*मुख्यमंत्री ने झूठ बोलकर निकाला सुख की सरकार का गोल्डन पीरियड* *सेंट्रल यूनिवर्सिटी के 30 करोड़ नहीं जमा करवा पाई लेकिन पालमपुर यूनिवर्सिटी के 40 हेक्टेयर जमीन बेच दी* *मित्रों का भला, सत्ता समर्थित भ्रष्टाचार, विकास परियोजनाओं में अड़ंगा और तालाबाजी सरकार की उपलब्धि* देश और हिमाचल सरदार पटेल का कृतज्ञ, एक भारत श्रेष्ठ भारत उनका सपना
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धर्मशाला , 31 ऑक्टूबर [ विशाल सूद] : धर्मशाला में आयोजित पत्रकार वार्ता में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुख की सरकार के नाम से व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार चलाने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को 3 साल के कार्यकाल में सिर्फ दुख ही दुख दिए हैं। सरकार का 3 साल का कार्यकाल परिवार और मित्रों के भले के लिए ही समर्पित रहा है। इस कार्यकाल में सरकार द्वारा सत्ता समर्थित भ्रष्टाचार, अराजकता, माफियाराज को संरक्षण मिला जिसकी कीमत पूरे प्रदेश के लोग चुका रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के लोग आपदा से जूझ रहे हैं, बेघर है, अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ली है। उनका भला करने की बजाय मुख्यमंत्री बिहार के चुनाव में प्रचार करने में जुटे हैं। जब मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में विपक्ष के दबाव में आपदा पर चर्चा हो रही थी तो भी मुख्यमंत्री बिहार में ही थे और वोट चोरी का अभियान चला रहे थे। जबकि हकीकत यह है कि देहरा के उपचुनाव में अपनी पत्नी को जिताने के लिए उन्होंने वोटो की डकैती के लिए जो कुछ कर सकते थे, वह किया। देहरा समेत अन्य उपचुनाव में मुख्यमंत्री ने सरकार के दुरुपयोग की सारी सीमाएं लांघ दी और संविधान की जमकर धज्जियां उड़ाई। विधानसभा के नियमों का भी अपमान किया। विधानसभा में जब देहरा में महिला मंडलों को कांगड़ा कोऑपरेटिव बैंक द्वारा दिए गए आर्थिक सहयोग का विवरण और कारण पूछा गया तो सरकार ने जानकारी जुटाने का हवाला दिया। जबकि आर लटीआई के माध्यम से वही सूचना अन्य लोगों द्वारा प्राप्त की जा चुकी थी। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने 3 साल का कार्यकाल जिसे सरकार का गोल्डन पीरियड कहा जाता है उसे हवा में निकाल दिया। 3 साल के कार्यकाल में देश से लेकर विदेश तक, सदन से लेकर सड़क तक मुख्यमंत्री ने सिर्फ और सिर्फ झूठ बोला। विधानसभा में झूठ बोला तो हमने उसके कागजात सभा पटेल पर रखे और अध्यक्ष महोदय को कहना पड़ा कि मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं। हाउस ऑफ़ लॉर्ड में संबोधन के नाम पर मुख्यमंत्री और उनकी पूरी मित्र मंडली ने झूठ बोला और उन्हें हाउस आफ लॉर्ड को संबोधित करने वाला देश का पहला मुख्यमंत्री बता दिया। जबकि उस समय वहां पर हाउस आफ लॉर्ड की प्रोसिडिंग्स ही नहीं चल रही थी। हाउस ऑफ़ लॉर्ड ने भी उसे झूठा बताया। इसी तरीके से पूरे 3 साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री के झूठों की एक लंबी फेहरिस्त है। जिससे यह साफ होता है कि यह सरकार प्रदेश का भला करने की बजाय मित्रों और परिवार का भला करने में ही मशगूल है। प्रदेश का विकास करने की इसकी कोई नीयत नहीं है। पूरे प्रदेश में विकास के काम ठप हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के कर्ज और मुख्यमंत्री के झूठ का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री अपने पद की गरिमा हर दिन गिराते जा रहे हैं। बिहार में जाकर उन्होंने जो भी झूठ बोला प्रदेश के लोगों ने उसका तुरंत फैक्ट चेक कर दिया। पूरा सोशल उनके झूठों के फैक्ट चेक से भरा पड़ा है। हमारी सरकार के दौरान वृद्धा पेंशनर्स की आयुसीमा को 80 से घटकर 60 वर्ष करने के कारण जो पेंशनर्स जुड़े थे उन्हें ही अपनी उपलब्धि बता दी। बुजुर्गों की पेंशन किया फैसला हमने अपने पहले कैबिनेट में किया था क्योंकि हम यह मानते हैं कि जिन बुजुर्गों के दम पर हमने दुनिया देखी उनका ध्यान रखना हमारी जिम्मेदारी है। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जयराम ठाकुर में सुख की सरकार द्वारा कांगड़ा के साथ किए गए भेदभाव के मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि धर्मशाला सेंट्रल यूनिवर्सिटी कैंपस के लिए हमारी सरकार द्वारा सारी कार्रवाई पूरी कर दी गई थी। अभी सरकार को मात्र 30 करोड रुपए जमा करने हैं। जिसे विश्वविद्यालय परिसर का निर्माण शुरू हो सके। लेकिन यह सरकार 30 करोड रुपए 3 साल बीतने के बाद भी जमा नहीं कर पाई जबकि पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय की जमीन का 40 हेक्टेयर हिस्सा बेच दिया। इसके खिलाफ पालमपुर विश्वविद्यालय से जुड़े पूर्व छात्र वह ने लोगों ने न्यायालय में अपील की और उस फैसले पर रोक लगी, लेकिन वर्तमान सरकार अभी भी उसे फैसले के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रही है जिससे विश्वविद्यालय की जमीन अपने करीबियों को बेची जा सके। विश्वविद्यालय की जमीन पर रिसर्च और अध्ययन से जुड़े काम करवाने की बजाय उस पर व्यवसाय करने वाले मुख्यमंत्री कितने विजनरी हो सकते हैं इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने 3 साल का कार्यकाल अड़ंगेबाजी, जिद और ताले बाजी में निकाल दिया है। इस सरकार को कम शब्दों में कहा जाए तो कर और कर्ज की सरकार है। अपनी जनता पर टॉयलेट टैक्स से लेकर बिजली तक के टैक्स लादे और हर दिन 33 करोड रुपए से ज्यादा का कर्ज लिया। हर दिन एक से ज्यादा स्कूल, हर हफ्ते दो अस्पताल, हर दिन दो से ज्यादा संस्थान बंद करने का रिकॉर्ड ही सरकार की कुल जमा उपलब्धि है। जिसका प्रचार मुख्यमंत्री को देश विदेश में घूम कर करना चाहिए। राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में आज धर्मशाला में “रन फॉर यूनिटी” मैराथन का भव्य आयोजन किया गया। यह दौड़ शहर के शिल्ला चौक से आरंभ होकर दाड़ी मेला ग्राउंड तक संपन्न हुई। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि देश और हिमाचल प्रदेश सरदार पटेल का कृतज्ञ है। हिमाचल की 30 से ज्यादा रियासतों के विलय को जिस सम्मान और समन्वय के साथ उन्होंने अंजाम दिया वह उनके हिमाचल के प्रति भावनात्मक लगाव को प्रदर्शित करता है। सरदार हमेशा हिमाचल प्रदेश का मस्तक कहते थे। एक भारत श्रेष्ठ भारत उनका ही सपना था जिसे आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साकार कर रहे हैं। राष्ट्रीय एकता दिवस देश की एकता, अखंडता और समरसता के प्रति समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को नमन करते हुए युवाओं से राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा, विद्यार्थी, सामाजिक संगठन, एवं स्थानीय नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के विधायक डॉ राजीव भारद्वाज, पूर्व मंत्री एवं विधायक सुधीर शर्मा, हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधायक पवन काजल, पूर्व मंत्री सर्वीण चौधरी, पूर्व विधायक अरुण कुमार "कूका", पूर्व विधायक विशाल नेहरिया, ज़िला कांगड़ा भाजपा अध्यक्ष सचिन शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता राकेश शर्मा, संजय शर्मा, प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी एडवोकेट विश्व चक्षु, तपन मिन्हास, रवि दत्त शर्मा, देवेन्द्र कोहली, रंजू रस्तोगी, मोनी धीमान और डॉ. विशाल नेहरिया समेत भाजपा के अनेक नेता एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
