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शिमला , 03 मई [ विशाल सूद ] ! उपनगर संजौली स्थित पूरी मस्जिद पर चलेगा हथौड़ा इस मस्जिद को नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने गिराने के आदेश दे दिए हैं।आज शनिवार को संजौली मस्जिद को लेकर नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए मस्जिद की नीचे की 2 मंजिलों को भी तोड़ने के आदेश दे दिए हैं आदेश में पूरी संजौली मस्जिद को अवैध फहराया गया है आज नगर निगम कोर्ट में इस विवादित संजौली मस्जिद की अब सुनवाई हुई जिसमें यह बड़े आदेश दिए गए। अब शिमला के संजौली की पूरी मस्जिद को गिराने के आदेश जारी किए गए हैं। नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने कोर्ट ने इस बड़े फैसले से पहले दो मंजिलों को गिराने के आदेश जारी हुए थे, लेकिन शनिवार को सुनवाई ने अब आयुक्त कोर्ट ने नीचे की दो मंजिलों को भी तोड़ने का फरमान सुनाया है और फाइनल ऑर्डर जारी किया है। कोर्ट ने इस पूरी मस्जिद को ही अवैध माना है. लोकल रेजिडेंट कमेटी के अधिवक्ता जगतपाल ने आज के दिन को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि आज कमिश्नर कोर्ट ने इस संजौली मस्जिद को गिराने का आर्डर जो है पारित कर दिया है इसके साथ ही अब आदेशों के तहत ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर कोबी कोर्ट ने पूरे तरीके से अवैध मानते हुए इस पूरी मस्जिद को गिराने के आदेश दिए हैं।उन्होंने कहा कि 5 अक्टूबर 2024 के ऑर्डर में सेकंड फ्लोर थर्ड फ्लोर को गिराने के आदेश पहले ही हो गए थे वहीं आज कमिश्नर कोर्ट ने इस पूरी मस्जिद को अवैध मानते हुए गिराने के आदेश दिए हैं । कोर्ट के आदेश अनुसार वक्फ बोर्ड 15 वर्षों से इस जमीन पर मालिकाना हक साबित नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कि इस पूरी मस्जिद का निर्माण गैर कानूनी तरीके से किया गया था कोई एनओसी या सैंक्शन नहीं थी । कोर्ट में कोई भी ऐसा कागज पेश नहीं किया गया जिससे यह साबित हो सके कि यह मस्जिद अवैध नहीं है। इस पूरी मस्जिद का निर्माण पुरानी मस्जिद को गिरने के बाद किया गया है यह एमसी एक्ट का वायलेशन है। उन्होंने कहा यह बहुत ही बड़ा ऐतिहासिक फैसला है और लोगों को इंसाफ मिला है। हिमाचल प्रदेश के शिमला उपक्षेत्र संजौली में चार मंजिला मस्जिद विवाद काफी लंबे समय से चल रहा था . इस मस्जिद को लेकर बीते साल सितंबर में विवाद हो गया था. इस मस्जिद को लेकर अवैध निर्माण का विवाद वर्ष 2010 से चल रहा था और करीब 45 से अधिक सुनवाइयां भी निगम कोर्ट में हो चुकी थी. इस मामले में निगम कोर्ट ने मस्जिद की ऊपरी दो मंजिलों को पहले अवैध माना था और गिराने के आदेश दिए थे. मस्जिद कमेटी धीरे धीरे और पैसे की कमी के चलते ऊपरी दो मंजिलों को गिरा रही थी. इस बीच अब शनिवार को कोर्ट ने निचली दो और मंजिलों को अवैध घोषित कर दिया. यह मस्जिद विवाद विधानसभा से लेकर सड़कों तक गुंजा था इस मुद्दे को लेकर पूरे प्रदेश भर में प्रदर्शन किए गए थे
शिमला , 03 मई [ विशाल सूद ] ! उपनगर संजौली स्थित पूरी मस्जिद पर चलेगा हथौड़ा इस मस्जिद को नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने गिराने के आदेश दे दिए हैं।आज शनिवार को संजौली मस्जिद को लेकर नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए मस्जिद की नीचे की 2 मंजिलों को भी तोड़ने के आदेश दे दिए हैं आदेश में पूरी संजौली मस्जिद को अवैध फहराया गया है आज नगर निगम कोर्ट में इस विवादित संजौली मस्जिद की अब सुनवाई हुई जिसमें यह बड़े आदेश दिए गए।
अब शिमला के संजौली की पूरी मस्जिद को गिराने के आदेश जारी किए गए हैं। नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने कोर्ट ने इस बड़े फैसले से पहले दो मंजिलों को गिराने के आदेश जारी हुए थे, लेकिन शनिवार को सुनवाई ने अब आयुक्त कोर्ट ने नीचे की दो मंजिलों को भी तोड़ने का फरमान सुनाया है और फाइनल ऑर्डर जारी किया है। कोर्ट ने इस पूरी मस्जिद को ही अवैध माना है.
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लोकल रेजिडेंट कमेटी के अधिवक्ता जगतपाल ने आज के दिन को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि आज कमिश्नर कोर्ट ने इस संजौली मस्जिद को गिराने का आर्डर जो है पारित कर दिया है इसके साथ ही अब आदेशों के तहत ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर कोबी कोर्ट ने पूरे तरीके से अवैध मानते हुए इस पूरी मस्जिद को गिराने के आदेश दिए हैं।उन्होंने कहा कि 5 अक्टूबर 2024 के ऑर्डर में सेकंड फ्लोर थर्ड फ्लोर को गिराने के आदेश पहले ही हो गए थे वहीं आज कमिश्नर कोर्ट ने इस पूरी मस्जिद को अवैध मानते हुए गिराने के आदेश दिए हैं ।
कोर्ट के आदेश अनुसार वक्फ बोर्ड 15 वर्षों से इस जमीन पर मालिकाना हक साबित नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कि इस पूरी मस्जिद का निर्माण गैर कानूनी तरीके से किया गया था कोई एनओसी या सैंक्शन नहीं थी । कोर्ट में कोई भी ऐसा कागज पेश नहीं किया गया जिससे यह साबित हो सके कि यह मस्जिद अवैध नहीं है। इस पूरी मस्जिद का निर्माण पुरानी मस्जिद को गिरने के बाद किया गया है यह एमसी एक्ट का वायलेशन है। उन्होंने कहा यह बहुत ही बड़ा ऐतिहासिक फैसला है और लोगों को इंसाफ मिला है।
हिमाचल प्रदेश के शिमला उपक्षेत्र संजौली में चार मंजिला मस्जिद विवाद काफी लंबे समय से चल रहा था . इस मस्जिद को लेकर बीते साल सितंबर में विवाद हो गया था. इस मस्जिद को लेकर अवैध निर्माण का विवाद वर्ष 2010 से चल रहा था और करीब 45 से अधिक सुनवाइयां भी निगम कोर्ट में हो चुकी थी. इस मामले में निगम कोर्ट ने मस्जिद की ऊपरी दो मंजिलों को पहले अवैध माना था और गिराने के आदेश दिए थे.
मस्जिद कमेटी धीरे धीरे और पैसे की कमी के चलते ऊपरी दो मंजिलों को गिरा रही थी. इस बीच अब शनिवार को कोर्ट ने निचली दो और मंजिलों को अवैध घोषित कर दिया. यह मस्जिद विवाद विधानसभा से लेकर सड़कों तक गुंजा था इस मुद्दे को लेकर पूरे प्रदेश भर में प्रदर्शन किए गए थे
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