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हमीरपुर , 20 नवंबर [ बिंदिया ठाकुर ] ! कैलाश आश्रम में जब गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर पधारे, तो वहाँ उपस्थित सभी लोग इस ऐतिहासिक क्षण को महसूस कर रहे थे। आश्रम की शान्त वातावरण और वेदान्त की प्राचीन परम्परा को देखते हुए, यह मुलाक़ात और भी विशेष बन गई । इस अवसर पर डॉ. विशाल राणा ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि गुरुदेव से पहली बार मिलना उनके लिए बहुत ही प्रेरणादायक था और भविष्य में भी इस प्रकार की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक आदान‑प्रदान की आशा रखते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस मिलन से जीवन के हर पहलू में सौंदर्य और ज्ञान को जोड़ने की नई ऊर्जा मिलेगी। सभी उपस्थित लोगों ने इस भावनात्मक क्षण को यादगार बनाने के लिए गुरुदेव के प्रवचन और डॉ. राणा के उत्साहपूर्ण शब्दों का आनंद लिया।
हमीरपुर , 20 नवंबर [ बिंदिया ठाकुर ] ! कैलाश आश्रम में जब गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर पधारे, तो वहाँ उपस्थित सभी लोग इस ऐतिहासिक क्षण को महसूस कर रहे थे। आश्रम की शान्त वातावरण और वेदान्त की प्राचीन परम्परा को देखते हुए, यह मुलाक़ात और भी विशेष बन गई ।
इस अवसर पर डॉ. विशाल राणा ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि गुरुदेव से पहली बार मिलना उनके लिए बहुत ही प्रेरणादायक था और भविष्य में भी इस प्रकार की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक आदान‑प्रदान की आशा रखते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस मिलन से जीवन के हर पहलू में सौंदर्य और ज्ञान को जोड़ने की नई ऊर्जा मिलेगी।
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सभी उपस्थित लोगों ने इस भावनात्मक क्षण को यादगार बनाने के लिए गुरुदेव के प्रवचन और डॉ. राणा के उत्साहपूर्ण शब्दों का आनंद लिया।
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