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धर्मशाला ! हिमाचल प्रदेश — हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ( अशोक तिवारी ने आज वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ सेंट्रल यूनिवर्सिटी धर्मशाला का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय के लगभग 200 छात्रों और फैकल्टी सदस्यों से संवाद कर राज्य को नशामुक्त बनाने के लिए युवाओं की भूमिका पर विशेष जोर दिया। डीजीपी तिवारी ने अपने संबोधन में युवाओं से आग्रह किया कि वे माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आयोजित होने वाले ‘Anti-Chitta Walkathon’ में उत्साहपूर्वक भाग लें। यह वॉकाथॉन 1 दिसम्बर 2025 को सुबह 9 बजे डाड़ी ग्राउंड, धर्मशाला में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चिट्टा (सिंथेटिक ड्रग) हिमाचल के युवाओं के लिए सबसे गंभीर खतरा बन चुका है और इसे जड़ से समाप्त करने के लिए युवा शक्ति का जुड़ना बेहद आवश्यक है। उन्होंने पुलिस विभाग द्वारा नशा तस्करी के खिलाफ की जा रही सख़्त कार्रवाई, व्यापक जागरूकता अभियानों और समाज की भागीदारी पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान छात्रों के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र हुआ, जिसमें मानसिक दबाव, करियर संबंधी चुनौतियों और तनाव प्रबंधन जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।डीजीपी का यह दौरा चिट्टा-मुक्त हिमाचल के सामूहिक संकल्प को और अधिक मजबूत करते हुए संपन्न हुआ।
धर्मशाला ! हिमाचल प्रदेश — हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ( अशोक तिवारी ने आज वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ सेंट्रल यूनिवर्सिटी धर्मशाला का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय के लगभग 200 छात्रों और फैकल्टी सदस्यों से संवाद कर राज्य को नशामुक्त बनाने के लिए युवाओं की भूमिका पर विशेष जोर दिया।
डीजीपी तिवारी ने अपने संबोधन में युवाओं से आग्रह किया कि वे माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आयोजित होने वाले ‘Anti-Chitta Walkathon’ में उत्साहपूर्वक भाग लें। यह वॉकाथॉन 1 दिसम्बर 2025 को सुबह 9 बजे डाड़ी ग्राउंड, धर्मशाला में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चिट्टा (सिंथेटिक ड्रग) हिमाचल के युवाओं के लिए सबसे गंभीर खतरा बन चुका है और इसे जड़ से समाप्त करने के लिए युवा शक्ति का जुड़ना बेहद आवश्यक है।
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उन्होंने पुलिस विभाग द्वारा नशा तस्करी के खिलाफ की जा रही सख़्त कार्रवाई, व्यापक जागरूकता अभियानों और समाज की भागीदारी पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान छात्रों के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र हुआ, जिसमें मानसिक दबाव, करियर संबंधी चुनौतियों और तनाव प्रबंधन जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।डीजीपी का यह दौरा चिट्टा-मुक्त हिमाचल के सामूहिक संकल्प को और अधिक मजबूत करते हुए संपन्न हुआ।
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