- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला, 01 नवंबर [ विशाल सूद ] !शिमला में‘‘हिंद की चादर’’ कहलाने वाले गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व के में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। दो दिन तक चलने वाले इस शहीदी दिवस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर पहुंचे और गुरु ग्रन्थ साहेब को सिर पर उठाया। जिसमें प्रदेशभर से हजारों की संख्या में संगत शामिल हुई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म, मातृभूमि और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। आज की युवा पीढ़ी को गुरु जी की शिक्षाओं और बलिदान से प्रेरणा लेने की जरूरत है। उनके जियो और जीने दो के सिद्धांत पर चलकर आगे बढ़ना चाहिए। गुरु जी के 350 वें शहीदी दिवस पर रिज मैदान पर आई संगत का स्वागत है। इस मौके पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल भी मौजूद रहे उन्होंने भी नगर कीर्तन में भाग लिया। उन्होंने कहा कि हिंद की चादर गुरु तेग बहादुर जी को धार्मिक स्वतंत्रता और मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए उनके अद्वितीय और सर्वोच्च बलिदान के लिए याद किया जाता है। इस अवसर पर विशाल नगर कीर्तन निकाला गया और जगह जगह लंगर का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम के दूसरे दिन यानी दो नवंबर को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल शामिल हुए। इस आयोजन में सूद सभा और सनातन धर्म सभा शिमला ने भी गुरु सिंह सभा का सहयोग किया।
शिमला, 01 नवंबर [ विशाल सूद ] !शिमला में‘‘हिंद की चादर’’ कहलाने वाले गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व के में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। दो दिन तक चलने वाले इस शहीदी दिवस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर पहुंचे और गुरु ग्रन्थ साहेब को सिर पर उठाया। जिसमें प्रदेशभर से हजारों की संख्या में संगत शामिल हुई।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म, मातृभूमि और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। आज की युवा पीढ़ी को गुरु जी की शिक्षाओं और बलिदान से प्रेरणा लेने की जरूरत है। उनके जियो और जीने दो के सिद्धांत पर चलकर आगे बढ़ना चाहिए। गुरु जी के 350 वें शहीदी दिवस पर रिज मैदान पर आई संगत का स्वागत है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
इस मौके पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल भी मौजूद रहे उन्होंने भी नगर कीर्तन में भाग लिया। उन्होंने कहा कि हिंद की चादर गुरु तेग बहादुर जी को धार्मिक स्वतंत्रता और मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए उनके अद्वितीय और सर्वोच्च बलिदान के लिए याद किया जाता है।
इस अवसर पर विशाल नगर कीर्तन निकाला गया और जगह जगह लंगर का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम के दूसरे दिन यानी दो नवंबर को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल शामिल हुए। इस आयोजन में सूद सभा और सनातन धर्म सभा शिमला ने भी गुरु सिंह सभा का सहयोग किया।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -