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शिमला , 03 जुलाई ! संयुक्त किसान मंच ने मांग की है कि भारतीय पैकेजिंग संस्थान(आई आई पी)द्वारा वर्ष 2013 में अनुसंशित युनिवर्सल कार्टन लागू करो और एपीएमसी एक्ट 2005 के प्रावधानों के तहत वजन के हिसाब से सेब व अन्य उत्पाद बेचे जाए। यदि सरकार तुरंत इसके लिए अधिसूचना जारी नही करती तो यह प्रदेश के लाखो सेब बागवानों के साथ धोखा होगा क्योंकि सरकार ने घोषणा की है कि सेब वजन के हिसाब से युनिवर्सल कार्टन मे बेचा जाएगा। सरकार बेवजह ही सेब के कार्टन मे 24 किलो ग्राम के प्रावधान कर असमंजस की स्थिति पैदा कर रही है। वर्ष 2013 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सेब की पैकेजिंग के लिए युनिवर्सल कार्टन बनाने का प्रोजेक्ट बनाया था और इसका जिम्मा भारतीय पैकेजिंग संस्थान(आई आई पी) को दिया था। जिसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुसार 20किलो ग्राम कार्टन को बनाया था और सरकार को स्पष्ट रूप से इसे लागू करने की अनुसंशा की थी। परन्तु न जाने किस राजनिति व दबाव के चलते कोई भी सरकार इसको लागू नही करती है। ध्यान रहे सरकार ने उस समय सरकारी खजाने से इस परियोजना पर 11 लाख रुपए भी खर्च किए थे। कुछ मंडियों में आढ़तियों के द्वारा जो गैर कानूनी रूप से 2 किलो प्रति पेटी काट की जा रही है उस पर तुरन्त रोक लगाई जाए तथा दोषी आढ़तियों के विरुद्ध सरकार तुरन्त कानूनी कार्यवाही करे तथा जिन बागवानों से ये काट की गई है उसे वापिस लौटाया जाए। क्योंकि यह वैल्यू एडेड ट्रेड के बिलकुल खिलाफ है। सरकार तुरन्त सेब के विपणन के लिए एपीएमसी एक्ट, 2005, एचपी मेट्रोलॉजी एक्ट 2009 व एचपी पैसेंजर एंड गुड टैक्सेशन एक्ट 1955 को सख्ती से लागू करे। अन्यथा संयुक्त किसान मंच सभी किसानो व बागवानों के संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन करने के लिए कार्य करेगा।
शिमला , 03 जुलाई ! संयुक्त किसान मंच ने मांग की है कि भारतीय पैकेजिंग संस्थान(आई आई पी)द्वारा वर्ष 2013 में अनुसंशित युनिवर्सल कार्टन लागू करो और एपीएमसी एक्ट 2005 के प्रावधानों के तहत वजन के हिसाब से सेब व अन्य उत्पाद बेचे जाए।
यदि सरकार तुरंत इसके लिए अधिसूचना जारी नही करती तो यह प्रदेश के लाखो सेब बागवानों के साथ धोखा होगा क्योंकि सरकार ने घोषणा की है कि सेब वजन के हिसाब से युनिवर्सल कार्टन मे बेचा जाएगा।
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सरकार बेवजह ही सेब के कार्टन मे 24 किलो ग्राम के प्रावधान कर असमंजस की स्थिति पैदा कर रही है। वर्ष 2013 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सेब की पैकेजिंग के लिए युनिवर्सल कार्टन बनाने का प्रोजेक्ट बनाया था और इसका जिम्मा भारतीय पैकेजिंग संस्थान(आई आई पी) को दिया था। जिसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुसार 20किलो ग्राम कार्टन को बनाया था और सरकार को स्पष्ट रूप से इसे लागू करने की अनुसंशा की थी।
परन्तु न जाने किस राजनिति व दबाव के चलते कोई भी सरकार इसको लागू नही करती है। ध्यान रहे सरकार ने उस समय सरकारी खजाने से इस परियोजना पर 11 लाख रुपए भी खर्च किए थे।
कुछ मंडियों में आढ़तियों के द्वारा जो गैर कानूनी रूप से 2 किलो प्रति पेटी काट की जा रही है उस पर तुरन्त रोक लगाई जाए तथा दोषी आढ़तियों के विरुद्ध सरकार तुरन्त कानूनी कार्यवाही करे तथा जिन बागवानों से ये काट की गई है उसे वापिस लौटाया जाए। क्योंकि यह वैल्यू एडेड ट्रेड के बिलकुल खिलाफ है।
सरकार तुरन्त सेब के विपणन के लिए एपीएमसी एक्ट, 2005, एचपी मेट्रोलॉजी एक्ट 2009 व एचपी पैसेंजर एंड गुड टैक्सेशन एक्ट 1955 को सख्ती से लागू करे। अन्यथा संयुक्त किसान मंच सभी किसानो व बागवानों के संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन करने के लिए कार्य करेगा।
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