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शिमला, 12 जुलाई ! हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात के कारण भूस्खलन व बाढ़ की स्थिति से उत्पन्न आपदा की स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश सरकार व स्थानीय प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ चौबीसों घंटे जुटा हुआ है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं फील्ड में उतरकर राहत व बचाव अभियान की निरन्तर निगरानी कर रहे हैं। मंगलवार को आपदा से सर्वाधिक प्रभावित कुल्लू ज़िला के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करने के उपरान्त मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों में पहुंचकर प्रभावितों से भेंट की और उनका कुशलक्षेम जाना। राजकीय महाविद्यालय कुल्लू में बने राहत शिविर में प्रवासी लोगों के बीच पहुंचे मुख्यमंत्री ने अपनत्व से सभी प्रभावितों को ढाढस बंधाया और प्रदेश सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने यहां आवासियों के साथ भोजन ग्रहण किया और उन्हें विश्वास दिलाया कि इस विपदा की घड़ी में प्रदेश सरकार के हर क्षण उनके साथ खड़ी है। इसके उपरान्त वह कुल्लू के गांधीनगर राहत शिविर में पहुंचे और वहां प्रभावितों के लिए सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति एवं अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। देर शाम मुख्यमंत्री ज़िला नियंत्रण कक्ष में पहुंचकर राहत एवं बचाव अभियान की पल-पल की जानकारी प्राप्त करते रहे और बचाव दलों तथा स्थानीय प्रशासन का हौंसला भी बढ़ाया। वह मंगलवार रात को लगभग साढ़े 12 बजे तक राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लेते रहे। कुल्लू शहर में विद्युत आपूर्ति की बहाली सुनिश्चित करने के लिए भी उन्होंने मलाणा परियोजना प्रबन्धन से सीधी बात की और इसके उपरान्त शहर में मंगलवार रात को लगभग 11 बजे विद्युत आपूर्ति बहाल हो गई। मुख्यमंत्री ने कुल्लू व मनाली के मध्य सड़क सम्पर्क बहाल करने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और स्वयं इसकी निगरानी भी करते रहे। मंगलवार सायं मनाली में फंसे पर्यटकों व अन्य लोगों को वैकल्पिक मार्गों से निकालने का कार्य शुरू हुआ और मुख्यमंत्री स्वयं रामशीला गैमन पुल के पास पहुंचे और उन्होंने बाहरी क्षेत्रों से आए पर्यटकों के साथ बातचीत कर उन्हें सुरक्षित वापसी का भरोसा भी दिलाया। मुख्यमंत्री ने कुल्लू तथा लाहौल-स्पिति ज़िला प्रशासन के साथ भी निरन्तर सम्पर्क बनाए रखा। उन्हें अटल टनल तक सड़क सम्पर्क बहाल करने के निर्देश दिए ताकि लाहौल घाटी में फंसे पर्यटकों व अन्य लोगों को सड़क मार्ग से सुरक्षित निकाला जा सके। अभियान के दौरान उनके साथ मौजूद मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर पर्यटक अपनी सुरक्षित वापसी को लेकर काफी आश्वस्त नज़र आए। राजस्थान तथा अन्य क्षेत्रों से आए पर्यटकों ने रामशिला में मुख्यमंत्री से बात कर प्रदेश सरकार तथा स्थानीय प्रशासन का आभार भी व्यक्त किया। राजस्थान के एक पर्यटक ने कहा कि हिमाचल के लोग भाग्यशाली हैं कि उन्हें ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू जैसे संवेदनशील मुख्यमंत्री मिले हैं, जो विपदा की इस घड़ी में स्वयं लोगों के बीच पहुंचकर राहत एवं बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। मुख्य संसदीय सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर रामशिला पुल पर मनाली व अन्य क्षेत्रों से निकाले जा रहे पर्यटकों के लिए जलपान की भी व्यवस्था की गई है। इसमें विभिन्न गैर सरकारी संगठनों का भी सहयोग प्राप्त हो रहा है।
शिमला, 12 जुलाई ! हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात के कारण भूस्खलन व बाढ़ की स्थिति से उत्पन्न आपदा की स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश सरकार व स्थानीय प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ चौबीसों घंटे जुटा हुआ है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं फील्ड में उतरकर राहत व बचाव अभियान की निरन्तर निगरानी कर रहे हैं।
मंगलवार को आपदा से सर्वाधिक प्रभावित कुल्लू ज़िला के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करने के उपरान्त मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों में पहुंचकर प्रभावितों से भेंट की और उनका कुशलक्षेम जाना। राजकीय महाविद्यालय कुल्लू में बने राहत शिविर में प्रवासी लोगों के बीच पहुंचे मुख्यमंत्री ने अपनत्व से सभी प्रभावितों को ढाढस बंधाया और प्रदेश सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने यहां आवासियों के साथ भोजन ग्रहण किया और उन्हें विश्वास दिलाया कि इस विपदा की घड़ी में प्रदेश सरकार के हर क्षण उनके साथ खड़ी है।
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इसके उपरान्त वह कुल्लू के गांधीनगर राहत शिविर में पहुंचे और वहां प्रभावितों के लिए सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति एवं अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।
देर शाम मुख्यमंत्री ज़िला नियंत्रण कक्ष में पहुंचकर राहत एवं बचाव अभियान की पल-पल की जानकारी प्राप्त करते रहे और बचाव दलों तथा स्थानीय प्रशासन का हौंसला भी बढ़ाया। वह मंगलवार रात को लगभग साढ़े 12 बजे तक राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लेते रहे। कुल्लू शहर में विद्युत आपूर्ति की बहाली सुनिश्चित करने के लिए भी उन्होंने मलाणा परियोजना प्रबन्धन से सीधी बात की और इसके उपरान्त शहर में मंगलवार रात को लगभग 11 बजे विद्युत आपूर्ति बहाल हो गई।
मुख्यमंत्री ने कुल्लू व मनाली के मध्य सड़क सम्पर्क बहाल करने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और स्वयं इसकी निगरानी भी करते रहे। मंगलवार सायं मनाली में फंसे पर्यटकों व अन्य लोगों को वैकल्पिक मार्गों से निकालने का कार्य शुरू हुआ और मुख्यमंत्री स्वयं रामशीला गैमन पुल के पास पहुंचे और उन्होंने बाहरी क्षेत्रों से आए पर्यटकों के साथ बातचीत कर उन्हें सुरक्षित वापसी का भरोसा भी दिलाया।
मुख्यमंत्री ने कुल्लू तथा लाहौल-स्पिति ज़िला प्रशासन के साथ भी निरन्तर सम्पर्क बनाए रखा। उन्हें अटल टनल तक सड़क सम्पर्क बहाल करने के निर्देश दिए ताकि लाहौल घाटी में फंसे पर्यटकों व अन्य लोगों को सड़क मार्ग से सुरक्षित निकाला जा सके।
अभियान के दौरान उनके साथ मौजूद मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर पर्यटक अपनी सुरक्षित वापसी को लेकर काफी आश्वस्त नज़र आए। राजस्थान तथा अन्य क्षेत्रों से आए पर्यटकों ने रामशिला में मुख्यमंत्री से बात कर प्रदेश सरकार तथा स्थानीय प्रशासन का आभार भी व्यक्त किया। राजस्थान के एक पर्यटक ने कहा कि हिमाचल के लोग भाग्यशाली हैं कि उन्हें ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू जैसे संवेदनशील मुख्यमंत्री मिले हैं, जो विपदा की इस घड़ी में स्वयं लोगों के बीच पहुंचकर राहत एवं बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।
मुख्य संसदीय सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर रामशिला पुल पर मनाली व अन्य क्षेत्रों से निकाले जा रहे पर्यटकों के लिए जलपान की भी व्यवस्था की गई है। इसमें विभिन्न गैर सरकारी संगठनों का भी सहयोग प्राप्त हो रहा है।
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