ऊना बाल स्कूल में अगले सत्र से को-एजुकेशन और सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू होगा
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ऊना , 16 जून [ विशाल सूद ] !मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में आमूलचूल परिवर्तन कर रही है। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण एवं प्रतिस्पर्धात्मक शिक्षा के लिए स्कूल और कॉलेज शिक्षा के अलग-अलग निदेशालय बनाए गए हैं, जो एक निर्णायक कदम है। मुख्यमंत्री सोमवार को ऊना विधानसभा क्षेत्र में 25.79 करोड़ की विभिन्न विकास परियोजनाओं के उद्घाटन एवं शिलान्यास करने के उपरांत डिग्री कॉलेज ऊना में जनसभा को संबोधित के रहे थे। इससे पहले उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बाल) ऊना में 8.79 करोड़ रुपये की लागत से बने नवीन भवन तथा राजकीय डिग्री कॉलेज ऊना में 12 करोड़ रुपये की लागत से बने अत्याधुनिक शैक्षणिक ब्लॉक का लोकार्पण किया। साथ ही 5 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले कन्या छात्रावास की आधारशिला भी रखी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अगले शिक्षा सत्र से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक (बाल) पाठशाला ऊना को को-एजुकेशन बनाया जाएगा और यहां सीबीएसई पैटर्न की कक्षाएं शुरू की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा को वर्तमान जरूरतों के हिसाब से समावेशी बनाने और बच्चों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने के लिए राज्य में प्राइमरी स्तर से ही अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू की गई है। बच्चों को अंग्रेजी भाषा में दक्ष बनाने के लिए 500 विशेषज्ञ अध्यापकों की भर्ती की जा रही है। हमारा प्रयास है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे नए समय के हिसाब से जरूरी स्किल सीखें और अंग्रेजी भाषा में पारंगत हों। इसके अलावा टीजीटी आर्ट्स, मेडिकल और नॉन मेडिकल की 961 भर्तियां की जा रही हैं वहीं जेबीटी की 600 भर्तियां भी जल्द निकाली जाएंगी। उन्होंने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी ने चुनावी लाभ के लिए इलैक्शन के समय 600 नए शिक्षण संस्थान खोले थे, लेकिन उनमें शिक्षकों की तैनाती तक नहीं की गई थी, जिससे संसाधनों का दुरुपयोग हुआ। वर्तमान सरकार इन संस्थानों का युक्तिकरण कर रही है ताकि शिक्षा व्यवस्था को व्यावहारिक और सशक्त बनाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूलों की स्थापना कर रही है। इसके लिए इस साल 200 करोड़ का प्रावधान रखा है। विद्यालयों में हाई-टेक स्मार्ट क्लासरूम, खेल मैदान, इंडोर स्टेडियम, स्विमिंग पूल, म्यूजिक रूम जैसी आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जा रही है, जो विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास का सशक्त आधार बनेंगी। श्री सुक्खू ने कहा कि राज्य में मेडिकल टेक्नोलॉजी के उन्नयन पर 1350 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, ताकि लोगों को विश्वस्तरीय उपचार की सुविधा सुलभ हो सके। आईजीएमसी शिमला, टांडा और नेरचौक सहित सभी मेडिकल कॉलेजों को अत्याधुनिक तकनीक से लैस किया जा रहा है। 20 वर्ष से अधिक पुरानी मशीनों को चरणबद्ध रूप से बदला जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि रोबोटिक सर्जरी जैसी उन्नत चिकित्सा सेवाएं आम जनता को सहज रूप से उपलब्ध कराई जा सकें। ऊना में निर्माणाधीन पीजीआई सैटेलाइट सेंटर के निर्माण में गति के लिए प्रदेश सरकार ने पर्यावरण स्वीकृतियां दिलवानेे का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हिमाचल में जनसंख्या के अनुपात में कैंसर रोगियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई है। विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन में यह सामने आया कि अनियमित जीवनशैली, खानपान के अलावा रोगों के कई कारणों में पेयजल की गुणवत्ता भी एक महत्वपूर्ण कारक है। इसी दृष्टि से प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री स्वच्छ जल शोधन योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत 200 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। इस योजना के जरिए हर नागरिक को स्वच्छ और शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने नशा और खनन माफिया से सख्ती से निपटने की प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि सरकार चिट्टे के धंधे में लिप्त लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाएगी। हम युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देंगे। