*कहा — केवल भाजपा की केंद्र सरकार ने संकट में हिमाचल को संभाला; कांग्रेस को अब जनता के सामने जवाब देना होगा*
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*मंडी* , 13 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] : हिमाचल प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता राकेश जमवाल ने कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गाँधी के बयान पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता को चुनावी वायदों और झूठी गारंटियों से अब और धोखा बर्दाश्त नहीं होगा। रिज मैदान से केन्द्र सरकार पर हमला करने वाली प्रियंका गाँधी को पहले यह बताना चाहिए कि चुनाव के समय उन्होंने जो वादे और गारंटियाँ कीं — विशेषकर महिलाओं के लिए '1500' के नाम पर जो आश्वासन दिए गए — उनका क्या हुआ? तीन वर्ष पूरे होने को हैं, लेकिन आज तक उन वायदों का कोई ठोस परिणाम जनता के सामने नहीं है। राकेश जमवाल ने आरोप लगाया कि प्रियंका गाँधी ने हिमाचल की महिलाओं को 1500 के नाम पर आश्वस्त कर भारी उम्मीदें जगाईं, पर आज उस वादे का कोई लेखा-जोखा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक दिखावा नहीं बल्कि नैतिक प्रश्न भी है और प्रियंका गाँधी की जिम्मेदारी बनती है कि वह प्रदेश की महिलाओं और कुल जनता को स्पष्ट जवाब दें — तीन साल में वह गारंटी कहाँ गई, किन बजट मदों में क्या एलोकेशन हुआ और किस कारण जनता को लाभ नहीं मिला। मुख्य प्रवक्ता ने बताया कि आपदा के समय हिमाचल को जिन राहतों और परियोजनाओं की जरूरत थी, वे केंद्र सरकार की पहल और केंद्रीय मदों से ही संभव हुईं। 5500 करोड़ से अधिक की आर्थिक सहायता और प्रधानमंत्री द्वारा घोषित अतिरिक्त पैकेजों से प्रभावितों को राहत पहुँचाने का प्रयास केंद्र की ओर से हुआ। इसके विपरीत राज्य सरकार द्वारा प्रभावितों तक संसाधन पहुँचाने में अक्सर देरी और शिथिलता देखी गई। ऐसे में कांग्रेस नेता केंद्र को कोसने से पहले अपनी चुनावी गारंटियों की जवाबदेही निभाएँ — यही प्रदेश की जनता की मांग है। राकेश जमवाल ने कहा कि रिज मैदान पर आयोजित सरकारी कार्यक्रम को राजनीतिक मंच बनाकर कांग्रेस ने केवल भाषण और आरोपनों का तमाशा किया, जबकि वहां वास्तविक राहत कार्यों और योजनाओं की समीक्षा होनी चाहिए थी। उन्होंने पूछा कि तीन साल पहले जो बड़े वादे किए गए थे — क्या वे लागू हुए, कितने लाभार्थियों तक पहुँचे और इनके क्रियान्वयन का स्वतंत्र ऑडिट किसने किया? प्रदेश की महिलाएँ और आमजन यही जानना चाहते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब झूठे वादों और दिखावटी घोषणाओं का समय खत्म हो गया है। कांग्रेस आलाकमान और राज्य सरकार को तुरंत सार्वजनिक रूप से बताना होगा — 1500 के नाम पर किए गए वादों का क्या लेखा-जोखा है, महिलाओं को मिले लाभ का प्रमाण कहाँ है, और अगर कमी है तो उसका कारण क्या है। राकेश जमवाल ने साफ कहा कि जिम्मेदारी से भागने का दौर समाप्त हो; हिमाचल की जनता जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग कर रही है और आगामी जनादेश में इसका फैसला कर देगी।
*मंडी* , 13 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] : हिमाचल प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता राकेश जमवाल ने कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गाँधी के बयान पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता को चुनावी वायदों और झूठी गारंटियों से अब और धोखा बर्दाश्त नहीं होगा। रिज मैदान से केन्द्र सरकार पर हमला करने वाली प्रियंका गाँधी को पहले यह बताना चाहिए कि चुनाव के समय उन्होंने जो वादे और गारंटियाँ कीं — विशेषकर महिलाओं के लिए '1500' के नाम पर जो आश्वासन दिए गए — उनका क्या हुआ? तीन वर्ष पूरे होने को हैं, लेकिन आज तक उन वायदों का कोई ठोस परिणाम जनता के सामने नहीं है।
राकेश जमवाल ने आरोप लगाया कि प्रियंका गाँधी ने हिमाचल की महिलाओं को 1500 के नाम पर आश्वस्त कर भारी उम्मीदें जगाईं, पर आज उस वादे का कोई लेखा-जोखा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक दिखावा नहीं बल्कि नैतिक प्रश्न भी है और प्रियंका गाँधी की जिम्मेदारी बनती है कि वह प्रदेश की महिलाओं और कुल जनता को स्पष्ट जवाब दें — तीन साल में वह गारंटी कहाँ गई, किन बजट मदों में क्या एलोकेशन हुआ और किस कारण जनता को लाभ नहीं मिला।
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मुख्य प्रवक्ता ने बताया कि आपदा के समय हिमाचल को जिन राहतों और परियोजनाओं की जरूरत थी, वे केंद्र सरकार की पहल और केंद्रीय मदों से ही संभव हुईं। 5500 करोड़ से अधिक की आर्थिक सहायता और प्रधानमंत्री द्वारा घोषित अतिरिक्त पैकेजों से प्रभावितों को राहत पहुँचाने का प्रयास केंद्र की ओर से हुआ। इसके विपरीत राज्य सरकार द्वारा प्रभावितों तक संसाधन पहुँचाने में अक्सर देरी और शिथिलता देखी गई। ऐसे में कांग्रेस नेता केंद्र को कोसने से पहले अपनी चुनावी गारंटियों की जवाबदेही निभाएँ — यही प्रदेश की जनता की मांग है।
राकेश जमवाल ने कहा कि रिज मैदान पर आयोजित सरकारी कार्यक्रम को राजनीतिक मंच बनाकर कांग्रेस ने केवल भाषण और आरोपनों का तमाशा किया, जबकि वहां वास्तविक राहत कार्यों और योजनाओं की समीक्षा होनी चाहिए थी। उन्होंने पूछा कि तीन साल पहले जो बड़े वादे किए गए थे — क्या वे लागू हुए, कितने लाभार्थियों तक पहुँचे और इनके क्रियान्वयन का स्वतंत्र ऑडिट किसने किया? प्रदेश की महिलाएँ और आमजन यही जानना चाहते हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि अब झूठे वादों और दिखावटी घोषणाओं का समय खत्म हो गया है। कांग्रेस आलाकमान और राज्य सरकार को तुरंत सार्वजनिक रूप से बताना होगा — 1500 के नाम पर किए गए वादों का क्या लेखा-जोखा है, महिलाओं को मिले लाभ का प्रमाण कहाँ है, और अगर कमी है तो उसका कारण क्या है। राकेश जमवाल ने साफ कहा कि जिम्मेदारी से भागने का दौर समाप्त हो; हिमाचल की जनता जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग कर रही है और आगामी जनादेश में इसका फैसला कर देगी।
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