- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा ! पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज गंभीर मामले ने भाजपा विधायक हांस राज (चुराह) को राजनीतिक तूफ़ान के केंद्र में ला दिया है। कांग्रेस ने इस मामले पर भाजपा की चुप्पी को “नैतिक दिवालियापन” बताते हुए हांस राज के तुरंत इस्तीफ़े की माँग की है। डलहौज़ी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस कार्यकर्ता मनीष सरीन ने कहा कि मामला नाबालिग से जुड़े गंभीर आरोपों से संबंधित है, और ऐसे हालात में हांस राज का पद पर बने रहना “लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान” है। उन्होंने कहा कि चंबा महिला थाना में दर्ज पोक्सो केस भाजपा के नारे और आचरण के बीच के विरोधाभास को उजागर करता है। “जो पार्टी हर मंच से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ चिल्लाती है, वही आज शर्मनाक चुप्पी ओढ़कर बैठी है। क्या अब नारा बेटी बचाओ नहीं, ‘बीजेपी बचाओ’ हो गया है?” सरीन ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के शीतकालीन विधानसभा सत्र, जो इस समय तपोवन, धर्मशाला में चल रहा है, के दौरान भाजपा का इस मुद्दे पर एक शब्द न बोलना साफ़ दिखाता है कि पार्टी सत्य का सामना करने से डर रही है। “भले ही भाजपा हिमाचल की सत्ताधारी पार्टी नहीं है, लेकिन क्या एक आरोपी विधायक को बचाने की जिम्मेदारी उनकी ही है?” उन्होंने पूछा। मनीष सरीन ने कहा कि हांस राज का सदन से गायब रहना प्रश्नों और जवाबदेही से भागने की कोशिश है। उनका कहना है कि पोक्सो जैसे कठोर कानून में नामज़द विधायक का पद पर बने रहना पीड़िता के सम्मान का अपमान है।सरीन ने कहा, “बीजेपी को स्पष्ट करना होगा—क्या वह कानून का सम्मान करेगी या अपने आरोपित विधायक को बचाएगी? बाहर ‘बेटी बचाओ’ और अंदर आरोपी को ढाल देना स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने माँग की कि मामले की जाँच तेज़, पारदर्शी और पीड़िता-केंद्रित हो तथा किसी भी राजनीतिक दबाव से मुक्त रहे।“चम्बा की जनता और पूरा हिमाचल देख रहा है। अगर भाजपा चुप्पी की ढाल बनती रही, तो जनता अपना फ़ैसला सुना देगी ।
चम्बा ! पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज गंभीर मामले ने भाजपा विधायक हांस राज (चुराह) को राजनीतिक तूफ़ान के केंद्र में ला दिया है। कांग्रेस ने इस मामले पर भाजपा की चुप्पी को “नैतिक दिवालियापन” बताते हुए हांस राज के तुरंत इस्तीफ़े की माँग की है।
डलहौज़ी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस कार्यकर्ता मनीष सरीन ने कहा कि मामला नाबालिग से जुड़े गंभीर आरोपों से संबंधित है, और ऐसे हालात में हांस राज का पद पर बने रहना “लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान” है। उन्होंने कहा कि चंबा महिला थाना में दर्ज पोक्सो केस भाजपा के नारे और आचरण के बीच के विरोधाभास को उजागर करता है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
“जो पार्टी हर मंच से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ चिल्लाती है, वही आज शर्मनाक चुप्पी ओढ़कर बैठी है। क्या अब नारा बेटी बचाओ नहीं, ‘बीजेपी बचाओ’ हो गया है?” सरीन ने सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के शीतकालीन विधानसभा सत्र, जो इस समय तपोवन, धर्मशाला में चल रहा है, के दौरान भाजपा का इस मुद्दे पर एक शब्द न बोलना साफ़ दिखाता है कि पार्टी सत्य का सामना करने से डर रही है। “भले ही भाजपा हिमाचल की सत्ताधारी पार्टी नहीं है, लेकिन क्या एक आरोपी विधायक को बचाने की जिम्मेदारी उनकी ही है?” उन्होंने पूछा।
मनीष सरीन ने कहा कि हांस राज का सदन से गायब रहना प्रश्नों और जवाबदेही से भागने की कोशिश है। उनका कहना है कि पोक्सो जैसे कठोर कानून में नामज़द विधायक का पद पर बने रहना पीड़िता के सम्मान का अपमान है।सरीन ने कहा, “बीजेपी को स्पष्ट करना होगा—क्या वह कानून का सम्मान करेगी या अपने आरोपित विधायक को बचाएगी? बाहर ‘बेटी बचाओ’ और अंदर आरोपी को ढाल देना स्वीकार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने माँग की कि मामले की जाँच तेज़, पारदर्शी और पीड़िता-केंद्रित हो तथा किसी भी राजनीतिक दबाव से मुक्त रहे।
“चम्बा की जनता और पूरा हिमाचल देख रहा है। अगर भाजपा चुप्पी की ढाल बनती रही, तो जनता अपना फ़ैसला सुना देगी ।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -