



- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 26 जून [ विशाल सूद ] ! राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि शिक्षा केवल परीक्षा में अच्छे अंक लाने तक सीमित नहीं है। यह जीवन को दिशा देने, समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनने की प्रेरणा देती है। राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल आज यहां हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में एक हिन्दी दैनिक समाचारपत्र समूह द्वारा आयोजित ‘शिमला के मेधावी’ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में शिमला के 40 से अधिक स्कूलों के 450 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि यह कृत्रिम बुद्धिमता का समय है लेकिन जो डॉटा आप उपलब्ध करवाओगे वैसे ही परिणाम ए.आई. देगा। इसलिए उसका उपयोग सोच-समझकर किया जाना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को यू-ट्यूब से बचने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि भारत ए.आई. के क्षेत्र में सबसे आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि टैक्नोलोजी के क्षेत्र में नौकरियों की कोई कमी नहीं है और आज सरकारी क्षेत्र में उच्च पदों पर कार्य करने वाले व्यक्ति भी नौकरियों छोड़कर टैक्नोलोजी के विभिनन क्षेत्र में काम करने के इच्छुक हैं। श्री शुक्ल ने कहा, ‘‘विद्यार्थी आज का नागरिक है। आज का विद्यार्थी भविष्य को बनाने वाला है। आज का विद्यार्थी देश को आगे ले जाने वाला है। इसलिए, जब वह अपने वर्तमान को लेकर चलेगा तभी भविष्य का निर्माण कर पाएगा।’’ राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा जहां हमें रोजगार देती है वहीं यह शिक्षा हमें शक्तिशाली और सशक्त भी बनना है और इसी शिक्षा से हमें संस्कारित भारत की संरचना भी करनी है। इसी को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। नई शिक्षा नीति में युवाओं के लिए अनेक संभावनाएं है, जिसका स्वागत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत का विज्ञान हमेशा से समृद्ध रहा है और हमें दुनिया को दशमलव देने का गौरव भी प्राप्त है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का उद्हारण देते हुए राज्यपाल ने कहा कि नौकरी कोई भी करो लेकिन शिक्षा का भाव हमेशा रहना चाहिए। अध्यापक का अर्थ है, जो सीखता है और लोगों को सीखाता है। सीखने और सीखाने में ही नव विद्यार्थी अंकुरित होता है जो देश को बनाता है। राज्यपाल ने विद्यार्थियों को समय की उपयोगिता को समझने की सीख भी दी। उन्होंने कहा कि संस्कारित होकर मेहनत करें और हिमाचल को बनाने में अपना योगदान दें। नशे के खिलाफ उनके अभियान नशामुक्त हिमाचल को आगे बढ़ाने और कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उन्होंने कुलपति का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अब विश्वविद्यालय में आने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश फार्म के साथ यह भी देना होगा कि वे नशा नहीं करेगा और दूसरे को भी नहीं करने देंगे। उन्होंने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि यह न केवल मेधावी छात्रों को सम्मानित करने का प्रयास है, बल्कि युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने की एक प्रेरक परम्परा भी है। इस अवसर पर, राज्यपाल ने विद्यापीठ संस्थान द्वारा शुरू किए गए ‘कलाम ऑफ हिमाचल’ का शुभारम्भ भी किया। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. महावीर सिंह ने इस अवसर पर राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि ऊर्जा, साईबल सुरक्षा और डॉटा साईंस मौजूदा परिप्रेक्ष्य में सबसे महत्व क्षेत्र हैं जिन पर विश्वविद्यालय कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि आर्टिफिश्यल इंटेलिजेंस के आने से शिक्षा में क्षेत्र में भी अनेक चुनौतियां आई हैं, जिनपर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त विषयों को लेकर विश्वविद्यालय में तीन नए केंद्र विकसित किए जाएंगे। उन्होंने गणित के साथ-साथ विज्ञान के अन्य विषयों के महत्व पर प्रकाश डाला तथा कहा कि विद्यार्थी दबाव में नहीं बल्कि चुनौतियों का सामना करते हुए भविष्य की ओर बढ़ें। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्यपाल द्वारा शुरू किए गए नशे के खिलाफ अभियान को विश्वविद्यालय में और प्रभावी तरीके से कार्यान्वित किया जाएगा। इससे पूर्व, दिव्य हिमाचल समाचार पत्र के ब्यूरो प्रमुख श्री राजेश मंढोत्रा ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा ‘शिमला के मेधावी’ कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने समाचार पत्र समूह द्वारा समय-समय पर आयोजित किए जाने वाले सामाजिक सरोकार के विषयों पर भी प्रकाश डाला। विद्यापीठ संस्थान के निदेशक श्री रविन्दर अवस्थी ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा संस्थान के निदेशक श्री रमेश शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। राज्यपाल के सचिव श्री सी.पी. वर्मा, विद्यार्थियों के अभिभावक, शिक्षक और विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारीगण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
शिमला , 26 जून [ विशाल सूद ] ! राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि शिक्षा केवल परीक्षा में अच्छे अंक लाने तक सीमित नहीं है। यह जीवन को दिशा देने, समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनने की प्रेरणा देती है।
राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल आज यहां हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में एक हिन्दी दैनिक समाचारपत्र समूह द्वारा आयोजित ‘शिमला के मेधावी’ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में शिमला के 40 से अधिक स्कूलों के 450 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने कहा कि यह कृत्रिम बुद्धिमता का समय है लेकिन जो डॉटा आप उपलब्ध करवाओगे वैसे ही परिणाम ए.आई. देगा। इसलिए उसका उपयोग सोच-समझकर किया जाना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को यू-ट्यूब से बचने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि भारत ए.आई. के क्षेत्र में सबसे आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि टैक्नोलोजी के क्षेत्र में नौकरियों की कोई कमी नहीं है और आज सरकारी क्षेत्र में उच्च पदों पर कार्य करने वाले व्यक्ति भी नौकरियों छोड़कर टैक्नोलोजी के विभिनन क्षेत्र में काम करने के इच्छुक हैं।
श्री शुक्ल ने कहा, ‘‘विद्यार्थी आज का नागरिक है। आज का विद्यार्थी भविष्य को बनाने वाला है। आज का विद्यार्थी देश को आगे ले जाने वाला है। इसलिए, जब वह अपने वर्तमान को लेकर चलेगा तभी भविष्य का निर्माण कर पाएगा।’’
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा जहां हमें रोजगार देती है वहीं यह शिक्षा हमें शक्तिशाली और सशक्त भी बनना है और इसी शिक्षा से हमें संस्कारित भारत की संरचना भी करनी है। इसी को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। नई शिक्षा नीति में युवाओं के लिए अनेक संभावनाएं है, जिसका स्वागत होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत का विज्ञान हमेशा से समृद्ध रहा है और हमें दुनिया को दशमलव देने का गौरव भी प्राप्त है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का उद्हारण देते हुए राज्यपाल ने कहा कि नौकरी कोई भी करो लेकिन शिक्षा का भाव हमेशा रहना चाहिए। अध्यापक का अर्थ है, जो सीखता है और लोगों को सीखाता है।
सीखने और सीखाने में ही नव विद्यार्थी अंकुरित होता है जो देश को बनाता है। राज्यपाल ने विद्यार्थियों को समय की उपयोगिता को समझने की सीख भी दी। उन्होंने कहा कि संस्कारित होकर मेहनत करें और हिमाचल को बनाने में अपना योगदान दें।
नशे के खिलाफ उनके अभियान नशामुक्त हिमाचल को आगे बढ़ाने और कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उन्होंने कुलपति का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अब विश्वविद्यालय में आने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश फार्म के साथ यह भी देना होगा कि वे नशा नहीं करेगा और दूसरे को भी नहीं करने देंगे। उन्होंने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि यह न केवल मेधावी छात्रों को सम्मानित करने का प्रयास है, बल्कि युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने की एक प्रेरक परम्परा भी है।
इस अवसर पर, राज्यपाल ने विद्यापीठ संस्थान द्वारा शुरू किए गए ‘कलाम ऑफ हिमाचल’ का शुभारम्भ भी किया। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. महावीर सिंह ने इस अवसर पर राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि ऊर्जा, साईबल सुरक्षा और डॉटा साईंस मौजूदा परिप्रेक्ष्य में सबसे महत्व क्षेत्र हैं जिन पर विश्वविद्यालय कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि आर्टिफिश्यल इंटेलिजेंस के आने से शिक्षा में क्षेत्र में भी अनेक चुनौतियां आई हैं, जिनपर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त विषयों को लेकर विश्वविद्यालय में तीन नए केंद्र विकसित किए जाएंगे। उन्होंने गणित के साथ-साथ विज्ञान के अन्य विषयों के महत्व पर प्रकाश डाला तथा कहा कि विद्यार्थी दबाव में नहीं बल्कि चुनौतियों का सामना करते हुए भविष्य की ओर बढ़ें। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्यपाल द्वारा शुरू किए गए नशे के खिलाफ अभियान को विश्वविद्यालय में और प्रभावी तरीके से कार्यान्वित किया जाएगा।
इससे पूर्व, दिव्य हिमाचल समाचार पत्र के ब्यूरो प्रमुख श्री राजेश मंढोत्रा ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा ‘शिमला के मेधावी’ कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने समाचार पत्र समूह द्वारा समय-समय पर आयोजित किए जाने वाले सामाजिक सरोकार के विषयों पर भी प्रकाश डाला।
विद्यापीठ संस्थान के निदेशक श्री रविन्दर अवस्थी ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा संस्थान के निदेशक श्री रमेश शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। राज्यपाल के सचिव श्री सी.पी. वर्मा, विद्यार्थियों के अभिभावक, शिक्षक और विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारीगण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -