देशवासियों ने हाल ही में हुए चुनावों में कांग्रेस के "वोट चोर" अभियान को दिया करारा जवाब यदि झूठ बोलने की ओलंपिक प्रतियोगिता होती तो कांग्रेस नेता निश्चित रूप से स्वर्ण पदक जीतते
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शिमला, 20 नवंबर [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश मीडिया संयोजक कर्ण नंदा ने युवा कांग्रेस द्वारा आयोजित आक्रोश रैली पर कड़ा प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि देशवासियों ने हाल ही में हुए चुनावों में कांग्रेस के "वोट चोर" अभियान को करारा जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा कि आज देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस बिहार में मात्र 6 सीटों पर सिमटकर रह गई है, जो कांग्रेस की गिरती लोकप्रियता और जनसमर्थन का स्पष्ट संकेत है। यदि यही स्थिति रही, तो देश के राजनीतिक परिदृश्य से कांग्रेस का नामोनिशान मिटने में समय नहीं लगेगा। कर्ण नंदा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि चोरी और लोकतांत्रिक मूल्यों की बात की जाए, तो 1975 का आपातकाल कांग्रेस पार्टी का देश के नागरिक अधिकारों की सबसे बड़ी चोरी का उदाहरण है, जिसे देश की जनता कभी भूल नहीं सकती। कांग्रेस ने इतिहास में कई ऐसे कदम उठाए हैं जिनसे देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदा होना पड़ा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा जातियों, समुदायों और क्षेत्रों को बांटने की राजनीति की और अंग्रेजों की डिवाइड एंड रूल नीति पर चलते हुए देश को कमजोर करने का कार्य किया। ऐसे में कांग्रेस नेताओं द्वारा देश को नसीहत देना अत्यंत हास्यास्पद और दोहरे चरित्र का परिचायक है। भाजपा मीडिया संयोजक ने कहा कि कांग्रेस के नेता झूठ बोलने में माहिर हैं और यदि झूठ बोलने की ओलंपिक प्रतियोगिता होती तो कांग्रेस नेता निश्चित रूप से स्वर्ण पदक जीतते। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं व उनके परिवारजनों के दोहरे वोटर होने के कांग्रेस नेताओं के आरोप पूर्णतः निराधार और राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। यह केवल भाजपा नेताओं की छवि धूमिल करने का असफल प्रयास है, जिसे प्रदेश की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी। कर्ण नंदा ने कांग्रेस द्वारा राज्यपाल पर की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि राज्यपाल एक संवैधानिक पद होता है और इस पर इस प्रकार की राजनीति करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने आज तक अपनी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं किया, लेकिन कांग्रेस नेता उन्हें राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को राज्यपाल पर की गई टिप्पणियों के लिए जनता के समक्ष सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए।
शिमला, 20 नवंबर [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश मीडिया संयोजक कर्ण नंदा ने युवा कांग्रेस द्वारा आयोजित आक्रोश रैली पर कड़ा प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि देशवासियों ने हाल ही में हुए चुनावों में कांग्रेस के "वोट चोर" अभियान को करारा जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा कि आज देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस बिहार में मात्र 6 सीटों पर सिमटकर रह गई है, जो कांग्रेस की गिरती लोकप्रियता और जनसमर्थन का स्पष्ट संकेत है। यदि यही स्थिति रही, तो देश के राजनीतिक परिदृश्य से कांग्रेस का नामोनिशान मिटने में समय नहीं लगेगा।
कर्ण नंदा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि चोरी और लोकतांत्रिक मूल्यों की बात की जाए, तो 1975 का आपातकाल कांग्रेस पार्टी का देश के नागरिक अधिकारों की सबसे बड़ी चोरी का उदाहरण है, जिसे देश की जनता कभी भूल नहीं सकती। कांग्रेस ने इतिहास में कई ऐसे कदम उठाए हैं जिनसे देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदा होना पड़ा।
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा जातियों, समुदायों और क्षेत्रों को बांटने की राजनीति की और अंग्रेजों की डिवाइड एंड रूल नीति पर चलते हुए देश को कमजोर करने का कार्य किया। ऐसे में कांग्रेस नेताओं द्वारा देश को नसीहत देना अत्यंत हास्यास्पद और दोहरे चरित्र का परिचायक है।
भाजपा मीडिया संयोजक ने कहा कि कांग्रेस के नेता झूठ बोलने में माहिर हैं और यदि झूठ बोलने की ओलंपिक प्रतियोगिता होती तो कांग्रेस नेता निश्चित रूप से स्वर्ण पदक जीतते। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं व उनके परिवारजनों के दोहरे वोटर होने के कांग्रेस नेताओं के आरोप पूर्णतः निराधार और राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। यह केवल भाजपा नेताओं की छवि धूमिल करने का असफल प्रयास है, जिसे प्रदेश की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी।
कर्ण नंदा ने कांग्रेस द्वारा राज्यपाल पर की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि राज्यपाल एक संवैधानिक पद होता है और इस पर इस प्रकार की राजनीति करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने आज तक अपनी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं किया, लेकिन कांग्रेस नेता उन्हें राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को राज्यपाल पर की गई टिप्पणियों के लिए जनता के समक्ष सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए।
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