धर्मशाला , 31 ऑक्टूबर [ विशाल सूद] : धर्मशाला में आयोजित पत्रकार वार्ता में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुख की सरकार के नाम से व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार चलाने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को 3 साल के कार्यकाल में सिर्फ दुख ही दुख दिए हैं। सरकार का 3 साल का कार्यकाल परिवार और मित्रों के भले के लिए ही समर्पित रहा है।
इस कार्यकाल में सरकार द्वारा सत्ता समर्थित भ्रष्टाचार, अराजकता, माफियाराज को संरक्षण मिला जिसकी कीमत पूरे प्रदेश के लोग चुका रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के लोग आपदा से जूझ रहे हैं, बेघर है, अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ली है। उनका भला करने की बजाय मुख्यमंत्री बिहार के चुनाव में प्रचार करने में जुटे हैं। जब मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में विपक्ष के दबाव में आपदा पर चर्चा हो रही थी तो भी मुख्यमंत्री बिहार में ही थे और वोट चोरी का अभियान चला रहे थे।
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जबकि हकीकत यह है कि देहरा के उपचुनाव में अपनी पत्नी को जिताने के लिए उन्होंने वोटो की डकैती के लिए जो कुछ कर सकते थे, वह किया। देहरा समेत अन्य उपचुनाव में मुख्यमंत्री ने सरकार के दुरुपयोग की सारी सीमाएं लांघ दी और संविधान की जमकर धज्जियां उड़ाई। विधानसभा के नियमों का भी अपमान किया।
विधानसभा में जब देहरा में महिला मंडलों को कांगड़ा कोऑपरेटिव बैंक द्वारा दिए गए आर्थिक सहयोग का विवरण और कारण पूछा गया तो सरकार ने जानकारी जुटाने का हवाला दिया। जबकि आर लटीआई के माध्यम से वही सूचना अन्य लोगों द्वारा प्राप्त की जा चुकी थी।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने 3 साल का कार्यकाल जिसे सरकार का गोल्डन पीरियड कहा जाता है उसे हवा में निकाल दिया। 3 साल के कार्यकाल में देश से लेकर विदेश तक, सदन से लेकर सड़क तक मुख्यमंत्री ने सिर्फ और सिर्फ झूठ बोला। विधानसभा में झूठ बोला तो हमने उसके कागजात सभा पटेल पर रखे और अध्यक्ष महोदय को कहना पड़ा कि मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं। हाउस ऑफ़ लॉर्ड में संबोधन के नाम
पर मुख्यमंत्री और उनकी पूरी मित्र मंडली ने झूठ बोला और उन्हें हाउस आफ लॉर्ड को संबोधित करने वाला देश का पहला मुख्यमंत्री बता दिया। जबकि उस समय वहां पर हाउस आफ लॉर्ड की प्रोसिडिंग्स ही नहीं चल रही थी। हाउस ऑफ़ लॉर्ड ने भी उसे झूठा बताया। इसी तरीके से पूरे 3 साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री के झूठों की एक लंबी फेहरिस्त है। जिससे यह साफ होता है कि यह सरकार प्रदेश का भला करने की बजाय मित्रों और परिवार का भला करने में ही मशगूल है। प्रदेश का विकास करने की इसकी कोई नीयत नहीं है। पूरे प्रदेश में विकास के काम ठप हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के कर्ज और मुख्यमंत्री के झूठ का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री अपने पद की गरिमा हर दिन गिराते जा रहे हैं। बिहार में जाकर उन्होंने जो भी झूठ बोला प्रदेश के लोगों ने उसका तुरंत फैक्ट चेक कर दिया। पूरा सोशल उनके झूठों के फैक्ट चेक से भरा पड़ा है। हमारी सरकार के दौरान वृद्धा पेंशनर्स की आयुसीमा को 80 से घटकर 60 वर्ष करने के कारण जो पेंशनर्स जुड़े थे उन्हें ही अपनी उपलब्धि बता दी। बुजुर्गों की पेंशन किया फैसला हमने अपने पहले कैबिनेट में किया था क्योंकि हम यह मानते हैं कि जिन बुजुर्गों के दम पर हमने दुनिया देखी उनका ध्यान रखना हमारी जिम्मेदारी है।