के तहत ठियोग उप मंडल में बन रहे 323 मकानों को मिली वित्तीय सहायता के उपरांत मौके का निरीक्षण किया ही नहीं है। बैठक में केवल दो पटवारी ही रोज नामचा में निरीक्षण का रिकॉर्ड दिखा पाए।
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