राहत कार्यों में लापरवाही से लेकर चुनाव टालने तक के गंभीर आरोप; सीएम बोले—“विपक्ष को हमेशा चुनाव की ही जल्दी, पीड़ितों की जिंदगी पटरी पर आने दें”
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शिमला , 26 नवंबर [ विशाल सूद ] ! धर्मशाला में चल रहे शीतकालीन विधानसभा सत्र के दौरान आज प्रथम दिन सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बयानबाज़ी देखने को मिली। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर राहत कार्यों में विफल रहने से लेकर चुनाव से भागने तक गंभीर आरोप लगाए। वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी पलटवार करते हुए विपक्ष को “जल्दबाज़” करार दिया। धर्मशाला के तपोवन में शीतकालीन विधानसभा सत्र जारी है और इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में सरकार को आड़े हाथों लिया।उन्होंने कहा कि आपदा को पाँच महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन सरकार प्रभावित परिवारों तक राहत और पुनर्वास का काम समय पर नहीं पहुंचा सकी। जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई राहत राशि को सरकार ने मंडी में आयोजित अपने तीन साल के जश्न में खर्च कर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार डिज़ास्टर एक्ट का बहाना बनाकर चुनावों से बचने की कोशिश कर रही है। “आपदा को पाँच महीने से ज़्यादा हो गए, लेकिन सरकार अभी तक प्रभावित परिवारों तक नहीं पहुँच पाई है। केंद्र की राहत राशि जश्न में खर्च कर दी गई… ये पीड़ितों के साथ अन्याय है। और अब डिज़ास्टर एक्ट का बहाना बनाकर चुनावों से भागा जा रहा है।सच यह है कि सुक्खू सरकार हार के डर से चुनाव करवाना नहीं चाहती। जनता बदलाव के लिए तैयार है और सरकार इससे घबराई हुई है।” जयराम ठाकुर के इन आरोपों के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष को हमेशा चुनाव की ही जल्दी रहती है, जबकि सरकार का पहला दायित्व आपदा प्रभावित लोगों की मदद करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊना प्रकरण को लेकर डीसी और एसपी ऊना को तलब किया गया है और एक महीने के भीतर सख्त कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार चिट्टे के खिलाफ बड़े स्तर पर मोहीम चला रही है। जयराम ठाकुर को हमेशा चुनावों की जल्दी रहती है।जब इन्होंने हमारे विधायक खरीदे थे, तब भी ये जल्दबाज़ी में थे।लेकिन आज प्राथमिकता आपदा पीड़ितों की है—उनकी ज़िंदगी अभी पटरी पर नहीं लौटी।चुनाव होंगे, पर तभी जब हालात सामान्य हो जाएंगे। ऊना केस में डीसी और एसपी को बुलाकर एक महीने में सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है—किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। और चिट्टे के खिलाफ हमारा ज़ीरो टॉलरेंस है—1 दिसंबर को धर्मशाला में बड़ी मैराथन निकाली जाएगी, ताकि नशे के खिलाफ एक सामूहिक संदेश दिया जा सके।”
शिमला , 26 नवंबर [ विशाल सूद ] ! धर्मशाला में चल रहे शीतकालीन विधानसभा सत्र के दौरान आज प्रथम दिन सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बयानबाज़ी देखने को मिली। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर राहत कार्यों में विफल रहने से लेकर चुनाव से भागने तक गंभीर आरोप लगाए। वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी पलटवार करते हुए विपक्ष को “जल्दबाज़” करार दिया।
धर्मशाला के तपोवन में शीतकालीन विधानसभा सत्र जारी है और इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में सरकार को आड़े हाथों लिया।उन्होंने कहा कि आपदा को पाँच महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन सरकार प्रभावित परिवारों तक राहत और पुनर्वास का काम समय पर नहीं पहुंचा सकी।
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जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई राहत राशि को सरकार ने मंडी में आयोजित अपने तीन साल के जश्न में खर्च कर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार डिज़ास्टर एक्ट का बहाना बनाकर चुनावों से बचने की कोशिश कर रही है।
“आपदा को पाँच महीने से ज़्यादा हो गए, लेकिन सरकार अभी तक प्रभावित परिवारों तक नहीं पहुँच पाई है। केंद्र की राहत राशि जश्न में खर्च कर दी गई… ये पीड़ितों के साथ अन्याय है। और अब डिज़ास्टर एक्ट का बहाना बनाकर चुनावों से भागा जा रहा है।सच यह है कि सुक्खू सरकार हार के डर से चुनाव करवाना नहीं चाहती। जनता बदलाव के लिए तैयार है और सरकार इससे घबराई हुई है।”
जयराम ठाकुर के इन आरोपों के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष को हमेशा चुनाव की ही जल्दी रहती है, जबकि सरकार का पहला दायित्व आपदा प्रभावित लोगों की मदद करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊना प्रकरण को लेकर डीसी और एसपी ऊना को तलब किया गया है और एक महीने के भीतर सख्त कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार चिट्टे के खिलाफ बड़े स्तर पर मोहीम चला रही है।
जयराम ठाकुर को हमेशा चुनावों की जल्दी रहती है।जब इन्होंने हमारे विधायक खरीदे थे, तब भी ये जल्दबाज़ी में थे।लेकिन आज प्राथमिकता आपदा पीड़ितों की है—उनकी ज़िंदगी अभी पटरी पर नहीं लौटी।चुनाव होंगे, पर तभी जब हालात सामान्य हो जाएंगे। ऊना केस में डीसी और एसपी को बुलाकर एक महीने में सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है—किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। और चिट्टे के खिलाफ हमारा ज़ीरो टॉलरेंस है—1 दिसंबर को धर्मशाला में बड़ी मैराथन निकाली जाएगी, ताकि नशे के खिलाफ एक सामूहिक संदेश दिया जा सके।”
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