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जयराम ठाकुर में सुख की सरकार द्वारा कांगड़ा के साथ किए गए भेदभाव के मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि धर्मशाला सेंट्रल यूनिवर्सिटी कैंपस के लिए हमारी सरकार द्वारा सारी कार्रवाई पूरी कर दी गई थी। अभी सरकार को मात्र 30 करोड रुपए जमा करने हैं। जिसे विश्वविद्यालय परिसर का निर्माण शुरू हो सके। लेकिन यह सरकार 30 करोड रुपए 3 साल बीतने के बाद भी जमा नहीं कर पाई जबकि पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय की जमीन का 40 हेक्टेयर हिस्सा बेच दिया।
इसके खिलाफ पालमपुर विश्वविद्यालय से जुड़े पूर्व छात्र वह ने लोगों ने न्यायालय में अपील की और उस फैसले पर रोक लगी, लेकिन वर्तमान सरकार अभी भी उसे फैसले के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रही है जिससे विश्वविद्यालय की जमीन अपने करीबियों को बेची जा सके। विश्वविद्यालय की जमीन पर रिसर्च और अध्ययन से जुड़े काम करवाने की बजाय उस पर व्यवसाय करने वाले मुख्यमंत्री कितने विजनरी हो सकते हैं इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने 3 साल का कार्यकाल अड़ंगेबाजी, जिद और ताले बाजी में निकाल दिया है। इस सरकार को कम शब्दों में कहा जाए तो कर और कर्ज की सरकार है। अपनी जनता पर टॉयलेट टैक्स से लेकर बिजली तक के टैक्स लादे और हर दिन 33 करोड रुपए से ज्यादा का कर्ज लिया। हर दिन एक से ज्यादा स्कूल, हर हफ्ते दो अस्पताल, हर दिन दो से ज्यादा संस्थान बंद करने का रिकॉर्ड ही सरकार की कुल जमा उपलब्धि है। जिसका प्रचार मुख्यमंत्री को देश विदेश में घूम कर करना चाहिए।
राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में आज धर्मशाला में “रन फॉर यूनिटी” मैराथन का भव्य आयोजन किया गया। यह दौड़ शहर के शिल्ला चौक से आरंभ होकर दाड़ी मेला ग्राउंड तक संपन्न हुई। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि देश और हिमाचल प्रदेश सरदार पटेल का कृतज्ञ है। हिमाचल की 30 से ज्यादा रियासतों के विलय को जिस सम्मान और समन्वय के साथ उन्होंने अंजाम दिया वह उनके हिमाचल के प्रति भावनात्मक लगाव को प्रदर्शित करता है।
सरदार हमेशा हिमाचल प्रदेश का मस्तक कहते थे। एक भारत श्रेष्ठ भारत उनका ही सपना था जिसे आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साकार कर रहे हैं। राष्ट्रीय एकता दिवस देश की एकता, अखंडता और समरसता के प्रति समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को नमन करते हुए युवाओं से राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा, विद्यार्थी, सामाजिक संगठन, एवं स्थानीय नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के विधायक डॉ राजीव भारद्वाज, पूर्व मंत्री एवं विधायक सुधीर शर्मा, हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधायक पवन काजल, पूर्व मंत्री सर्वीण चौधरी, पूर्व विधायक अरुण कुमार "कूका", पूर्व विधायक विशाल नेहरिया, ज़िला कांगड़ा भाजपा अध्यक्ष सचिन शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता राकेश शर्मा, संजय शर्मा, प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी एडवोकेट विश्व चक्षु, तपन मिन्हास, रवि दत्त शर्मा, देवेन्द्र कोहली, रंजू रस्तोगी, मोनी धीमान और डॉ. विशाल नेहरिया समेत भाजपा के अनेक नेता एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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