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हमीरपुर , 31 मई [ बिंदिया ठाकुर ] ! डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल आलमपुर ज़िला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश में आर्य समाज स्थापना दिवस बड़े जोश, उत्साह व उमंग से मनाया गया, जिसकी नींव महर्षि दयानंद जी ने रखी थी। आर्य समाज की लहर समाज को अंधविश्वासों व भ्रष्ट आचरण से मुक्त कराने के लिए तथा वैदिक मूल्यों को स्थापित करने के लिए आरंभ की गई थी। इसी क्रम में विद्यार्थियों द्वारा डी.ए.वी. की स्थापना में योगदान देने वाली महान विभूतियों जैसे लाला लाजपतराय , पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी , महात्मा हंसराज जी के चित्र बनाकर महर्षि दयानंद जी के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की दिनांक 1 जून 1886 को आज के ही दिन महर्षि दयानंद जी के आदर्शों को जीवित रखने के लिए लाहौर में सबसे पहले डी. ए.वी. स्कूल की स्थापना की गई थी। जिसके प्रथम मुख्याध्यापक महात्मा हंसराज जी ने अवैतनिक काम करने का प्रण लिया था। इन महान विभूतिंयों ने अपने अथक परिश्रम से और अन्य लोगों के सहयोग से संस्था का उद्देश्य सम्पूर्ण क्षेत्र में फैलाया । डी. ए.वी. स्थापना दिवस की बधाई देते हुए प्रधानाचार्य श्री बिक्रम सिंह ने कहा कि डी. ए.वी. स्थापना का प्रमुख उद्देश्य महर्षि दयानन्द द्वारा स्थापित आदर्शों का पालन करते हुए वैदिक धर्म के प्रति रुचि पैदा करना और साथ ही आधुनिक विज्ञान व् अंग्रेजी के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाकर एक उच्च कोटि का नागरिक बनाना है।जिससे वे संपूर्ण विश्व में वैदिक धर्म का प्रचार कर सभी को श्रेष्ठ बनाएँ।
हमीरपुर , 31 मई [ बिंदिया ठाकुर ] ! डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल आलमपुर ज़िला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश में आर्य समाज स्थापना दिवस बड़े जोश, उत्साह व उमंग से मनाया गया, जिसकी नींव महर्षि दयानंद जी ने रखी थी। आर्य समाज की लहर समाज को अंधविश्वासों व भ्रष्ट आचरण से मुक्त कराने के लिए तथा वैदिक मूल्यों को स्थापित करने के लिए आरंभ की गई थी।
इसी क्रम में विद्यार्थियों द्वारा डी.ए.वी. की स्थापना में योगदान देने वाली महान विभूतियों जैसे लाला लाजपतराय , पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी , महात्मा हंसराज जी के चित्र बनाकर महर्षि दयानंद जी के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की दिनांक 1 जून 1886 को आज के ही दिन महर्षि दयानंद जी के आदर्शों को जीवित रखने के लिए लाहौर में सबसे पहले डी. ए.वी. स्कूल की स्थापना की गई थी। जिसके प्रथम मुख्याध्यापक महात्मा हंसराज जी ने अवैतनिक काम करने का प्रण लिया था।
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इन महान विभूतिंयों ने अपने अथक परिश्रम से और अन्य लोगों के सहयोग से संस्था का उद्देश्य सम्पूर्ण क्षेत्र में फैलाया । डी. ए.वी. स्थापना दिवस की बधाई देते हुए प्रधानाचार्य श्री बिक्रम सिंह ने कहा कि डी. ए.वी. स्थापना का प्रमुख उद्देश्य महर्षि दयानन्द द्वारा स्थापित आदर्शों का पालन करते हुए वैदिक धर्म के प्रति रुचि पैदा करना और साथ ही आधुनिक विज्ञान व् अंग्रेजी के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाकर एक उच्च कोटि का नागरिक बनाना है।जिससे वे संपूर्ण विश्व में वैदिक धर्म का प्रचार कर सभी को श्रेष्ठ बनाएँ।
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