संजौली मस्जिद मामले में जिला दाल का फैसला ऐतिहासिक, मस्जिद कमेटी का फैसले के खिलाफ अपील में जाने की बात कहना दोहरा चरित्र - भारत भूषण प्रदेश में अवैध घुसपैठियों को तो नहीं ढूंढ पाया प्रशासन, मगर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ आवाज उठाने वालों को किया जा रहा प्रताड़ित - भरत भूषण
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शिमला , 31 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! संजौली मस्जिद विवाद मामले में शिमला जिला अदालत के फैसले पर हिमाचल प्रदेश देवभूमि संघर्ष समिति ने खुशी जाहिर की है। समिति ने जिला अदालत के फैसले को ऐतिहासिक बताया है। साथ ही समिति ने मस्ज़िद कमेटी के फैसले के खिलाफ अपील में जाने की बात को मुस्लिम पक्ष का दोहरा चरित्र बताया है। समिति के संयोजक भारत भूषण ने कहा कि विवाद के दौरान कमेटी ने खुद अवैध निर्माण तोड़ने की पेशकश की, लेकिन अब फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाने की बात कह रहे हैं। भारत भूषण ने प्रदेश सरकार और शिमला पुलिस प्रशासन पर भी निशाना साधा। भारत भूषण ने कहा कि पुलिस प्रशासन अब तक बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों का पता नहीं लगा पाई है। लेकिन, अवैध अतिक्रमण के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है। भारत भूषण ने कहा कि समिति अवैध निर्माण को गिराने की कार्रवाई तुरंत शुरू करवाने के लिए शिमला नगर निगम कमिश्नर को ज्ञापन सौंपेगी। हिमाचल प्रदेश देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण ने कहा कि 30 अक्टूबर को शिमला जिला अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने नगर निगम आयुक्त की अदालत के 3 मई 2024 के फैसले को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से शिमला और प्रदेशवासियों में खुशी है। भारत भूषण ने कहा कि इस जीत का श्रेय शिमला की जनता को जाता है। भारत भूषण ने इस दौरान प्रदेश सरकार और शिमला पुलिस प्रशासन पर भी हमला बोला। भारत भूषण ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सरकार और शिमला पुलिस प्रशासन मौलवी परस्त सरकार है। देवभूमि संघर्ष समिति ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों का मामला उठाया था लेकिन अब तक उसे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं दूसरी ओर अवैध अतिक्रमण और निर्माण के खिलाफ आवाज उठाने वालों को प्रताड़ित किया जा रहा है। भारत भूषण ने शिमला पुलिस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आदलत मस्जिद को अवैध करार दे चुकी है। इसके बावजूद पुलिस अब तक मस्जिद के खिलाफ आवाज उठाने वालों को परेशान करने में क्यों जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि आंदोलन करने वालों पर पहले लाठियां और वाटर कैनन चलाए गए। सबसे ज्यादा लोगों पर मामले दर्ज किए गए और अब उन्हें थाने बुलाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंदू पक्ष के वकील जगतपाल ने कहा कि संजौली मस्जिद मामले में जिला अदालत ने शिमला नगर निगम आयुक्त की अदालत की फैसले को बरकरार रखा है। नगर निगम आयुक्त की अदालत ने अपने 3 मई 2025 के फैसले में संजौली की पूरी मस्जिद को अवैध कर देते हुए गिरने के आदेश दिए थे। जगतपाल ने कहा कि जिला अदालत से फैसला आने के बाद मस्जिद पर अब कोई स्टे नहीं है ऐसे में नगर निगम को अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई तुरंत करनी चाहिए। जगत पाल ने कहा कि संजौली मस्जिद कमेटी के पास 253(3) में अपील का कोई प्रावधान नहीं है। कमेटी के पास केवल रिट का रास्ता खुला है, जिसके लिए समय की कोई बाध्यता नहीं है। जगतपाल ने कहा कि कमेटी के लोग झूठे हैं, 14 साल तक नगर निगम आयुक्त ने कमेटी को अपना पक्ष साबित करने का मौका दिया। लेकिन, अब कमेटी नगर निगम आयुक्त के फैसले को एक तरफ बता रही है।
