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शिमला, 4 जून [ विशाल सूद ] !राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि स्पेशल ओलंपिक के खिलाड़ियों को पहचान दिलाने और उनकी विकास में सहयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि समाज और सरकार दोनों ही स्तर पर उन्हें मदद दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन्हें अपना संरक्षण देकर आगे बढ़ने का प्रयास करें।राज्यपाल आज यहां शिमला में स्पेशल ओलंपिक्स भारत, हिमाचल प्रदेश द्वारा वर्ल्ड समर गेम्स बर्लिन, जर्मनी 2023 और वर्ल्ड विंटर गेम्स ट्यूरिन, इटली 2025 में भाग लेने वाले खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के लिये आयोजित ष्सम्मान समारोहष् के अवसर पर बोल रहे थे। इटली के ट्यूरिन शहर में आयोजित वर्ल्ड विंटर गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व 30 खिलाड़ियों और 19 सहयोगी स्टॉफ, यानी कुल 49 सदस्यों ने किया। इन में से 15 खिलाड़ी हिमाचल प्रदेश से थे। उन्होंने कहा कि यह सम्मान समारोह सिर्फ मेडल्स जीतने की खुशी के लिए नहीं है। यह साहस, संकल्प और अन्तर्भाव का उत्सव है। खिलाड़ियों ने यह सिद्ध किया है कि संकल्प, परिश्रम और आत्मविश्वास से कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। उन्होंने न केवल अपने प्रदर्शन से सबको गर्वित किया है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक और प्रेरणादायक संदेश भी दिया है। राज्यपाल ने विशेष रूप से उनके प्रशिक्षकों को बधाई दी जिन्होंने धैर्य, समर्पण और विश्वास के साथ उन्हें तैयार किया। इसके लिए उन्होंने सभी खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, परिवारजनों और स्पेशल ओलंपिक्स भारत की टीम को उनकी इस अद्भुत उपलब्धि के लिए बधाई दी। राज्यपाल ने कहा कि भारत ने इन खेलों में कुल 33 पदक जीते जो इस बात का प्रमाण है कि जब प्रतिभा को अवसर मिलता है, तो असंभव भी संभव बन जाता है। इन सभी ने तिरंगे के सम्मान को ऊंचा रखा। उन्होंने स्पेशल ओलिंपिक्स भारत और एशिया पेसिफिक सलाहकार परिषद् की अध्यक्षा डॉ मल्लिका नड्डा की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्पेशल ओलिंपिक्स की शुरूआत उन्होंने वर्ष 2002 में बिलासपुर से की थी। आज स्पेशल ओलंपिक्स हिमाचल प्रदेश के 23 वर्ष पूर्ण हो गये है। उनके प्रयासों से स्पेशल ओलिंपिक्स हिमाचल प्रदेश द्वारा वर्ष 2008 मे शिमला और नारकंडा मे पहली बार शीतकालीन राष्ट्रीय प्रतियोगिताओ का आयोजन किया गया था। हिमाचल प्रदेश के लिए यह गर्व की बात है कि एन.एच.पी.सी. स्पोर्ट्स सेंटर से 15 खिलाड़ी और 8 कोच भारत की राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बने। उन्होंने कहा कि यह सफलता हमारी खेल संरचना की मजबूती और एन.एच.पी.सी. तथा स्पेशल ओलंपिक्स भारत जैसे संस्थानों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। श्री शुक्ल ने कहा, ‘‘इन स्पेशल खिलाड़ियों को भी वही सम्मान और पहचान मिलनी चाहिए, जो किसी भी अन्य खिलाड़ी को मिलती है और आज का यह समारोह उसी दिशा में एक मजबूत कदम है। यहां मौजूद हर खिलाड़ी अपने संघर्ष की, अपने विश्वास की और परिवार के समर्थन की कहानी कहता है।’’ उन्होंने कहा कि स्पेशल ओलिंपिक्स हिमाचल प्रदेश के लगभग 77 विशेष खिलाड़ी विश्व शीतकालीन एवं ग्रीष्मकालीन खेलों मे भाग ले चुके है। उन्होंने कहा कि हमें इस कार्य को आगे बढ़ाना है और इन खिलाड़ियों को लगातार समर्थन देना है। उन्होंने लोगों युवाओं में बढ़ते सिंथेटिक नशे से बचाने में सहयोग करने की अपील की। इससे पूर्व, राज्यपाल ने स्पेशल ओलंपिक्स के विजेता खिलाड़ियों और उनके प्रशिक्षकों को सम्मानित किया।स्पेशल ओलिंपिक्स भारत और एशिया पेसिफिक सलाहकार परिषद् की अध्यक्षा डॉ मल्लिका नड्डा ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि विशेष ओलंपिक में विजेता खिलाड़ियों ने देश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि यह एक आंदोलन है। उन्होंने कहा कि देश की 5 प्रतिशत जनसंख्या दिव्यांकता से ग्रसित है और एक प्रतिशत मानसिक दिव्यंका वाले हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि स्पेशल ओलंपिक्स में भाग लेने वाले देश के 30 खिलाड़ियों में से 15 हिमाचल से हैं। उन्होंने कहा कि एन.एच.पी.सी. के सहयोग से राज्य में 9 खेल केंद्र विकसित किए गए हैं जहां विशेष बच्चों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देशभर में ऐसे 72 केंद्र हैं। उन्होंने विजेता खिलाड़ियों की सम्मान राशि को 5 लाख से बढ़कर 20 लाख करने के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने लोगों से विशेष बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करने की अपील की। स्पेशल ओलिंपिक्स, भारत हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रीय निदेशक परीक्षत मेहदुदीया ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा तथा विशेष ओलंपिक में खिलाड़ियों की उपलब्धियां की विस्तृत जानकारी थी उन्होंने विशेष ओलंपिक के सफल यात्रा और उसकी इतिहास पर भी प्रकाश डाला उन्होंने विशेष ओलंपिक हिमाचल प्रदेश की उपलब्धियां की भी जानकारी दी। स्पेशल ओलिंपिक्स भारत, हिमाचल प्रदेश के उपाध्यक्ष कश्मीर सिंह ठाकुर ने राज्यपाल का स्वागत किया।इससे पूर्व, स्पेशल ओलयम्पिक्स भारत हिमाचल प्रदेश की मंडी इकाई के जगदीश राणा ने राज्यपाल का स्वागत किया। स्पेशल ओलयम्पिक्स भारत के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्री मुकेश शुक्ला, हरयाणा की अध्यक्ष श्रीमती लतिका शर्मा, डॉ साधना ठाकुर, स्पेशल एथलीट भारती तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
शिमला, 4 जून [ विशाल सूद ] !राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि स्पेशल ओलंपिक के खिलाड़ियों को पहचान दिलाने और उनकी विकास में सहयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि समाज और सरकार दोनों ही स्तर पर उन्हें मदद दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन्हें अपना संरक्षण देकर आगे बढ़ने का प्रयास करें।राज्यपाल आज यहां शिमला में स्पेशल ओलंपिक्स भारत, हिमाचल प्रदेश द्वारा वर्ल्ड समर गेम्स बर्लिन, जर्मनी 2023 और वर्ल्ड विंटर गेम्स ट्यूरिन, इटली 2025 में भाग लेने वाले खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के लिये आयोजित ष्सम्मान समारोहष् के अवसर पर बोल रहे थे। इटली के ट्यूरिन शहर में आयोजित वर्ल्ड विंटर गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व 30 खिलाड़ियों और 19 सहयोगी स्टॉफ, यानी कुल 49 सदस्यों ने किया। इन में से 15 खिलाड़ी हिमाचल प्रदेश से थे।
उन्होंने कहा कि यह सम्मान समारोह सिर्फ मेडल्स जीतने की खुशी के लिए नहीं है। यह साहस, संकल्प और अन्तर्भाव का उत्सव है। खिलाड़ियों ने यह सिद्ध किया है कि संकल्प, परिश्रम और आत्मविश्वास से कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। उन्होंने न केवल अपने प्रदर्शन से सबको गर्वित किया है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक और प्रेरणादायक संदेश भी दिया है। राज्यपाल ने विशेष रूप से उनके प्रशिक्षकों को बधाई दी जिन्होंने धैर्य, समर्पण और विश्वास के साथ उन्हें तैयार किया। इसके लिए उन्होंने सभी खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, परिवारजनों और स्पेशल ओलंपिक्स भारत की टीम को उनकी इस अद्भुत उपलब्धि के लिए बधाई दी।
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राज्यपाल ने कहा कि भारत ने इन खेलों में कुल 33 पदक जीते जो इस बात का प्रमाण है कि जब प्रतिभा को अवसर मिलता है, तो असंभव भी संभव बन जाता है। इन सभी ने तिरंगे के सम्मान को ऊंचा रखा। उन्होंने स्पेशल ओलिंपिक्स भारत और एशिया पेसिफिक सलाहकार परिषद् की अध्यक्षा डॉ मल्लिका नड्डा की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्पेशल ओलिंपिक्स की शुरूआत उन्होंने वर्ष 2002 में बिलासपुर से की थी। आज स्पेशल ओलंपिक्स हिमाचल प्रदेश के 23 वर्ष पूर्ण हो गये है। उनके प्रयासों से स्पेशल ओलिंपिक्स हिमाचल प्रदेश द्वारा वर्ष 2008 मे शिमला और नारकंडा मे पहली बार शीतकालीन राष्ट्रीय प्रतियोगिताओ का आयोजन किया गया था। हिमाचल प्रदेश के लिए यह गर्व की बात है कि एन.एच.पी.सी. स्पोर्ट्स सेंटर से 15 खिलाड़ी और 8 कोच भारत की राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बने। उन्होंने कहा कि यह सफलता हमारी खेल संरचना की मजबूती और एन.एच.पी.सी. तथा स्पेशल ओलंपिक्स भारत जैसे संस्थानों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
श्री शुक्ल ने कहा, ‘‘इन स्पेशल खिलाड़ियों को भी वही सम्मान और पहचान मिलनी चाहिए, जो किसी भी अन्य खिलाड़ी को मिलती है और आज का यह समारोह उसी दिशा में एक मजबूत कदम है। यहां मौजूद हर खिलाड़ी अपने संघर्ष की, अपने विश्वास की और परिवार के समर्थन की कहानी कहता है।’’
उन्होंने कहा कि स्पेशल ओलिंपिक्स हिमाचल प्रदेश के लगभग 77 विशेष खिलाड़ी विश्व शीतकालीन एवं ग्रीष्मकालीन खेलों मे भाग ले चुके है। उन्होंने कहा कि हमें इस कार्य को आगे बढ़ाना है और इन खिलाड़ियों को लगातार समर्थन देना है। उन्होंने लोगों युवाओं में बढ़ते सिंथेटिक नशे से बचाने में सहयोग करने की अपील की।
इससे पूर्व, राज्यपाल ने स्पेशल ओलंपिक्स के विजेता खिलाड़ियों और उनके प्रशिक्षकों को सम्मानित किया।स्पेशल ओलिंपिक्स भारत और एशिया पेसिफिक सलाहकार परिषद् की अध्यक्षा डॉ मल्लिका नड्डा ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि विशेष ओलंपिक में विजेता खिलाड़ियों ने देश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि यह एक आंदोलन है। उन्होंने कहा कि देश की 5 प्रतिशत जनसंख्या दिव्यांकता से ग्रसित है और एक प्रतिशत मानसिक दिव्यंका वाले हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि स्पेशल ओलंपिक्स में भाग लेने वाले देश के 30 खिलाड़ियों में से 15 हिमाचल से हैं। उन्होंने कहा कि एन.एच.पी.सी. के सहयोग से राज्य में 9 खेल केंद्र विकसित किए गए हैं जहां विशेष बच्चों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देशभर में ऐसे 72 केंद्र हैं। उन्होंने विजेता खिलाड़ियों की सम्मान राशि को 5 लाख से बढ़कर 20 लाख करने के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने लोगों से विशेष बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करने की अपील की।
स्पेशल ओलिंपिक्स, भारत हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रीय निदेशक परीक्षत मेहदुदीया ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा तथा विशेष ओलंपिक में खिलाड़ियों की उपलब्धियां की विस्तृत जानकारी थी उन्होंने विशेष ओलंपिक के सफल यात्रा और उसकी इतिहास पर भी प्रकाश डाला उन्होंने विशेष ओलंपिक हिमाचल प्रदेश की उपलब्धियां की भी जानकारी दी।
स्पेशल ओलिंपिक्स भारत, हिमाचल प्रदेश के उपाध्यक्ष कश्मीर सिंह ठाकुर ने राज्यपाल का स्वागत किया।इससे पूर्व, स्पेशल ओलयम्पिक्स भारत हिमाचल प्रदेश की मंडी इकाई के जगदीश राणा ने राज्यपाल का स्वागत किया। स्पेशल ओलयम्पिक्स भारत के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्री मुकेश शुक्ला, हरयाणा की अध्यक्ष श्रीमती लतिका शर्मा, डॉ साधना ठाकुर, स्पेशल एथलीट भारती तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
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