652 दिन से शिमला में धरने पर बैठे है दृष्टिहीन, दिल्ली जाकर राहुल गांधी से करेंगे सुक्खू सरकार की शिकायत।
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शिमला , 06 अगस्त [ विशाल सूद ] ! 652 दिन से शिमला में धरने पर बैठे दृष्टिहीनों ने अब सरकार से आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। दृष्टिहीनों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर मॉनसून सत्र से पहले बैकलॉग कोटे की भर्तियों पर सरकार ने फैंसला नहीं लिया तो 19 अगस्त को वह विधानसभा के बाहर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे और आत्मदाह करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। साथ ही दृष्टिहीन संगठन के लोग दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से मिलकर भी सुक्खू सरकार की शिकायत करेंगे। शिमला में पत्रकार वार्ता कर दृष्टिहीन संगठन के सदस्य पंकज ठाकुर ने कहा कि दृष्टिहीनों की हालत मरता क्या नहीं करता जैसी हो गई है। बार बार सरकार और अधिकारियों के साथ मांगो को लेकर बैठके की गई है लेकिन अभी तक बैकलॉग कोटे की भर्तियां नहीं हुई हैं। लंबे अरसे से दृष्टिहीन कोटे के विभिन्न विभागों में पद खाली चल रहे हैं, लेकिन सरकार इसमें भर्तियां नहीं कर रही है। दृष्टिहीन संघ एकमुश्त बैक लॉग की भर्तियों की मांग कर रहा है। अब आत्मदाह और आमरण अनशन का ही रास्ता बचा है। मॉनसून सत्र से पहले अगर सरकार ने दृष्टिहीनों की मांगो को नहीं माना तो आत्मदाह से दृष्टिहीन पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि इस सरकार की असंवेदनशीलता को कांग्रेस हाईकमान राहुल को दिल्ली जाकर बताई जाएगी।
शिमला , 06 अगस्त [ विशाल सूद ] ! 652 दिन से शिमला में धरने पर बैठे दृष्टिहीनों ने अब सरकार से आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। दृष्टिहीनों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर मॉनसून सत्र से पहले बैकलॉग कोटे की भर्तियों पर सरकार ने फैंसला नहीं लिया तो 19 अगस्त को वह विधानसभा के बाहर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे और आत्मदाह करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। साथ ही दृष्टिहीन संगठन के लोग दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से मिलकर भी सुक्खू सरकार की शिकायत करेंगे।
शिमला में पत्रकार वार्ता कर दृष्टिहीन संगठन के सदस्य पंकज ठाकुर ने कहा कि दृष्टिहीनों की हालत मरता क्या नहीं करता जैसी हो गई है। बार बार सरकार और अधिकारियों के साथ मांगो को लेकर बैठके की गई है लेकिन अभी तक बैकलॉग कोटे की भर्तियां नहीं हुई हैं। लंबे अरसे से दृष्टिहीन कोटे के विभिन्न विभागों में पद खाली चल रहे हैं, लेकिन सरकार इसमें भर्तियां नहीं कर रही है।
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दृष्टिहीन संघ एकमुश्त बैक लॉग की भर्तियों की मांग कर रहा है। अब आत्मदाह और आमरण अनशन का ही रास्ता बचा है। मॉनसून सत्र से पहले अगर सरकार ने दृष्टिहीनों की मांगो को नहीं माना तो आत्मदाह से दृष्टिहीन पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि इस सरकार की असंवेदनशीलता को कांग्रेस हाईकमान राहुल को दिल्ली जाकर बताई जाएगी।
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