शिमला , 31 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! संजौली मस्जिद विवाद मामले में शिमला जिला अदालत के फैसले पर हिमाचल प्रदेश देवभूमि संघर्ष समिति ने खुशी जाहिर की है। समिति ने जिला अदालत के फैसले को ऐतिहासिक बताया है। साथ ही समिति ने मस्ज़िद कमेटी के फैसले के खिलाफ अपील में जाने की बात को मुस्लिम पक्ष का दोहरा चरित्र बताया है। समिति के संयोजक भारत भूषण ने कहा कि विवाद के दौरान कमेटी ने खुद अवैध निर्माण तोड़ने की पेशकश की, लेकिन अब फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाने की बात कह रहे हैं।
भारत भूषण ने प्रदेश सरकार और शिमला पुलिस प्रशासन पर भी निशाना साधा। भारत भूषण ने कहा कि पुलिस प्रशासन अब तक बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों का पता नहीं लगा पाई है। लेकिन, अवैध अतिक्रमण के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है। भारत भूषण ने कहा कि समिति अवैध निर्माण को गिराने की कार्रवाई तुरंत शुरू करवाने के लिए शिमला नगर निगम कमिश्नर को ज्ञापन सौंपेगी।
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हिमाचल प्रदेश देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण ने कहा कि 30 अक्टूबर को शिमला जिला अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने नगर निगम आयुक्त की अदालत के 3 मई 2024 के फैसले को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से शिमला और प्रदेशवासियों में खुशी है। भारत भूषण ने कहा कि इस जीत का श्रेय शिमला की जनता को जाता है।
भारत भूषण ने इस दौरान प्रदेश सरकार और शिमला पुलिस प्रशासन पर भी हमला बोला। भारत भूषण ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सरकार और शिमला पुलिस प्रशासन मौलवी परस्त सरकार है। देवभूमि संघर्ष समिति ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों का मामला उठाया था लेकिन अब तक उसे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं दूसरी ओर अवैध अतिक्रमण और निर्माण के खिलाफ आवाज उठाने वालों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
भारत भूषण ने शिमला पुलिस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आदलत मस्जिद को अवैध करार दे चुकी है। इसके बावजूद पुलिस अब तक मस्जिद के खिलाफ आवाज उठाने वालों को परेशान करने में क्यों जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि आंदोलन करने वालों पर पहले लाठियां और वाटर कैनन चलाए गए। सबसे ज्यादा लोगों पर मामले दर्ज किए गए और अब उन्हें थाने बुलाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
हिंदू पक्ष के वकील जगतपाल ने कहा कि संजौली मस्जिद मामले में जिला अदालत ने शिमला नगर निगम आयुक्त की अदालत की फैसले को बरकरार रखा है। नगर निगम आयुक्त की अदालत ने अपने 3 मई 2025 के फैसले में संजौली की पूरी मस्जिद को अवैध कर देते हुए गिरने के आदेश दिए थे। जगतपाल ने कहा कि जिला अदालत से फैसला आने के बाद मस्जिद पर अब कोई स्टे नहीं है ऐसे में नगर निगम को अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई तुरंत करनी चाहिए।
जगत पाल ने कहा कि संजौली मस्जिद कमेटी के पास 253(3) में अपील का कोई प्रावधान नहीं है। कमेटी के पास केवल रिट का रास्ता खुला है, जिसके लिए समय की कोई बाध्यता नहीं है। जगतपाल ने कहा कि कमेटी के लोग झूठे हैं, 14 साल तक नगर निगम आयुक्त ने कमेटी को अपना पक्ष साबित करने का मौका दिया। लेकिन, अब कमेटी नगर निगम आयुक्त के फैसले को एक तरफ बता रही है।
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