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शिमला , 27 जून [ विशाल सूद ] ! सीपीआईएम जिला कमेटी शिमला ने आज इजरायल द्वारा पिछले पौने दो सालों से फिलिस्तीन पर लगातार हमलों और युद्ध में हजारों बेगुनाह लोगों के नरसंहार की कड़ी निंदा करते हुए जिलाधीश कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में कॉमरेड राकेश सिंघा, संजय चौहान, विजेंद्र मेहरा, जगत राम, फ़ालमा चौहान, जगमोहन ठाकुर, ने भाग लिया। कॉमरेड संजय चौहान ने कहा कि इजराइल फिलिस्तीन पर लगातार हमले करता आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ निर्देशों, युद्ध के नियमों व मानवीय संवेदनाओं को नजरअंदाज करके गजा पर निरंतर हमले इतिहास की सबसे बड़ी क्रूरताओं में से एक है। गजा में राशन व एंबुलेंस जैसी मानवीय मदद तक रोक दी गई है। इजरायल की स्थापना वर्ष 1948 में ब्रिटिश साम्राज्यवाद की मदद से लगभग 7 लाख 50 हजार फिलिस्तीनियों को जबरन निष्कासित करके उन्हें शरणार्थी बनाकर फिलिस्तीन की भूमि पर की गई। इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर हमलों के चलते छप्पन हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं जिनमें आधे से अधिक बच्चे और महिलाएं हैं। इजरायल द्वारा अस्पतालों, स्कूलों, शरणार्थी शिविरों और संयुक्त राष्ट्र की इमारतों पर हमले किए जा रहे हैं ।इजरायल अमेरिकी साम्राज्यवाद की मदद से इन हमलों को अंजाम दे रहा है। अमेरिका ने इसराइल को सैंकड़ों अरब डॉलर की मदद की है। वर्ष 2016 से अमेरिका द्वारा इसराइल को प्रतिवर्ष 3.8 अरब की सैन्य मदद की जा रही है। अगस्त 2024 में सैन्य उपकरण खरीदने के लिए 5.3 अरब डॉलर की मदद अमेरिका द्वारा इजराइल को दी गई। इजराइल ने गजा की जनता पर कहर ढाया है। फिलिस्तीन राष्ट्रीय मुक्ति के लिए संघर्ष कर रहा है। वेस्ट बैंक में इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर पांच सौ से अधिक बार हमले किए गए हैं। वहां रहने वाले हजारों फिलिस्तीनि इन हमलों में मारे जा चुके हैं। 26 जनवरी 2024 को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने फैसला दिया था कि फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल का लगातार कब्जा अवैध है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। इसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए। इस फैसले के बाद अमेरिका और उसके सहयोगी देश इजराइल को युद्ध सामग्री सहायता देना जारी रखे हुए हैं। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के बाद भी इसराइल लगातार फिलिस्तीन पर हमले करता रहा है। इसराइल लेबनान और अमन पर भी हमला करता रहा है जो विश्व शांति के लिए गंभीर खतरा बन गया है। इजरायल ने हाल ही में ईरान पर लगातार हमले किए हैं। अमरीका भी ईरान पर इन हमलों में शामिल हुआ है। भारत ने हमेशा से फिलिस्तीन का समर्थन किया है और भारत हमेशा फिलिस्तीन के पक्ष में खड़ा रहा है। हमारा देश आजादी के बाद से लगातार इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर हमलों व उसकी धरती पर कब्जा करने का विरोध करता आ रहा है। भाजपा नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने फिलीस्तीन पर इजरायली हमलों की निंदा करने का बयान तक नही दिया है। फिलिस्तीन में इजराइली हमलों को रोकने के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र संघ में लाए गए प्रस्ताव पर मोदी सरकार द्वारा तटस्थ रहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा सरकार का यह फैसला भारत की स्वतंत्र विदेश नीति के खिलाफ है व अमरीका का जूनियर पार्टनर बनने का संकेत देता है। मोदी सरकार इजरायली हमलों की निंदा इसलिए नहीं कर रही है क्योंकि अदानी ने इजरायली हथियार कंपनियों और बंदरगाहों में बहुत बड़ा निवेश किया है। एडिल कंपनी और अडानी मिलकर हैदराबाद में हथियार और ड्रोन बना रहे हैं। भारत से इसराइल को यही हथियार निर्यात किय जा रहे हैं। अडानी की कंपनियां हथियार के निर्यात में शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी इसलिए इजरायल के खिलाफ बयान नहीं दे पा रहे हैं। सीपीआईएम जिला कमेटी शिमला मोदी सरकार के फिलिस्तीन विरोधी रवैये की कड़ी निंदा करती है। सीपीएम मांग करती है कि फिलीस्तीन पर इजरायली हमलों को तुरंत रोका जाए। बच्चों, महिलाओं समेत हजारों फिलिस्तीनी जनता का नरसंहार बंद किया जाए। प्रधानमंत्री मोदी को भारत की स्वतंत्र विदेश नीति के तहत फिलिस्तीन के पक्ष में खड़ा होना और इजरायली हमलों के खिलाफ बयान देना चाहिए। भारत सरकार को इजरायल के लिए ड्रोन और हथियारों के निर्यात पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगाना चाहिए। विश्व शांति को बनाए रखने के लिए तुरंत युद्ध पर रोक लगाई जानी चाहिए।
शिमला , 27 जून [ विशाल सूद ] ! सीपीआईएम जिला कमेटी शिमला ने आज इजरायल द्वारा पिछले पौने दो सालों से फिलिस्तीन पर लगातार हमलों और युद्ध में हजारों बेगुनाह लोगों के नरसंहार की कड़ी निंदा करते हुए जिलाधीश कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में कॉमरेड राकेश सिंघा, संजय चौहान, विजेंद्र मेहरा, जगत राम, फ़ालमा चौहान, जगमोहन ठाकुर, ने भाग लिया।
कॉमरेड संजय चौहान ने कहा कि इजराइल फिलिस्तीन पर लगातार हमले करता आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ निर्देशों, युद्ध के नियमों व मानवीय संवेदनाओं को नजरअंदाज करके गजा पर निरंतर हमले इतिहास की सबसे बड़ी क्रूरताओं में से एक है। गजा में राशन व एंबुलेंस जैसी मानवीय मदद तक रोक दी गई है।
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इजरायल की स्थापना वर्ष 1948 में ब्रिटिश साम्राज्यवाद की मदद से लगभग 7 लाख 50 हजार फिलिस्तीनियों को जबरन निष्कासित करके उन्हें शरणार्थी बनाकर फिलिस्तीन की भूमि पर की गई। इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर हमलों के चलते छप्पन हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं जिनमें आधे से अधिक बच्चे और महिलाएं हैं।
इजरायल द्वारा अस्पतालों, स्कूलों, शरणार्थी शिविरों और संयुक्त राष्ट्र की इमारतों पर हमले किए जा रहे हैं ।इजरायल अमेरिकी साम्राज्यवाद की मदद से इन हमलों को अंजाम दे रहा है। अमेरिका ने इसराइल को सैंकड़ों अरब डॉलर की मदद की है। वर्ष 2016 से अमेरिका द्वारा इसराइल को प्रतिवर्ष 3.8 अरब की सैन्य मदद की जा रही है।
अगस्त 2024 में सैन्य उपकरण खरीदने के लिए 5.3 अरब डॉलर की मदद अमेरिका द्वारा इजराइल को दी गई। इजराइल ने गजा की जनता पर कहर ढाया है। फिलिस्तीन राष्ट्रीय मुक्ति के लिए संघर्ष कर रहा है। वेस्ट बैंक में इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर पांच सौ से अधिक बार हमले किए गए हैं। वहां रहने वाले हजारों फिलिस्तीनि इन हमलों में मारे जा चुके हैं।
26 जनवरी 2024 को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने फैसला दिया था कि फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल का लगातार कब्जा अवैध है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। इसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए। इस फैसले के बाद अमेरिका और उसके सहयोगी देश इजराइल को युद्ध सामग्री सहायता देना जारी रखे हुए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के बाद भी इसराइल लगातार फिलिस्तीन पर हमले करता रहा है। इसराइल लेबनान और अमन पर भी हमला करता रहा है जो विश्व शांति के लिए गंभीर खतरा बन गया है। इजरायल ने हाल ही में ईरान पर लगातार हमले किए हैं। अमरीका भी ईरान पर इन हमलों में शामिल हुआ है।
भारत ने हमेशा से फिलिस्तीन का समर्थन किया है और भारत हमेशा फिलिस्तीन के पक्ष में खड़ा रहा है। हमारा देश आजादी के बाद से लगातार इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर हमलों व उसकी धरती पर कब्जा करने का विरोध करता आ रहा है।
भाजपा नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने फिलीस्तीन पर इजरायली हमलों की निंदा करने का बयान तक नही दिया है। फिलिस्तीन में इजराइली हमलों को रोकने के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र संघ में लाए गए प्रस्ताव पर मोदी सरकार द्वारा तटस्थ रहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
भाजपा सरकार का यह फैसला भारत की स्वतंत्र विदेश नीति के खिलाफ है व अमरीका का जूनियर पार्टनर बनने का संकेत देता है। मोदी सरकार इजरायली हमलों की निंदा इसलिए नहीं कर रही है क्योंकि अदानी ने इजरायली हथियार कंपनियों और बंदरगाहों में बहुत बड़ा निवेश किया है।
एडिल कंपनी और अडानी मिलकर हैदराबाद में हथियार और ड्रोन बना रहे हैं। भारत से इसराइल को यही हथियार निर्यात किय जा रहे हैं। अडानी की कंपनियां हथियार के निर्यात में शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी इसलिए इजरायल के खिलाफ बयान नहीं दे पा रहे हैं। सीपीआईएम जिला कमेटी शिमला मोदी सरकार के फिलिस्तीन विरोधी रवैये की कड़ी निंदा करती है।
सीपीएम मांग करती है कि फिलीस्तीन पर इजरायली हमलों को तुरंत रोका जाए। बच्चों, महिलाओं समेत हजारों फिलिस्तीनी जनता का नरसंहार बंद किया जाए। प्रधानमंत्री मोदी को भारत की स्वतंत्र विदेश नीति के तहत फिलिस्तीन के पक्ष में खड़ा होना और इजरायली हमलों के खिलाफ बयान देना चाहिए। भारत सरकार को इजरायल के लिए ड्रोन और हथियारों के निर्यात पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगाना चाहिए। विश्व शांति को बनाए रखने के लिए तुरंत युद्ध पर रोक लगाई जानी चाहिए।
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