
स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 27 जून ! प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश ने स्वास्थ्य सेवाओं के आधुनिकीकरण एवं विस्तार की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव के लिए संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया है। प्रवक्ता ने कहा कि अढ़ाई वर्ष के कार्यकाल में प्रदेश सरकार ने अनेक क्रांतिकारी कदम उठाए हैं, जिससे पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। प्रदेश भर में अनेक अस्पतालों को उन्नत किया गया है, नए उप-स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले और अपग्रेड किए गए हैं। नए खंड चिकित्सा कार्यालय भी अधिसूचित किए हैं। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू 30 जून को डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय (आरपीजीएमसी), टांडा का दौरा करेंगे। इस अवसर पर संस्थान में कार्यन्वित की जा रही एवं प्रस्तावित योजनाओं की विस्तृत प्रस्तुति दी जाएगी। मुख्यमंत्री चिकित्सकीय संकाय के सदस्यों के साथ संवाद भी करेंगे ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता तथा सुधार के लिए सुझाव भी प्राप्त किए जा सकें। यह दौरा मुख्यमंत्री की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए चिकित्सकों से सीधे संवाद कर आवश्यक सुधार सुनिश्चित करने की पहल का एक महत्वपूर्ण पहलू है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय (आईजीएमसी) शिमला और अटल इंस्टीटयूट आफ सुपर स्पेशयलिटीज़ (एआईएमएस) चमियाणा के चिकित्सकों से भी संवाद किया था। इन बैठकों के माध्यम से आने वाले वर्षों में चिकित्सा क्षेत्र की चुनौतियों और उनके व्यावहारिक समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालय को आवश्यकतानुसार हरसम्भव सहयोग प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश सरकार का चिकित्सा क्षेत्र के प्रति यह सकारात्मक दृष्टिकोण इस बात का प्रमाण है कि सरकार क्षेत्र के लोगों को गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ता से कार्य कर रही है। प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में 20 वर्षों से अधिक पुरानी मशीनों या उपकरणों को एक वर्ष के भीतर बदलने के निर्देश दिए हैं। एआईएमएसएस चमियाणा में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा आरम्भ कर दी गई है। राज्य सरकार 68 विधानसभा क्षेत्रों में 69 आदर्श स्वास्थ्य संस्थान स्थापित कर रही है जिसमें दो आदर्श स्वास्थ्य संस्थान लाहौल-स्पिति जिला में स्थापित किए जाएंगे। अधिकांश क्षेत्रों में यह संस्थान क्रियाशील कर दिए गए हैं। प्रत्येक संस्थान में छः विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात किए जा रहे हैं। इन संस्थानों में 134 प्रकार की जांच सुविधाओं के अलावा अल्ट्रासाउंड, डिजिटल एक्सरे इत्यादि सेवाएं भी उपलब्ध हैं। प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए चिकित्सा महाविद्यालयों, नागरिक अस्पतालों, क्षेत्रीय अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए आधुनिक चिकित्सा उपकरण खरीदने के लिए 1730 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि 20 आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में डायलिसिस की सुविधा आरम्भ की जा चुकी है और शेष 49 चिकित्सा संस्थानों में यह सुविधा शुरू करने के लिए 41.62 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा 11 संस्थानों में ब्लड स्टोरेज यूनिट भी स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश सरकार आईजीएमसी शिमला, एआईएमएसएस चमियाणा, हमीरपुर और नेरचौक चिकित्सा महाविद्यालयों में अत्याधुनिक जांच सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। आईजीएमसी शिमला में शीघ्र ही पैट स्कैन सुविधा शुरू कर दी जाएगी।इन प्रयासों से हिमाचल प्रदेश शीघ्र ही स्वास्थ्य क्षेत्र में अन्य राज्यों के लिए आदर्श राज्य बनने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ेगा।
शिमला , 27 जून ! प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश ने स्वास्थ्य सेवाओं के आधुनिकीकरण एवं विस्तार की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव के लिए संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया है।
प्रवक्ता ने कहा कि अढ़ाई वर्ष के कार्यकाल में प्रदेश सरकार ने अनेक क्रांतिकारी कदम उठाए हैं, जिससे पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। प्रदेश भर में अनेक अस्पतालों को उन्नत किया गया है, नए उप-स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले और अपग्रेड किए गए हैं। नए खंड चिकित्सा कार्यालय भी अधिसूचित किए हैं।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू 30 जून को डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय (आरपीजीएमसी), टांडा का दौरा करेंगे। इस अवसर पर संस्थान में कार्यन्वित की जा रही एवं प्रस्तावित योजनाओं की विस्तृत प्रस्तुति दी जाएगी। मुख्यमंत्री चिकित्सकीय संकाय के सदस्यों के साथ संवाद भी करेंगे ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता तथा सुधार के लिए सुझाव भी प्राप्त किए जा सकें।
यह दौरा मुख्यमंत्री की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए चिकित्सकों से सीधे संवाद कर आवश्यक सुधार सुनिश्चित करने की पहल का एक महत्वपूर्ण पहलू है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय (आईजीएमसी) शिमला और अटल इंस्टीटयूट आफ सुपर स्पेशयलिटीज़ (एआईएमएस) चमियाणा के चिकित्सकों से भी संवाद किया था। इन बैठकों के माध्यम से आने वाले वर्षों में चिकित्सा क्षेत्र की चुनौतियों और उनके व्यावहारिक समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालय को आवश्यकतानुसार हरसम्भव सहयोग प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश सरकार का चिकित्सा क्षेत्र के प्रति यह सकारात्मक दृष्टिकोण इस बात का प्रमाण है कि सरकार क्षेत्र के लोगों को गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ता से कार्य कर रही है।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में 20 वर्षों से अधिक पुरानी मशीनों या उपकरणों को एक वर्ष के भीतर बदलने के निर्देश दिए हैं। एआईएमएसएस चमियाणा में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा आरम्भ कर दी गई है। राज्य सरकार 68 विधानसभा क्षेत्रों में 69 आदर्श स्वास्थ्य संस्थान स्थापित कर रही है जिसमें दो आदर्श स्वास्थ्य संस्थान लाहौल-स्पिति जिला में स्थापित किए जाएंगे। अधिकांश क्षेत्रों में यह संस्थान क्रियाशील कर दिए गए हैं। प्रत्येक संस्थान में छः विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात किए जा रहे हैं। इन संस्थानों में 134 प्रकार की जांच सुविधाओं के अलावा अल्ट्रासाउंड, डिजिटल एक्सरे इत्यादि सेवाएं भी उपलब्ध हैं।
प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए चिकित्सा महाविद्यालयों, नागरिक अस्पतालों, क्षेत्रीय अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए आधुनिक चिकित्सा उपकरण खरीदने के लिए 1730 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि 20 आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में डायलिसिस की सुविधा आरम्भ की जा चुकी है और शेष 49 चिकित्सा संस्थानों में यह सुविधा शुरू करने के लिए 41.62 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा 11 संस्थानों में ब्लड स्टोरेज यूनिट भी स्थापित किए जाएंगे।
प्रदेश सरकार आईजीएमसी शिमला, एआईएमएसएस चमियाणा, हमीरपुर और नेरचौक चिकित्सा महाविद्यालयों में अत्याधुनिक जांच सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। आईजीएमसी शिमला में शीघ्र ही पैट स्कैन सुविधा शुरू कर दी जाएगी।इन प्रयासों से हिमाचल प्रदेश शीघ्र ही स्वास्थ्य क्षेत्र में अन्य राज्यों के लिए आदर्श राज्य बनने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ेगा।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -