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धर्मशाला , 10 दिसंबर [ शिवानी ] ! धर्मशाला में आज दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड के सीएसआर कार्यक्रम के तहत पुलिस मैदान धर्मशाला में बैटरी चलित ट्राईसाइकिल वितरण समारोह आयोजित किया गया। उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने दिव्यांगजनों को ये ट्राईसाइकिलें वितरित कीं। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि दिव्यांगजन का स्वावलंबन जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार समाज की मुख्यधारा में दिव्यांग साथियों को जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रम चला रही है। उन्होंने बताया कि एक बैटरी चालित ट्राईसाइकिल की लागत लगभग 58 हजार रुपये है। उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को देखते हुए ट्राईसाइकिल में एक छोटा बहुउपयोगी बॉक्स भी लगाया गया है, जिसे लाभार्थी अपनी दैनिक गतिविधियों में इस्तेमाल कर सकते हैं। ट्राईसाइकिल को पूरी तरह चार्ज होने में लगभग 6 घंटे लगते हैं और एक बार चार्ज होने पर यह 42 से 50 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है। इससे दिव्यांगजन न सिर्फ आसानी से यात्रा कर सकेंगे, बल्कि अपने रोजगार और अन्य आवश्यक कार्य भी अधिक सुविधाजनक तरीके से कर पाएंगे। यह कार्यक्रम सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम—एलिम्को, तथा पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड के संयुक्त सहयोग से आयोजित किया गया। जिलाधीश ने बताया कि जिले के कई स्थानों पर आयोजित परीक्षण शिविरों के आधार पर चिह्नित किए गए कुल 45 दिव्यांग लाभार्थियों को 26 लाख 10 हजार रुपये की लागत से ये बैटरी चलित ट्राईसाइकिलें प्रदान की गईं।
धर्मशाला , 10 दिसंबर [ शिवानी ] ! धर्मशाला में आज दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड के सीएसआर कार्यक्रम के तहत पुलिस मैदान धर्मशाला में बैटरी चलित ट्राईसाइकिल वितरण समारोह आयोजित किया गया। उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने दिव्यांगजनों को ये ट्राईसाइकिलें वितरित कीं।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि दिव्यांगजन का स्वावलंबन जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार समाज की मुख्यधारा में दिव्यांग साथियों को जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रम चला रही है।
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उन्होंने बताया कि एक बैटरी चालित ट्राईसाइकिल की लागत लगभग 58 हजार रुपये है। उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को देखते हुए ट्राईसाइकिल में एक छोटा बहुउपयोगी बॉक्स भी लगाया गया है, जिसे लाभार्थी अपनी दैनिक गतिविधियों में इस्तेमाल कर सकते हैं।
ट्राईसाइकिल को पूरी तरह चार्ज होने में लगभग 6 घंटे लगते हैं और एक बार चार्ज होने पर यह 42 से 50 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है। इससे दिव्यांगजन न सिर्फ आसानी से यात्रा कर सकेंगे, बल्कि अपने रोजगार और अन्य आवश्यक कार्य भी अधिक सुविधाजनक तरीके से कर पाएंगे।
यह कार्यक्रम सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम—एलिम्को, तथा पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड के संयुक्त सहयोग से आयोजित किया गया।
जिलाधीश ने बताया कि जिले के कई स्थानों पर आयोजित परीक्षण शिविरों के आधार पर चिह्नित किए गए कुल 45 दिव्यांग लाभार्थियों को 26 लाख 10 हजार रुपये की लागत से ये बैटरी चलित ट्राईसाइकिलें प्रदान की गईं।
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