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को खेलों में अधिकतम भागीदारी के लिए प्रेरित कर रही है। उन्होंने बताया कि खेलों में पुरस्कार राशि में बढ़ोतरी की गई है और अब सरकार जल्द ही सभी स्कूल प्रधानाचार्यों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को उपस्थिति में छूट देने के लिए अधिकृत करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि वर्ष 2032 तक हिमाचल को देश का सबसे समृद्धशाली राज्य बनाने के लक्ष्य को लेकर सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने एनएसयूआई से जुड़े छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि वे युवा अवस्था से संगठन से जुड़े रहे हैं और मेहनत व निष्ठा के बल पर आज इस स्थान तक पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री ने कॉलेज में ऑडिटोरियम बनाने की मांग का व्यवहारिक विश्लेषण करने और उसके अनुरूप उपयुक्त निर्णय लेने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने अकादमिक और खेल क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कॉलेज के 3 मेधावी विद्यार्थियों को भी पुरस्कृत किया। डिग्री कॉलेज ऊना की प्रिंसिपल डॉ. मीता शर्मा ने कॉलेज को विभिन्न मांगे मुख्यमंत्री के समक्ष रखीं। इस अवसर पर विधायक राकेश कालिया, सुदर्शन बबलू और विवेक शर्मा, राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार, पूर्व विधायक सतपाल रायजादा, जिला कांग्रेस अध्यक्ष रणजीत राणा, राज्य एससी आयोग के सदस्य अधिवक्ता विजय डोगरा, प्रदेश कांग्रेस सचिव अशोक ठाकुर, जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष प्रशांत राय और अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे।
ऊना , 16 जून [ विशाल सूद ] !मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में आमूलचूल परिवर्तन कर रही है। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण एवं प्रतिस्पर्धात्मक शिक्षा के लिए स्कूल और कॉलेज शिक्षा के अलग-अलग निदेशालय बनाए गए हैं, जो एक निर्णायक कदम है।
मुख्यमंत्री सोमवार को ऊना विधानसभा क्षेत्र में 25.79 करोड़ की विभिन्न विकास परियोजनाओं के उद्घाटन एवं शिलान्यास करने के उपरांत डिग्री कॉलेज ऊना में जनसभा को संबोधित के रहे थे।
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इससे पहले उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बाल) ऊना में 8.79 करोड़ रुपये की लागत से बने नवीन भवन तथा राजकीय डिग्री कॉलेज ऊना में 12 करोड़ रुपये की लागत से बने अत्याधुनिक शैक्षणिक ब्लॉक का लोकार्पण किया। साथ ही 5 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले कन्या छात्रावास की आधारशिला भी रखी।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अगले शिक्षा सत्र से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक (बाल) पाठशाला ऊना को को-एजुकेशन बनाया जाएगा और यहां सीबीएसई पैटर्न की कक्षाएं शुरू की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा को वर्तमान जरूरतों के हिसाब से समावेशी बनाने और बच्चों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने के लिए राज्य में प्राइमरी स्तर से ही अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू की गई है। बच्चों को अंग्रेजी भाषा में दक्ष बनाने के लिए 500 विशेषज्ञ अध्यापकों की भर्ती की जा रही है।
हमारा प्रयास है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे नए समय के हिसाब से जरूरी स्किल सीखें और अंग्रेजी भाषा में पारंगत हों। इसके अलावा टीजीटी आर्ट्स, मेडिकल और नॉन मेडिकल की 961 भर्तियां की जा रही हैं वहीं जेबीटी की 600 भर्तियां भी जल्द निकाली जाएंगी।
उन्होंने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी ने चुनावी लाभ के लिए इलैक्शन के समय 600 नए शिक्षण संस्थान खोले थे, लेकिन उनमें शिक्षकों की तैनाती तक नहीं की गई थी, जिससे संसाधनों का दुरुपयोग हुआ। वर्तमान सरकार इन संस्थानों का युक्तिकरण कर रही है ताकि शिक्षा व्यवस्था को व्यावहारिक और सशक्त बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूलों की स्थापना कर रही है। इसके लिए इस साल 200 करोड़ का प्रावधान रखा है। विद्यालयों में हाई-टेक स्मार्ट क्लासरूम, खेल मैदान, इंडोर स्टेडियम, स्विमिंग पूल, म्यूजिक रूम जैसी आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जा रही है, जो विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास का सशक्त आधार बनेंगी।
श्री सुक्खू ने कहा कि राज्य में मेडिकल टेक्नोलॉजी के उन्नयन पर 1350 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, ताकि लोगों को विश्वस्तरीय उपचार की सुविधा सुलभ हो सके। आईजीएमसी शिमला, टांडा और नेरचौक सहित सभी मेडिकल कॉलेजों को अत्याधुनिक तकनीक से लैस किया जा रहा है।
20 वर्ष से अधिक पुरानी मशीनों को चरणबद्ध रूप से बदला जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि रोबोटिक सर्जरी जैसी उन्नत चिकित्सा सेवाएं आम जनता को सहज रूप से उपलब्ध कराई जा सकें। ऊना में निर्माणाधीन पीजीआई सैटेलाइट सेंटर के निर्माण में गति के लिए प्रदेश सरकार ने पर्यावरण स्वीकृतियां दिलवानेे का काम किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हिमाचल में जनसंख्या के अनुपात में कैंसर रोगियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई है। विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन में यह सामने आया कि अनियमित जीवनशैली, खानपान के अलावा रोगों के कई कारणों में पेयजल की गुणवत्ता भी एक महत्वपूर्ण कारक है।
इसी दृष्टि से प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री स्वच्छ जल शोधन योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत 200 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। इस योजना के जरिए हर नागरिक को स्वच्छ और शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ने नशा और खनन माफिया से सख्ती से निपटने की प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि सरकार चिट्टे के धंधे में लिप्त लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाएगी। हम युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देंगे।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को खेलों में अधिकतम भागीदारी के लिए प्रेरित कर रही है। उन्होंने बताया कि खेलों में पुरस्कार राशि में बढ़ोतरी की गई है और अब सरकार जल्द ही सभी स्कूल प्रधानाचार्यों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को उपस्थिति में छूट देने के लिए अधिकृत करने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि वर्ष 2032 तक हिमाचल को देश का सबसे समृद्धशाली राज्य बनाने के लक्ष्य को लेकर सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने एनएसयूआई से जुड़े छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि वे युवा अवस्था से संगठन से जुड़े रहे हैं और मेहनत व निष्ठा के बल पर आज इस स्थान तक पहुंचे हैं।
मुख्यमंत्री ने कॉलेज में ऑडिटोरियम बनाने की मांग का व्यवहारिक विश्लेषण करने और उसके अनुरूप उपयुक्त निर्णय लेने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने अकादमिक और खेल क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कॉलेज के 3 मेधावी विद्यार्थियों को भी पुरस्कृत किया। डिग्री कॉलेज ऊना की प्रिंसिपल डॉ. मीता शर्मा ने कॉलेज को विभिन्न मांगे मुख्यमंत्री के समक्ष रखीं।
इस अवसर पर विधायक राकेश कालिया, सुदर्शन बबलू और विवेक शर्मा, राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार, पूर्व विधायक सतपाल रायजादा, जिला कांग्रेस अध्यक्ष रणजीत राणा, राज्य एससी आयोग के सदस्य अधिवक्ता विजय डोगरा, प्रदेश कांग्रेस सचिव अशोक ठाकुर, जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष प्रशांत राय और अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे।
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